अधेड़ उम्र की आंटी : सायंकालीन चुदाई

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दोस्तों,
राहुल जवानी के मजे लेने में मस्त था तो पड़ोस में रहनेवाली आंटी रेवती मुझसे कई बार मजे ले चुकी है, ये मेरे सोसायटी में ही रहती है और मेरी मॉम से इनकी दोस्ती है तो घर आने जाने के क्रम में ही मेरी गंदी नजर इन पर पड़ी फिर रेवती आंटी और राहुल सारी मर्यादाओं को लांघते हुए शारीरिक संबंध बना बैठे। रेवती आंटी तकरीबन ४०-४१ साल की औरत है तो उनका लम्बा कद ( ५’६ इंच ) साथ ही बदन भरा पूरा और बूब्स काफ़ी बड़े बड़े को मैं प्यार कर चुका था, इनका गोल गुंबदाकार चूतड़ साथ ही मोटे चिकने जांघों के बीच फैली हुई चूत और लालिमा लिए फांक को चूमने का आनंद ही अलग था और एक शाम वो मेरी मॉम से मिलने आई तो मॉम घर पर नहीं थी, मैं घर में अकेला ही बैठकर टी वी देखने में मस्त था तो डोर बेल बजते ही दरवाजा खोलने गया और सामने रेवती आंटी खड़ी थीं, देखकर बोला ” अंदर आइए आंटी
( वो अंदर आकर बोली ) तेरी मॉम किधर हैं
( मैं बोला ) आप बैठिए आती ही होगी ” वो बैठी तो मैं किचन गया फिर एक ग्लास पानी लाकर उनको दिया तो वो नीले रंग की साड़ी और बिन बाहों वाली ब्लाऊज में मस्त दिख रही थी, उनके बूब्स पर नजर टिक सी गई तो वो ग्लास रखते हुए बोली ” पता नहीं नेहा कब तक आएगी, मैं चलती हूं
( मैं ) बैठिए आंटी, कॉफी बनाता हूं ” और मैं किचन चला गया फिर कॉफी बनाने लगा, मेरी मॉम कुछ देर पहले ही मार्केट के लिए निकली थी तो वो डेढ़ दो घंटे के पहले आने वाली नहीं थी और मेरी नजर रेवती के बूब्स पर इस क़दर टिक गई थी मानो बिना दूध पिए मुझे तस्सली ही ना हो, कॉफी लेकर आया फिर दोनों कॉफी पीने लगे और मेरी नजर उनके बूब्स सहित क्लीवेज पर जाने लगी तो रेवती बोली ” क्या हीरो आजकल तुम मेरे घर आना ही छोड़ दिए
( मैं बोला ) हां जब बोलिएगा आ जाऊंगा ” और दोनों की नजरें आपस में टकरा गई तो कप रखकर मैं उनके बगल में बैठा फिर उनके कंधे में हाथ डाले चेहरा को चूमने लगा तो वो कप रखकर मुझे चूमने लगी और दोनों सोफ़ा पर बैठे हुए एक दूसरे से लिपट कर चुम्बन क्रिया में मस्त हो गए। रेवती के गर्दन में हाथ डाले उसके ओंठ को चूमने लगा तो भले ये ४० साल की औरत है लेकिन इसकी काम इच्छा चरम पर हमेशा होती थी और फिर रेवती के ओंठ को मुंह में लिए चूसने लगा तो हाथ उनके सीने पर से पल्लू हटा दिया, अब उसकी बूब्स को ब्लाऊज पर से ही दबाने लगा तो वो मेरे शॉर्ट्स के उपर से ही लंड के उभार को पकड़ दबाने लगी, मेरा सुस्त पड़ा लंड उनकी मुठ्ठी में था तो ओंठ छोड़कर ज्योंहि अपना जीभ मुंह से निकाला वो अपना मुंह खोलकर मेरा जीभ अंदर ली फिर चूसते हुए मेरे शॉर्ट्स में हाथ घुसाने कि कोशिश करने लगी। रेवती के बूब्स को दबाता हुआ उसके हाथ का एहसास अपने शॉर्ट्स के अंदर पा रहा था तो वो मेरा जीभ चूसने में लिन थी, अब आंटी मेरे चेहरे को पीछे कर जीभ बाहर कर दी तो मैं उनके साड़ी को घुटने के ऊपर से पकड़ उपर की ओर उठाने लगा और रेवती खुद बेशरम की तरह अपने साड़ी और पेटीकोट को कमर तक किए बैठी रही फिर क्या था। राहुल अब आंटी के पैर के सामने बैठकर उसके कमर में हाथ डाले चूतड़ को सोफ़ा के किनारे पर किया फिर उसकी दोनों पैर सोफ़ा पर रख जांघों को फैला दिया, उसकी बुर पर छोटे छोटे बार थे तो मैं उसके छेद पर नाक रखकर सूंघने लगा और वो ” तू भी लेकिन एक नंबर का कुत्ता है
( मैं उसके बुर पर चुम्बन दिया ) हां साली जब तेरी बिटिया राधिका को चोदूंगा ना तब तेरी चूत को कोई कुत्ता भी नहीं पूछेगा ” तो रेवती का चेहरा गुस्सा में लाल हो गया और मैं अब चूत को फैलाकर उसमें जीभ घुसाए चाटने लगा, वो मेरे बाल सहलाते हुए मस्त थी फिर बुर की गहराई तक जीभ डाले चाटने लगा तो एक हाथ उसके बूब्स को पकड़ दबाने लगा, साथ ही बुर चाट ही रहा था कि अचानक डोर बेल बजने लगी ” ओह राहुल अभी ही नेहा को आना था ” मैं उठकर दरवाजा खोलने गया तो देखा कि न्यूज पेपर वाला बिल लेने आया है ” कल सुबह आकर पैसे ले लेना ” वो चला गया तो दरवाजा बंद कर आंटी के पास आया फिर उनके सामने खड़ा होकर शॉर्ट्स को नीचे कर उन्हें अपना अर्ध टाईट लंड दिखा दिया, वो मेरा लंड पकड़े उसके सुपाड़ा को अपने ओंठ पर रगड़ने लगी तो मैं एक पैर सोफ़ा पर रख दिया, अब आंटी मेरे लंड को मुंह में लेकर चूसने लगी तो मेरा हाथ उसके बाल सहलाने लगा फिर वो मेरे कमर में हाथ डाले मुंह का झटका दे देकर मुखमैथुन करने लगी तो मैं मस्त हो रहा था ” उह ओह मजा आ गया साली चूस आज तेरी मुंह में ही माल झाड़ता हूं ” और फिर रेवती मेरे थूक से सने लंड मुंह से निकालकर उसपर जीभ फेरने लगी तो मेरा ६-७ इंच लम्बा और दो इंच मोटा लन्ड लोहे की सलाख की तरह हो चुका था और वो मेरा लंड छोड़कर उठी फिर मुझसे लिपटे चुम्बन देने लगी ” राहुल अभी तुम मेरे अंदर की खुजली मिटा ही दो
( मैं उनके चूतड़ सहलाने लगा ) तो ठीक है अभी चोदता हूं तुझे ” फिर रेवती को डायनिंग टेबल के सहारे खड़ा कर दिया और वो दोनों कोहनी उस पर रखे अपने चूतड़ को उपर की ओर किए खड़ी थी, किसी चौपाया जानवर की तरह तो उसके चूतड के सामने मैं खड़ा था फिर उसके साड़ी पेटीकोट को कमर तक करके उसकी चूतड़ को सहलाने लगा और रेवती अपने जांघों को फैलाकर अब चुदाई को तड़प रही थी। राहुल उसकी बुर में सुपाड़ा घुसाने के बाद आराम से पूरा लंड पेल दिया फिर उनकी कमर पकड़े चुदाई शुरू कर दिया तो उसकी गद्देदार चूतड़ मेरे कमर से टकराकर घर्षण पैदा करने लगी और मैं आंटी को चोदता हुआ अपना हाथ उनके सीने पर लगाया, उनके बड़े बड़े बूब्स ब्लाऊज से निकलने को थे तो मैं उसे दबाता हुआ चुदाई करने में मस्त था और पल भर बाद रेवती अपने चूतड़ को हिलाने लगी तो दोनों चुदाई के नशे में चूर थे। रेवती की चूत में दे दनादन लंड पेलता हुआ मैं जल्दी झड़ने के फिराक में था कि कहीं चुदाई के दरम्यान ही मॉम घर नहीं आ जाए लेकिन लंड तो फिलहाल २-३ मिनट से ही चोद चोदकर गर्म हुआ था, अब रेवती अपने चूतड़ को स्थिर किए चुदवाने लगी तो मैं उनके बूब्स दबाता हुआ मस्त था ” उह उई राहुल अब बुर की गर्मी शांत होगी उह अब मेरा रस निकलने पर है ” फिर ७-८ धक्का देते ही उनकी चूत में रस की धार निकल पड़ी, मैं लंड को चूत से निकाल अब तौलिया से चूत को साफ़ किया फिर उसकी चूत में लंड पेल दिया, अबकी बार लंड का तिरछा वार चूत में कर रहा था तो रेवती खुद अपने गान्ड को हिलाने लगी और दोनों चुदाई के चरम पर थे ” ओह आह ऊं राहुल चोदते रहो बहुत दिनों के बाद तेरा लंड पाकर मजा आ गया
( मैं उनके बूब्स छोड़ बोला ) बस डार्लिंग, अब मेरी लंड दम तोड़ने पर है, कल कभी बुलाओ तो तेरी दिन भर चुदाई करूंगा ” फिर मेरा लंड वीर्य स्खलित कर ठंडा हो गया तो झटपट लंड निकाल वाशरूम गया तो पीछे से वो भी आकर फ्रेश हुई और फिर वो अपने घर चली गई।

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