तभी थोड़ी देर के बाद मुझे बाहर से अंकल की आवाज़ सुनाई दी और में उनसे बात नहीं करना चाहती थी इसलिए में सोने का नाटक करने लगी.. नीचे मेरी भाभी थी.. लेकिन वो अपने काम में व्यस्त थी तो उन्होंने अंकल को ऊपर मेरे पास भेज दिया। फिर अंकल ने ऊपर आकर मुझे आवाज़ लगाई और मुझे हिलाया भी.. लेकिन में नहीं उठी। फिर मुझे लगा कि शायद अंकल चले गये.. लेकिन तभी मुझे अपनी छाती पर उनका हाथ महसूस हुआ। फिर अंकल मेरी छाती दबा रहे थे.. लेकिन मैंने कोई हरकत नहीं की क्योंकि में देखना चाहती थी कि अंकल और क्या करेंगे। फिर मैंने कोई हरकत नहीं की तो इससे उनकी हिम्मत और बढ़ गई.. उन्होंने अपने दोनों हाथ मेरी छाती पर रख दिए और ज़ोर ज़ोर से दबाने लगे। फिर एक हाथ उन्होंने मेरी केफरी के ऊपर रखा और मेरी चूत को ऊपर से ही सहलाने लगे.. लेकिन मुझे नहीं पता था कि मेरी केफरी में एक होल है वो उस होल से अंदर उंगली डालने लगे फिर और हिम्मत करके उन्होंने मेरी केफरी में हाथ डाल दिया। में कोई हरकत करना नहीं चाहती थी.. लेकिन में चुपचाप लेटी रही मेरी चूत पर बाल थे.. लेकिन वो उनको सहला रहे थे और मुझे अच्छा नहीं लग रहा था तो में एक साईड होकर लेट गई। तो वो डर गये और एक साईड हो गये.. मैंने हल्की सी आँख खोलकर देखा कि उन्होंने अपना लंड अपनी पेंट से बाहर निकाल लिया था और हाथ से हिला रहे है। फिर वो अपना लंड मेरे होंठ पर लगाने लगे और फिर उन्होंने अपने लंड को मेरी केफरी में फंसा दिया और हिलाने लगे और उन्होंने अपना सारा उस पर ही वीर्य निकाल दिया। तो मेरी पेंटी और मेरी केफरी दोनों ही उनके वीर्य में भीग गये थे और अंकल चले गये। फिर में उठी और मैंने केफरी और पेंटी चेंज किए और धोकर सूखने के लिए धूप में डाल दिए। तो अब मुझे अंकल की जरूरत पता लग गई थी.. लेकिन मुझे उससे भी बड़ी टेंशन थी कि मुझे अपना टारगेट पूरा करना था और टारगेट पूरा करने के लिए 10,000 रुपये के और प्रॉडक्ट्स बेचने थे। दोस्तों ये कहानी आप कामुकता डॉट कॉम पर पड़ रहे है।
फिर मैंने आंटी को यह बता बताई.. तो आंटी ने कहा कि उन्होंने पहले ही बहुत सामान ले लिया है वो मेरी कुछ और मदद नहीं कर पाएँगी। फिर अंकल भी वहीं पर थे तो वो कहने लगे ठीक है कुछ करते है। फिर अगले दिन मेरी चूत पर बहुत बाल हो गये थे और वो मैंने रेज़र से सब हटा दिए थे और हाथ पैर के भी रिमूविंग क्रीम से हटा दिए। फिर अंकल ने शाम को मुझे उनके घर पर बुलाया.. तो में जाना नहीं चाहती थी.. लेकिन फिर भी चली गई मैंने पायजामा और टी-शर्ट पहनी हुई थी। उन्होंने फिर से मुझे अपनी गोद में बैठा लिया.. मैंने पूछा कि आंटी कहाँ है और उनका बेटा कहाँ है? तो वो बोले कि वो किसी पार्टी में गये है और मुझे थोड़ा अजीब लगा.. लेकिन वो मुझे अपनी गोद में बैठने के बाद हल्का हल्का हिलने लगे.. उनका लंड फिर से खड़ा हो चुका था वो मेरी छाती पर हाथ फैरने लगे। तो मैंने उनका हाथ हटाया.. लेकिन वो नहीं माने तभी में एकदम से खड़ी हो गई.. लेकिन अंकल ने जबरदस्ती से मुझे पकड़ कर अपना लंड मेरे मुहं में डाल दिया और हिलाने लगे।
तो में कुछ भी बोल नहीं पा रही थी और लंड को हिलाते हुए अंकल ने मेरे मुहं में सारा वीर्य निकाल दिया। में रोने लगी तो अंकल ने कहा कि अगर में चुप रहूंगी तो वो मेरा टारगेट खुद पूरा करवाएँगे.. मुझे ठीक नहीं लग रहा था.. लेकिन काम का सवाल था 25,000 का टारगेट था 15,0000 हो चुके थे बाकि 10,000 पूरे करने थे तो में चुप रही। फिर उन्होंने कहा कि मुझे उनके साथ सब कुछ करना पड़ेगा.. तभी मैंने मना कर दिया और जाने लगी तो उन्होंने कहा कि सोच लो यह टारगेट और आगे जितने भी टारगेट होंगे वो सब पूरा करवाएँगे। तो में रुक गई और अंकल शुरू हो गये उन्होंने मेरी टी-शर्ट उतार दी और पायजामा भी में अब सिर्फ़ उनके सामने ब्रा, पेंटी में थी और उनका 6 इंच का लंड कड़क टाईट था। फिर उन्होंने मेरी इनर भी उतार दी में अब उनके सामने बिल्कुल नंगी थी.. उन्होंने मुझे बेड पर लेटाया और मेरे बूब्स को दबाने लगे.. किस करने लगे। फिर मुझे लिप पर स्मूच करने लगे।
तो मैंने भी फिर जवाब दिया और धीरे धीरे मुझे भी अच्छा लगने लगा और फिर उन्होंने मेरे पैर खोलकर मेरी चूत को चूसने लगे और मुझे बहुत मज़ा आने लगा। फिर अंकल ने पूछा कि क्या तुम वर्जिन हो? तो मैंने कहा कि नहीं तब उन्होंने मेरी चूत को थूक लगा लगाकर गीला कर दिया और थोड़ी देर के बाद मुझे अपना लंड चूसने को कहा। तो में अब उनके लंड को मुहं में लेकर चूसने लगी और मुझे लंड को चूसने में बहुत मज़ा आने लगा.. मैंने चूस चूसकर उसको पूरा गीला कर दिया था। फिर उन्होंने मेरी चूत में लंड को डालना शुरू किया.. मैंने बहुत टाईम से सेक्स नहीं किया था तो मेरी चूत टाईट हो गई थी। फिर अंकल ने 3-4 झटको में पूरा का पूरा लंड अंदर डाल ही दिया और चुदाई करने में शुरू हो गये और ज़ोर ज़ोर से लंड को अंदर बाहर करने लगे। में आहे भर रही थी मुझे दर्द भी हो रहा था.. लेकिन थोड़ी देर में मज़ा भी आने लगा और में भी मस्त हो गई थी.. लेकिन अंकल ने कंडोम नहीं लगाया था और थोड़ी देर के बाद उन्होंने अपना पूरा वीर्य मेरी चूत के अंदर ही निकाल दिया और थककर लेट गये और मुझे किस करने लगे। तभी थोड़ी देर के बाद उनका लंड फिर से खड़ा हो गया और वो फिर से मेरी चुदाई करने लगे। इस बार भी पूरी चुदाई उन्होंने बिना कंडोम की। फिर आंटी के आने का टाईम हो गया था तो हमने कपड़े पहने और अंकल ने मुझे 10,000 रुपये लाकर दे दिए और 200 रुपये अलग से जिससे में गर्भनिरोधक गोली ले सकूँ और फिर में वापस अपने घर आ गई और मैंने अपना टारगेट पूरा कर दिया। मुझे एक न्यू टारगेट मिल गया 50,000 की सेल करने का। तो अंकल ने कहा कि वो मेरा वो टारगेट भी पूरा करवाएँगे।