अश्लील पुस्तक : बहन और भाई का प्यार

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दोस्तों
मेरी छोटी बहन विनिता किसी भी लड़के के स्पर्श से दूर थी और एक शाम वो अश्लील पुस्तक पढ़ रही थी जब मैं उसके रूम में गया फिर उसने पुस्तक को छुपाया भी लेकिन डर से खुद ही मुझे वो पुस्तक दे दी तो मैं राहुल अपने रूम में उस किताब को पढ़ते हुए हस्तमैथुन कर रहा था जब विनिता खिड़की से मुझे देख ली और उसने व्हाट्सएप पर मैसेज कर अपनी ओर से सेक्स के लिए पहल तक की, यकीनन विनिता बोल्ड लड़की है जिसने अपने दिल की बात जुबान पर लाई फिर भाई और बहन रात को एक दूसरे के साथ शारीरिक संबंध बनाए लेकिन सिर्फ ओरल सेक्स तक ही सीमित रहे फिर रात बीत गई। अगली सुबह मैं उठकर फ्रेश हुआ फिर नाश्ता करने बैठा तो विनिता भी साथ नाश्ता कर रही थी और वो लेगिंग्स कुर्ती पहन रखी थी, मुझे देख बोली ” कॉलेज छोड़ दोगे
( मैं बोला ) हां मुझे भी उधर ही कुछ काम है ” फिर दोनों नाश्ता किए और वो एक नोट्स बुक साथ ही कंधे में पर्स डालकर मेरे साथ निकली, मैं बाईक स्टार्ट किया तो वो मेरे पीछे दोनों पैर एक ही दिशा में किए बैठी और फिर मैं महसूस किया की उसका हाथ मेरे कमर पर है तो कुछ दूरी तय करने के बाद वो मुझसे चिपक गई और अपने दाहिने बूब्स मेरे पीठ से रगड़ने लगी, विनिता अपने हाथ को जानबूझकर मेरे पेंट के उस भाग पर रख दी थी जहां उसे लन्ड के उभार का एहसास होता तो मैं बाईक चलाते हुए मस्त था ” आज कितना क्लास है
( वो बोली ) दो क्लास तुम एक बजे आकर मुझे रिशीभ कर लेना ” विनिता को कॉलेज गेट पर छोड़ा फिर पास के मार्केट गया, जहां से एक बोतल बियर खरीदा फिर वही पास के पार्क में बैठकर बियर पीने लगा, आंखों के सामने विनिता का नग्न खुबसूरत बदन ही दिख रहा था जिसके साथ रात को प्यार किया था और बियर पीकर मैं उसी पार्क में बैठा रहा जहां से उसके कॉलेज की दूरी काफी कम थी, कुछ देर बाद मेरा मोबाइल बजने लगा तो मैं मोबाइल पॉकेट से निकाल देखा तो विनिता का कॉल था और मैं कॉल रिशिभ किया ” हां बोलो
( वो बोली ) मेरा दूसरा क्लास ऑफ है तुम कहां हो
( मैं बोला ) दस मिनट में कॉलेज गेट पहुंच जाऊंगा तुम इंतजार करो ” फिर मैं कुछ देर पार्क में ही बैठा रहा और फिर बाईक स्टार्ट कर उसके कॉलेज की ओर बढ़ा तो विनिता खड़ी थी और मुझे देख मेरी ओर आई, बाईक पर बैठी लेकिन इस बार दोनों पैर दो दिशा में किए साथ ही मुझसे इस कदर चिपक बैठी मानो मेरी प्रेमिका हो तो मैं बाईक स्टार्ट कर घर की ओर चल दिया और विजय नगर चौराहे पर वो बोली ” राहुल घर जाने का मन नहीं है
( मैं बोला ) तो फिर कहां जाना है
( वो बोली ) पंकी गैस प्लांट के पास जो पार्क है उसमें थोड़ी देर तक बैठकर बातें करते हैं ” मैं समझ रहा था की विनिता की इच्छा क्या है और उसका मन किसके लिए तड़प रहा है तो मैं उस पार्क के बाहर बाईक पार्क किया फिर दोनों अंदर जाने लगे, विनिता मेरे हाथ पकड़ ली और फिर दोनों पार्क के अंदर गए, एक तो गर्मी उस पर से दोपहर का समय पार्क में काफी कम लोग दिख रहे थे वो भी प्रेमी जोड़े तो दोनों एक जगह पर बैठे जहां एक विशाल बरगद का पेड़ था और उसकी आड़ में बैठकर विनिता पहले तो पानी का बोतल निकाल पानी पीने लगी तो मैं सिगरेट पीने लगा, विनिता बोतल रख मेरा हाथ पकड़ कर चूची पर लगा दी जिसको मैं दबाने लगा और वो मेरे पेंट के जिप को नीचे करने लगी तो मैं उसके बूब्स दबाता हुआ बोला ” कोई देख लिया ना तो समझना
( विनिता मेरे पेंट के बटन को खोल लन्ड को बाहर निकाल उसे हिलाने लगी ) कोई इधर नही आनेवाला आयेगा तो वो भी प्यार करने के लिए ” और मैं बहन की कुर्ती में हाथ घुसाया फिर ब्रा पर से बूब्स दबाने लगा, इतने में विनिता मेरे लन्ड के सामने चेहरा झुकाई तो मैं उसके चूतड को लेगिंग्स के ऊपर से ही सहलाने लगा और विनिता मेरे लन्ड को मुंह में लेकर चूसने लगी, मैं उसके चूतड पर हाथ फेरता हुआ कुर्ती को गर्दन तक कर दिया और वो ब्रा भी फ्रंट लॉक्ड पहनी थी जिसे मैं उतार कर बूब्स दबाने लगा, विनिता काम की मूर्त की तरह मुखमैथुन करते हुए मस्त थी तो मैं उसके चूची दबाता हुआ सोच रहा था की ये बहुत जल्द ही मुझसे चुदवायेगी, मेरा लन्ड उसके मुंह में टाइट हो चुका था तो बहन चेहरा का झटका देते हुए मस्त थी और मैं उसके मुलायम चूची को दबाते हुए चूतड सहलाने लगा ” आह उह और तेज चूस मेरे लन्ड को, तू तो एक नंबर की चुदासी लौंडिया है
( वो लन्ड मुंह से निकाल दी ) अच्छा तो क्या मैं वर्जिन नही हूं
( मैं बोला ) सॉरी बेबी ऐसे ही बोल दिया, चल अब दूध पिला ” तो वो शर्म के मारे चेहरा झुका ली और मैं उसके गोद में सर रखकर उसके कुर्ती को गर्दन तक किए मुंह को बूब्स पर लगाया और चूची चूसने लगा तो वो मेरे सर के पीछे हाथ लगाकर स्तनपान कराने लगी साथ ही मेरे लन्ड को पकड़ हिला रही थी ” आह ओह उह बुर में इतनी खुजली
( मैं चूची मुंह से निकाला ) डार्लिंग इससे तो सुरक्षित घर होता
( वो हंस दी ) अब चेहरा इधर और चूसना शुरू ” मैं अबकी बार उसकी बाईं चूची मुंह में लेकर चूसने लगा और दाहिने चूची को दबाता हुआ मस्त था तो बहन मेरा लन्ड पकड़े हिलाने में मस्त थी, मैं विनिता की चूची चूसने में लीन था तो वो आहें भर रही थी ” आह उह उई यही मुझे नंगा कर चोद दो, लेकिन मैं तो उसे बंद कमरे में आराम से चोदता, चूची चूसकर उठा फिर पेंट ठीक करके थोड़ी दूरी पर जाकर मूतने लगा और वापस आया तो विनिता मुझे देख बोली ” क्या तेरा झड़ गया
( मैं बोला ) उहुँ इतनी जल्दी संभव नहीं क्यों क्या विचार है
( वो बोली ) उसके रस पीकर ही जाऊंगी ”
दोनों बरगद के पेड़ के नीचे थे और अब मैं उसके सामने खड़े खड़े पेंट को उतार दिया और विनिता झट से घुटनो के बल होकर मेरे लन्ड को पकड़ मुंह में ले ली फिर चूसते हुए मेरे कमर में हाथ लगाई और चेहरा आगे पीछे करते हुए मुखमैथुन करने लगी, मैं इधर उधर देख रहा था लेकिन इस गर्मी में कौन यहां आता, दोनों पसीने से लथपथ थे फिर भी विनिता अपने मुंह का प्यास बुझाने में लगी हुई थी और अब मैं उसके सर के पीछे हाथ लगाया फिर मुंह में लन्ड का धक्का देते हुए उसकी मुंह को ही चोदने लगा तो उसका चेहरा लाल हो चुका था, आंखे बंद थी तो उसके मुंह में लन्ड देख मुझे अच्छा लग रहा था और फिर वो मुंह से लन्ड निकाल दी फिर जीभ से चाटने लगी तो मैं बोला ” इसको अब दो चार मिनट तक हिलाओगी तब झड़ेगा ” विनिता मुझे बैठने को बोली फिर मेरा लन्ड पकड़े हिलाने लगीं साथ ही मेरे ओंठ को जीभ से चाटना चालू की तो मैं विनिता के गर्दन में हाथ डाले उसके जीभ मुंह में लिए चूसने लगा और वो मेरे लन्ड को हिलाने में लगी हुई थी, मैं तो विनिता के जीभ को चूसते हुए उसके बूब्स को दबाने लगा और कुछ देर में जीभ मुंह से निकाल दिया ” चूस लो तो रस चखने को मिलेगा ” और बहन झट से घुटनो के बल हुए मेरे लन्ड मुंह में भरकर चूसने लगी और मैं उसके बाल को पकड़ उसके चेहरे को ऊपर नीचे करते हुए लन्ड चुसवाने लगा और आहें भर रहा था ” आह ओह उह अब निकल जाएगा चूस साली रण्डी ” इतने में लन्ड से वीर्य निकलने लगा और वो वीर्य उसकी मुंह में चला गया जिसे वो पीकर लन्ड मुंह से निकाल दी, बोतल खोल पानी पीने लगी तो मैं झट से पैंट पहन लिया और दोनों कुछ देर बाद वहां से निकल गए, रात तो विनिता हद ही कर दी, अगले भाग में पढ़िए।

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