छोटी मौसी के साथ पार्क में रोमांस

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फ्रेंड्स,
ये दुनिया कि सबसे खूबसूरत वस्तु है, या यों कहें कि प्रकृति की अनोखी उपज…… औरत…… इस शब्द की जितनी तारीफ की जाए कम है और कहिए तो इसमें ही दुनिया की सारी खुशियों का खजाना है। राहुल मल्होत्रा को सुंदर, खूबसूरत और जवान लड़की / औरत से कुछ ज्यादा ही लगाव है तो मेरी मौसी स्नेहा आज ही मेरे घर आया है, उसकी कामुकता ने मुझे मजबुर कर दिया कि उसको वाशरूम में ही चोद दूं और २८-२९ साल की सेक्सी महिला को चोदकर मैं मस्त हो उठा तो उनके मध्यम आकार की चूचियां, चिकने जांघों के साथ उसकी चुत की मोटी फांकों ने मुझे महीनों बाद उन्हें चोदने को उत्सुक कर दिया था तो उनके गोल गुंबदाकार चूतड़ काफी सेक्सी थे। मौसी के साथ उनका बेटा भी था तो दिन हम लोगों का बातचीत और कामों में ही बीत गया, शाम को मैं हर दिन की तरह टहलने को निकल रहा था कि मौसी डायनिंग हॉल में बैठे हुए बोली ” अरे राहुल, क्या तुम पैदल टहलने जा रहे हो या बाईक से
( मॉम ) काहे स्नेहा कुछ काम है तुमको
( स्नेहा ) हां, एक दो काम तो है लेकिन पैदल मैं मार्केट नहीं जानेवाली
( राहुल ) कोई नहीं, बाईक से चलिए ” तो मौसी उठकर रूम चली गई और मैं समझ गया कि ये तैयार होने गई है और उनका बेटा मोबाईल पर गेम खेलने में लीन था तो उससे पूछा ” चलेगा मार्केट
( वो ) नहीं मुझे अभी गेम खेलना है ” फिर स्नेहा मौसी रूम से बाहर निकली तो उनके ड्रेस कुछ पल तक देखता रहा, टाईट लेगिंग्स साथ में बिन बाहों वाली कुर्ती पहन सेक्सी दिख रही थी तो वो अपने बेटा को मोबाईल और मेरी मॉम के भरोसे छोड़कर मेरे साथ निकल पड़ी। राहुल बाईक स्टार्ट किया और स्नेहा मेरे पीछे बैठी वो भी दोनों पैर दो दिशा में किए लेकिन थोड़ी दूरी बनाए और जैसे ही बाईक सोसाइटी से बाहर निकला मौसी मुझसे चिपके बैठ अपनी एक हाथ मेरे कमर में डाल दी, ऐसे कर रही थी मानो कोई प्रेमी युगल हो तो मैं मुड़कर देखा ” मार्केट में कुछ काम भी है या सिर्फ घूमने जा रही है
( मौसी अपनी चूचियां मेरे पीठ पर रगड़ने लगी ) अरे मेरे बेबकुफ भतीजे तुझे नहीं पता कि तेरी मौसी की पहली पसंद तू ही है, तीन चार दिन रहूंगी तो कुछ ना कुछ रगड़वा कर ही स्वाद लूंगी ” दोनों मार्केट पहुंचे तो स्नेहा मेरे हाथ थामे मेरे साथ शॉपिंग मॉल की ओर जाने लगी, दोनों के बीच ७-८ वर्ष का अंतर लेकिन फिर भी परफेक्ट जोड़े लग रहे थे, पहले एक कॉफी शॉप घुसे तो मौसी ऑर्डर देने के बाद बोली ” मौसम भी काफी रोमांटिक है ना राहुल
( मैं उनके बूब्स को ध्यान से देखता हुआ ) हां, लग तो रहा है बेबी ” वक़्त शाम के ०६:३० हो रहे थे तो फरवरी महीना की शाम जल्द ही अंधकार हो जाती है और दोनों कुछ देर तक कॉफी शॉप में साथ बैठकर कॉफी पिए फिर स्नेहा बोली ” राहुल, आसपास कोई ऐसी जगह जहां दोनों कुछ देर साथ बिता सकते हैं
( मैं ) हां पास में ही तो नगर निगम का पार्क है, वहां कुछ देर क्या पूरी रात साथ बिता सकते हैं ” तो दोनों एक दुसरे के इशारे को समझ कॉफी शॉप से बाहर निकले फिर वो बाईक पर बैठ मेरे साथ पार्क की ओर चल पड़ी, रास्ते में दो केन बियर खरीद लिया तो मेरी मौसी भी कभी कभार ड्रिंक्स लिया करती थी, दोनों पार्क के अंदर घुसे तो कई प्रेमी जोड़े वहां बैठ बातें कर रहे थे तो स्नेहा मेरे हाथ थामे पार्क के आखिरी छोर की ओर लेती गई और मैं उनके चूतड पर एक थप्पड़ जड़ दिया ” वाह तुम तो इस जगह के बारे में मुझसे अधिक जानती हो ” स्नेहा कुछ नहीं बोली और दोनों झाड़ियों के झुंड के पीछे घांस पर बैठ गए तो मैं अपने दोनों पॉकेट से बियर निकाल रखा फिर एक सिगरेट जलाया, स्नेहा बियर का केन खोलकर पीना शुरू कर दी तो दोनों आमने सामने बैठे बियर पीने लगे साथ ही सिगरेट फूंक रहा था।
स्नेहा मेरे जांघ पर हाथ फेरते हुए अपना हाथ जींस के ज़िप पर लगाकर उसे खोलने लगी तो मैं बियर की केन रखकर उनके गोल बूब्स ही दबाने लगा फिर मौसी मेरे से सिगरेट लेकर पीने लगी तो मैं जल्दी में बियर पीकर दोनों हाथ उसकी चूचियों पर लगाकर दबाने लगा, मौसी बियर पीकर मस्त हो चुकी थी और उसके दोनों हाथ मेरे बदन पर लगे थे ” उह ओह राहुल जरा धीरे धीरे दबाओ “। पल भर बाद मेरा जींस कमर से नीचे जांघ तक आ चुका था तो लंड फिलहाल सुस्त ही था और स्नेहा उसे मुट्ठी में लेकर जोर जोर से दबाने लगी तो मैं उनके कुर्ती के अंदर अपना हाथ घुसा दिया, उनके एक हाथ मेरे लंड दबाने में मस्त थे तो दूसरे हाथ से वो मेरे अंडकोष को पकड़ रखी थी और मेरा सोया शेर अब जागने लगा तो मैं उसकी चूची ब्रा पर से ही दबाने लगा। स्नेहा मेरे लंड छोड़कर मेरी गोद में आ गई और अब दोनों एक दुसरे के चेहरा को चूमने लगे, उसके पीठ सहलाता हुआ कुर्ती को कमर से थोड़ा उपर किया फिर हाथ लगाकर नग्न पीठ सहलाने लगा तो स्नेहा मेरे गर्दन में हाथ डाले मेरे ओंठ को ही जीभ से चाटने लगी तो मैं उसके जीभ मुंह में लिए चूसने लगा, उसके चूतड की गोलाई को सहलाता हुआ स्तन का दबाव अपनी छाती पर पा रहा था और दोनों इस क़दर सेक्स में मस्त थे कि ये पार्क है, यहां तक भूल चुके थे। स्नेहा के मुंह से मेरे मुंह में लार आने लगा और दो मिनट तक फ्रेंच किस्स करने के बाद मैं मौसी के जीभ को निकाल अपने आपको नियंत्रित करने लगा। राहुल का लंड दोनों के कमर के बीच लंबवत अवस्था में फंसा हुआ था तो स्नेहा ” तुम इस चुम्बन क्रिया में मुझसे हार गए
( मैं स्नेहा के कुर्ती में हाथ डालकर ब्रा के हुक खोल दिए ) यस सेक्सी, तेरे से तो मेरी हार तय है, अब तेरी दूध पियूंगा ” वो मेरे गोद से उतरकर इधर उधर देखने लगी फिर मेरा लंड पकड़ हिलाना शुरु कर दी ” तुम खड़ा हो जाओ, वैसे भी इधर कुछ खास रोशनी नहीं है ” समझते हुए उसके सामने लंड पकड़े खड़ा हुआ तो स्नेहा अपने दोनों पैर के बल बैठकर मेरा लन्ड पकड़ी फिर मुंह खोल उसे निगल गई तो राहुल का जींस और कच्छा पैर तक जा पहुंचा था और मौसी के मुंह में लंड डाले मैं उनके बाल को कसकर पकड़ा फिर लंड का धक्का उसके मुंह में देता हुआ उसकी मुंह को ही चोदने लगा तो उसका गोरा मुखड़ा लाल हो चुका था और वो मेरे कमर में हाथ डाले खुद सर का झटका देते हुए मुखमैथुन करने लगी ” उह ओह सेक्सी चूसती रह आज तेरी मुंह में ही रस झाडूंगा ” पल भर बाद वो लंड को निकाल दी फिर मैं जमीन पर बैठ गया तो स्नेहा मेरे लंड के सामने चेहरा झुकाए उसे चाटने लगी तो मेरा हाथ उसके कुर्ती को गर्दन तक करके पहले तो फ्रंट फेस लॉक ब्रा को हटाया फिर चूची को पकड़ मसलने लगा ” उह ओह अब छोड़ो मौसी “……….. to be continued.

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