जिया की चढ़ती जवानी : भाग-२

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मित्रों,
पिछले भाग में आपने पढ़ा कि कैसे मैं अपने भाई नितिन को रिझाई तो मकसद साफ था कि इनके कड़े पहरे के बावजूद मैं अपनी जवानी का मज़ा ले सकूं और इसे आप सरकारी महकमे के शब्दों में रिश्वत कहते हैं, देर रात नितिन मेरे बेड पर नंगा पड़ा था तो मुझे एक बदमाशी सूझी और मैं बेड पर से उठकर अपने वार्डरोब से एक इंच फीता निकाली, बेड पर आईं और उनके टाईट लंड पकड़े इंच फीता से नापने लगी तो नितिन मुस्कुराने लगा ” क्या मेरे लंड की नाप सोशल मीडिया पर डालोगी
( मैं अपने चूत सहलाते हुए बोली ) हां इस मीडिया में घुसेड़ लूंगी, लम्बा है वो भी ५ १/२ इंच तो चूसकर ये आधे फीट का हो जाएगा ” तो भैया कुछ नहीं बोले और मैं अब लंड का चमड़ा नीचे कर सुपाड़ा को ओंठ पर रगड़ने लगी, बहुत मजा है बहनों इस सुपाड़ा को ओंठ पर लिपिस्टिक की तरह लगाने में, वैसे भी मुझे तो लंड चूसने में जो आंनद आता है वो वेनिला फ्लेवर आईस क्रीम भी खाने में नहीं और नितिन के सुपाड़ा सहित लंड मुंह में लिए चूसने लगी तो वो चूतड थोड़ा उपर किए पूरा लंड ही मुंह में पेल दिया और सुपाड़ा गले में अटक गई थी लेकिन तभी उसके कमर को पकड़ मैं चूतड नीचे की फिर किसी वैश्या की तरह मुंह में लंड लिए झटका देते हुए मुखमैथुन करने लगी, यकीनन पोर्न मूवी का मुझ पर असर पड़ा था और जिया अब मस्त होकर लंड चूसे जा रही थी तो मेरी चूत की फांकें अब गुलाब की पंखुड़ियां की तरह खिल उठी साथ ही चूत की गरमी से लग रहा था मानो जल्द ही अंदर बारिश होगी तो भैया के लंड को ओंठो के बीच लिए चूसने लगी और एक बार जानबूझकर उसपर दांत भी गड़ाई तो नितिन चींखं उठा ” ओह साली रण्डी लंड को जख्मी मत कर ” और जिया उनको देख मुस्कुराते हुए मुखमैथुन का आंनद ले / दे रही थी, तभी मेरे चूत की रस प्रस्फुटित हो गई तो चूत गीला और बाहर रस निकल चादर पर गिरने लगा, अब नितिन मेरे बाल सहलाते हुए बोला ” ओह तुम तो वीर्य निकाल कर ही दम लोगी
( मैं मुंह से लंड निकाली ) तो क्या जमा पूंजी हमेशा बैंक में ही रखेंगे, कभी तो खर्च कीजिए ” फिर उनके अंडकोष को पकड़ दबाने लगी तो नितिन उठकर बैठा, मेरे गाल सहलाते हुए पूछा ” यदि तुम अब भी कुंवारी हो तो फिर सिर्फ रस निकाल दो मैं तुम्हारे कुंवारेपन को भंग नहीं करूंगा
( मैं उनके गोद में जांघें फैलाए बैठी और मेरे दोनों पैर उनके कमर से लिपट गए थे ) नितिन आज नहीं लेकिन कल रात तू ही मेरे चूत पर पहली छाप छोड़ेगा, आज की रात सिर्फ ओरल सेक्स ” तो उसके छाती से बूब्स रगड़ते हुए ओंठ चूम ली फिर नितिन अपना जीभ मेरे मुंह में घुसाए चुसवा रहा था, मैं उसकी रानी की तरह गोद में बैठ मस्त थी तो उसका हाथ अब मेरे चूतड के नीचे गया और वो मेरे गीले चूत में उंगली घुसाने लगा और उंगली से बुर को कुरेद रहा था। नितिन की जीभ चूस मैं कामुकता वश चुदवाने को बेकरार थी फिर मैं उसके मुंह से जीभ निकाल ली, पूछी ” अपनी छोटी बहन की चूत के रस का स्वाद नहीं चोखोगे
( वो मुझे गोद से उतार लिटाया ) क्यों नहीं बेबी ” अब जिया दोनों पैर हवा में किए चूत चमकाने लगी तो नितिन मेरे चूत पर मुंह लगाए अब दोनों पैर कंधे में फंसा लिया और मैं थोड़ा सा चूतड उपर उठाए उसके गले में ही पैर लपेट दी, वो मेरे चूत को जीभ से चाटते हुए मेरे चूतड के नीचे हाथ डाले हुआ था तो जिया की कम लंबाई की वजह से पैर को सीधे उपर किए उनके गल में लपेट पाना नामुमकिन था और नितिन किसी गली के कुत्ते की तरह लपलप जीभ घुसाए बुर का रस चाट रहा था और ऐसे समय में तो लड़कियां और महिलाएं गौरवान्वित महसूस करती हैं आखिर योनि को मुंह से चूमना, चाटना हर कोई नहीं करता लेकिन मॉडर्न ख्यालात की लड़कियां और लड़के मुखमैथुन करने में अधिक दिलचस्पी लेते हैं। जिया के बदन में काम की ज्वाला भड़की हुई थी तो नितिन बुर को चाटने में लीन था ” ओह उह प्लीज़ अब छोड़ो रस का कतरा कतरा चाट चुके हो ” तो नितिन मुझे बेड पर छोड़ वाशरूम गया और मैं इस दुविधा में थी कि चुद्वाउं या नहीं लेकिन चूत की खुजली बिना लंड के अंदर गए ख़तम नहीं होता और उसके वापस आते ही मैं पूछी ” तो क्या तुम्हारा लौड़ा टिकने लायक है डियर
( वो अपना लंड पकड़े बोला ) कम से कम ६-७ मिनट तो चोद ही दूंगा लेकिन बुर फटने से अगर तुम अधिक चिल्लाई तो
( मैं अपने चूत सहलाई ) इसमें कितना दर्द होगा पता नहीं लेकिन में सब झेल लूंगी ” नितिन अब मेरी चूतड़ के नीचे तकिया लगाया फिर बुर को हाथ से सहलाने लगा और मैं चुदाई को तैयार थी कि मेरे रूम का दरवाजा किसी ने खटखटाया, दोनों की हालत खराब हो गई तो मैं बोली ” नितिन मैं नाईटी पहन बेड पर सो जाती हूं और तुम पलंग के नीचे घुस जाओ ताकि दोनों की चोरी पकड़ी ना जाए ” फिर नितिन बेड के नीचे अपना शॉर्ट्स और बनियान पहने घुसा तो में आंख मिंजते हुए दरवाजा खोली, सामने मॉम खड़ी थी ” मॉम इतनी रात क्या बात है
( मॉम बोली ) नितिन के रूम का दरवाजा खुला है और वो बेड पर भी नहीं है
( मैं ) तो वो छत पर टहलने गए होंगे, तुम जाकर सो जाओ मैं छत पर जाकर देखती हूं ‘ फिर मॉम अपने रूम चली गई तो मैं छत पर और कुछ पल बाद मॉम के रूम के दरवाजे को नॉक कर बोली ” भैया छत पर ही थे
( मॉम बोली ) ठीक है जाकर सो जाओ ” अभी तो चूत चुदवाने की इच्छा है, मॉम गई गान्ड मरवाने मैं चली नितिन से चुदवाने…. to be continued.

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