चचेरी बहन रेखा की चुदाई

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मेरे छोटे चाचा की बड़ी लड़्की कानपुर मे ही पढाई कर रही है ! हमदोनो का मिलना जुलना लगा ही रह्ता है लेकिन दोनो अक्सर ही शारिरिक सुख की खोज मे लगे रहते है, अवसर मिलते ही दोनो सुनसान इलाके के लिये निकल पड़ते है, एक नदी के किनारे हमदोनो कई बार शारिरिक सुख ले चुके थे लेकिन रेखा की बुर का सील एक होट्ल के बंद कमरे मे तोड़ा था ! रेखा आज सुबह मुझे फ़ोन की तो मै उससे मिलने उसके गर्लस होस्टल चला गया, आज उसके क्लासेस कोचिंग़ मे नही थे ! 10 :15 बजे मै उसके होस्टल पहुंचा तो वो मेरा इंतज़ार कर रही थी, एक मिनी स्कर्ट के साथ टोप्स पहन रखी थी तो उसके कमर से सपाट पेट तक नग्न थे और साथ ही उसके चिकने जङ्हा का अधिकतर हिस्सा नग्न था, वो सेक्सी लड़्की दिख रही थी तो मै उसको बोला…. “आज किधर चलने का मन है

(रेखा शर्माते हुए) जिधर तुमहारी मर्जी वैसे वो नदी का किनारा ठीक रहेगा. ”

मेरे साथ रेखा बाईक पर चिपककर बैठी थी तो मै उसको लेकर देल्ही कानपुर हाईवे पर था, लेकिन उससे पहले एक जगह बाईक रोक कर एक बियर का केन खरीदा और फ़िर दोनो निकल पड़े…… लगभग आधे घंटे की यात्रा के बाद हमदोनो उस नदी के किनारे पहुंचे तो रेखा बाईक से उतरकर घांस पर बैठ गयी और वो इतना छोटा स्कर्ट पहन रखी थी की उसके जङ्हा को आसानी से नग्न देखा जा सकता था ! मै उसके बगल मे बैठकर बियर पीने लगा और साथ मे सिगरेट भी पी रहा था, बियर पीने के बाद मै रेखा को अपने गोद मे बिठाया, वो अपने दोनो पैर को मेरे कमर से लपेटे मुझसे चिपककर बैठी थी, उसके दोनो बुब्स मेरे छाती से दब रहे थे ! रेखा मेरे ओंठ को चुसने लगी तो मेरा हाथ उसके नग्न पीठ पर था, उसको सहला रहा था तो वो अपने जिभ को मेरे मुह्न मे भरकर मुझसे चुसवाने लगी जबकी मेरा हाथ उसके स्कर्ट को कमर तक कर रहा था ! रेखा अपने चुत्तर को थोड़ा उपर करके स्कर्ट को कमर तक कर दी और मै जिभ चुसता रहा, जिभ को पल भर बाद छोड़ा तो वो मेरे गर्दन को चुम रही थी जबकी मै रेखा के गांड़ को सहला रहा था ! उसकी मस्ताई गांड़ पेंटी मे थे, तो मै रेखा की पेंटी के हुक या ड़ोरी को खोज रहा था !

रेखा मेरे गोद से उतरकर मेरे सामने ही खड़े-2 पेंटी को निचे की ओर कर दी तो मै उसके स्कर्ट को कमर तक करके बुर देखने लगा! रेखा बेशर्म लड़्की की तरह अपने दोनो टांग़ को फ़ैलाकर बुर को सहलाने लगी…. “ले बे कुत्ते चाट इसे. ” मै उसके पैर के पास बैठा था और उसकी मोटी -2 जङ्हा को चुमने लगा तो मेरा हाथ उसके मांसल गांड़ को सहला रहा था ! अब मै रेखा की चुत को चुमने लगा तो वो सिसकने लगी “ऊह्हह उम्मम आह्हह राहुल बुर मे कितनी खुजली हो रही है ” और मै रेखा की बुर को उंग़ली की मदद से फ़ैला दिया, फ़िर मेरा जिभ रेखा की बुर को चाट रहा था तो उसकी दोनो पैर कांप रही थी ! रेखा की बुर टाईट थी हलांकि वो 3-4 चुदाई का मजा ले चुकी थी, मै कुत्ते की तरह रेखा की बुर को जिभ से चोद रहा था तो वो “अबे साले कुत्ते बुर को चुस ना… ” तो मै बुर के फ़ांक को मुह्न मे लेकर चुभलाने लगा और वो “चुस साले आह्हह मेरे बुर से पानी निकलने वाला है “कहकर सिसकने लगी, पल भर बाद उसकी बुर के रस का स्वाद लिया !

मै पास मे जाकर पिसाब किया और फ़िर लंड़ को पानी से साफ़ करके वापस आया तो रेखा मेरे सामने खड़ी होकर मेरे जिंस पर हाथ लगा दी, वो मेरे जिंस और चड़्ही को उतारकर लंड़ को थाम ली ! रेखा मेरे सामने पैर के पास बैठी हुई थी तो मै खड़े-2 उसको देख रहा था, वो लंड़ के मांसल सुपाड़ा को अपने गाल पर रगड़ने लगी और फ़िर रसिले ओंठ पर सुपाड़ा ऐसे फ़ेर रही थी मानो वो लिपिस्टिक लगा रही हो ! मुझसे नज़र मिलाते हुए वो सुपाड़ा सहित आधे से अधिक लंड़ को मुह्न मे भर ली और चुभलाने लगी, मेरा खड़ा लंड़ उसके मुह्न का प्यार पाकर मस्त हो रहा था तो वो कुछ देर लंड़ चुसने के बाद मुह्न से बाहर कर दी और अपने जिभ को लंड़ पर फ़ेरते हुए मस्त थी, रेखा लंड़ को चाटकर उठी और मेरे सिने से लगकर बोली…… “राहुल अब बर्दास्त नही हो रहा है

(राहुल उसकी गांड़ सहलाता हुआ) अभी चोदता हु

(रेखा मुझे चुम रही थी) आज एक टेब्लेट लेकर आई हु उसे अंदर ड़ालकर ही

(राहुल) ओह लेकिन उस दवाई का क्या मतलब

(रेखा) मुझे गर्भवती नही होना है. ” मै अब रेखा को घांस पर लिटाकर उसके स्कर्ट को कमर तक किया और वो मुझे अपने पर्से से दवाई निकालकर दे दी तो मै उस गर्भ निरोधक दवाई को रेखा की बुर मे उंग़ली की मदद से घुसाने लगा, पुरी तरह से वो टेब्लेट बुर के अंदर घुसा दिया और उसके दोनो जङ्हा के बिच घुट्ने के बल बैठ गया ! मै उसके गांड़ के निचे हाथ ड़ालकर उसके बुर को थोड़ा उपर और अपने लंड़ के सिध मे किया, अपना लंड़ पकड़े सुपाड़ा को बुर मे पेलने लगा और आधा लंड़ तो आराम से बुर मे चला गया, फ़िर एक जोर का झट्का बुर मे दिया तो लंड़ बुर को चिरते हुए अंदर जा चुका था और रेखा चिंख उठी……. “ऊईइ बाप रे कितना मोटा लंड़ है तेरा, बुर फ़ाड़ कर रख देगा क्या….. ” लेकिन मै रेखा को चोदता रहा और उसके बदन पर औंध कर तेज चुदाई करने लगा !

घांस पर लेट्कर रेखा की चुदाई कर रहा था, वो टांग़ फ़ैलाये ज़मीन पर सो रही थी तो मै उसपर सवार होकर चुदाई कर रहा था ! रेखा मेरे लंड़ से चुदवाकर सिसक रही थी तो मै 5-7 मिनट चोदने के बाद हांफ़ रहा था, वो मेरे ओंठ और गाल को चुमने लगी और फ़िर मै रेखा की चुत से लंड़ निकाल कर उसको घांस पर ही कुत्तिया बनाया ! उसके नितम्ब के सामने घुट्ने के बल होकर अपना लंड़ उसकी बुर मे ड़ालने लगा, बुर मे पहले तो थुका और फ़िर लंड़ ड़ालकर तेज चुदाई करने लगा, वो अब अपने चुत्तर को आगे पिछे करते हुए मेरे मुसल लंड़ का मजा ले रही थी तो मै दे दनादन लंड़ पेल पेलकर रेखा की बुर चोद रहा था ! रेखा भी पुरे मजे के साथ अपने चुत्तर को हिला ड़ुलाकर चुद रही थी तो मै उसके सिने पर से झुलते स्तन जोकी टोप्स मे थे को मसलने लगा और वो “आह्हह राहुल ऊह्हज बुर मे आग लगी हुई है साले

(राहुल चोदता हुआ) जानु मेरा लंड़ भी झड़ने पर है आह्हह्ह ये लो रांड़ पिलाओ अपनी बुर को….. ” और लंड़ बुर मे विर्य झाड़कर शांत पड़ गया, फ़िर दोनो नदी के पानी से अपने लंड़ और बुर को साफ़ किये, थोड़ी देर बाद वापस घर के लिये निकल पड़े !

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