जिया की कामुक गाथा : भाग २

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फ्रेंड्स
जिया अपने मौसेरे भाई विनय के साथ हमबिस्तर हो चुकी थी तो मुझे उनके मोटे लम्बे लन्ड से चुदाने में बेहद मजा आ रहा था, बिस्तर पर लेटे हुए इस सोच में थी की कैसे सेक्स को और मजेदार बनाया जाए, एक तरफ मेरी बुर ५-६ मिनटों से लन्ड का धक्का सह सहकर अग्नि कुंड बन चुकी थी तो विनय का लन्ड अब बुर में खंजर की तरह चुभने लगा, मैं नंगे उठकर डाइनिंग हॉल गई फिर बटर की टिकिया लेते हुए रूम आई तो विनय बेड पर बैठा हुआ था, मुझे देख मुस्कुराया ” वाह लगता है बेबी का मूड बदल गया
( मैं बोली ) उहुं बस लहर रही है इसलिए थोड़ा इसका यूज कर डालो ” और विनय बटर की टिकिया हाथ में लिया तो मैं टांगे चिहारे बिस्तर पर लेट गई, विनय मुझसे तकिया मांगा फिर चूतड के नीचे लगाकर बुर को सहलाने लगा और बटर की टिकिया लेकर बुर के ऊपरी हिस्से में लगाया फिर झुककर मेरी बुर को जीभ से चाटने लगा तो मैं खुद ही उंगलियों की मदद से बुर फैला दी और विनय उसमें पूरा टिकिया घुसाया फिर बुर के अंदर ही उसे रगड़ने लगा, बुर की गर्मी को राहत मिल रही थी लेकिन बटर से अंदर चिकनाहट और चिपचिप भी लग रहा था, अब वो झुककर मेरी योनि मार्ग में जीभ घुमाने लगा तो जिया आहें भरने लगी ” उह उफ अब जीभ से नहीं लन्ड से चोदो ना ” लेकिन विनय तो बुर का स्वाद वो भी बटर लगाकर ले रहा था और मेरे कमर से पेट तक को सहला रहा था उसका हाथ पकड़े अपने बूब्स पर लगाई फिर वो मसलने लगा, पूरे बदन में सिहरन सी हो रही थी तो शारीरिक संबंध बनाते वक्त की मस्ती का एहसास मुझे पहले से था साथ ही मर्दों को कैसे बिस्तर पर तृप्त किया जाए इसका अनुभव भी था तो मेरी चूत में जीभ घुसाए विनय चाटता रहा और मैं आहें भरते हुए ” आह हुआ बस करो मेरी बुर रसीली हों गई ” बुर से रस झाड़ दी तो भाई बुर से जीभ निकाला फिर मुझे डॉगी स्टाइल में होने को बोला और मैं अपने घुटनों और कोहनी के बल होकर पीछे देखी तो विनय अपने घुटनों के बल हुए लन्ड पकड़े बुर में घुसाया, पूरा लन्ड बुर में घुसाए चोदने लगा तो रसीली चूत में लन्ड गपागप अंदर बाहर होने लगा और फिर मैं अपने गांड़ को हिलाना शुरू की तो विनय मेरे छाती से लगे स्तन को पकड़ दबाए जा रहा था ” बेबी तुम गजब की सेक्सी और हॉट हो
( मैं चूतड को हिलाते हुए बोली ) तारीफ करने से कोई फायदा नहीं डियर पैसे तो लूंगी
( वो चोदता हुआ हंस दिया ) जरूर रानी बोलोगी तो और भी दोस्त मेरे हैं जोकि कॉल गर्ल के पास जाकर खुशी पाते हैं
( मैं चुदाते हुए बोली ) ठीक है लेकिन रिश्ते के बारे में मत बताना, सिर्फ मेरा मोबाइल नंबर दे देना ताकि मैं खुद से बातें कर सकूं ” और उसका लन्ड मेरी बुर में रगड़ा देते हुए मुझे मस्त कर रहा था, मुझे भी महीने में तीन चार बार चुदाने की इच्छा होती थी इसलिए मैंने ये रास्ता अपनाया था ताकि मस्ती के साथ पैसे भी बना सकूं, विनय चोदता हुआ हांफने लगा तो मैं दुबारा चूतड को स्प्रिंग की तरह हिलाने लगी और मेरी गांड़ के खरबूजे से फांक की लचक देख कोई भी मेरा दीवाना बन सकता था और फिर विनय लन्ड को बुर से निकल लिया तो मैं वाशरूम जाकर छर छर मूतने लगी और फ्रेश होकर बाहर आई तो विनय बेड पर लेटा हुआ था, उसके टाईट लन्ड देख मैं क्या मेरी मां भी चुदवा लेती और मैं उसके लन्ड के पास बैठकर बोली ” लन्ड पर बैठकर चुदवा लूं
( वो बोला ) साली तुझे जैसे चुदवाना हो चुदवा ले ” और फिर मैं उसके लन्ड को पकड़ पहले तो उसपर थूकी फिर सहलाने लगी तो विनय हंसते हुए बोला ” तू अभी से पैसे कमाकर करती क्या है
( मैं उसके लन्ड के ठीक ऊपर चूतड किए बैठी तो जांघों को फैला रखी थी ) क्या करूंगी, अपने बदन को मेंटेन रखने और ब्यूटी पार्लर में सजने संवरने में खर्च करती हूं ” तो भाई मेरे कमर को कसकर पकड़ा और मैं खुद लन्ड को पकड़ बुर में घुसाने लगी, बुर तो दो बार रसीला हो चुका था इसलिए आराम से २/३ लन्ड अंदर ले ली फिर विनय मेरे कमर को कसकर पकड़े नीचे से धक्का देकर चोदने लगा तो मैं चूतड ऊपर नीचे करते हुए चुदाने लगी और विनय चोदता हुआ मेरे बूब्स को भी दबाने लगा, साले का गर्म लन्ड उस पर से मोटा तो यकीनन बुर का हाल खराब हो चुका था फिर भी चूतड ऊपर नीचे करते हुए कुछ देर तक लन्ड का धक्का खाती रही, विनय अब मेरी बाहों को सहलाने लगा तो मैं थोड़ा स्थिर होकर उसके बदन पर औंध गई और अपने चूतड को आगे पीछे करते हुए चुदाई का आनंद लेने लगी, मेरे स्तन उसके छाती के ऊपर थे तो विनय मेरे चूतड पर हाथ फेरता हुआ धकाधक चोदने लगा, मैं तो बिलकुल रण्डी की तरह उसके ऊपर सवार हुए चूत चुदाई करवा रही थी और वो ” उह आह साली इलाहाबाद की सारी रण्डी तेरे सामने फेल है
( मैं उसके ओंठ चूम ली ) वो समझी लेकिन क्या तेरा लन्ड सुस्त भी पड़ेगा या ” वो चुप रहा लेकिन उसके लन्ड की गर्मी कहानी बयां कर रही थी, में अपने जिस्म को आगे पीछे करते हुए लन्ड का मजा ले रही थी लेकिन अब दस मिनट हो चुका था सो वीर्य की चाहत थी और विनय धक्का देता हुआ हांफने लगा ” अब साली तेरी चूत में रस झाड़ूंगा ” तो मैं अपने चूतड को स्थिर कर ली और विनय के धक्के को सहने लगी, ज्योंहि मुझे बुर में वीर्य स्खलित होने का एहसास हुआ मैं अपने जिस्म को सीधा कर उसके लन्ड पर बैठी और फिर उठकर उसके लन्ड मुंह में लेकर वीर्य का स्वाद चखने लगी, विनय और मेरी ये पहली चुदाई थी, अभी साला एक बार ज़रूर चोदेगा फिर रात बीतेगी।

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