ट्रेन में एक अजनबी से मुलाकात : भाग-२

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हैलो दोस्तों,
ट्रेन के प्रथम वातानुकूलित डब्बे में दीपा एक सहयात्री के साथ चिपक कर चुम्बन देने में लगी हुई थी तो जावेद मेरे चूतड को पेटीकोट के उपर से ही सहलाने लगा और मैं उसके छाती से अपने मुलायम बूब्स रगड़ रगड़ कर काम की ज्वाला प्रज्वलित कर रही थी और तभी वो मेरे साथ बर्थ पर बैठा और मेरे गोल गद्देदार चूतड को अपने गोद में लिए ओंठ चूमने लगा तो मै उसके गले में बाहें डाल उसके ओंठ पर ओंठ रख चुम्बन दी फिर तो जावेद मेरे ओंठ को ही मुंह में लेना चाहा लेकिन मैं अपने मुंह को फेर उसके कंधे पर सर रख दी ” तो दीपा मैडम क्या आपको मेरे साथ सेक्स करने के पहले ही अफसोस हो रहा है ” मैं झट से उसके चेहरे के सामने अपना चेहरा की फिर उसके ओंठ पर जीभ फेरते हुए आंख मारी तो वो मेरे जीभ मुंह में लिए चूसने लगा, समझ गया कि मैं चालू क़िस्म की औरत हूं और उसका हाथ मेरे पीठ पर था तो उसको ब्लाऊज की डोरी भी मिल गई, फिर जीभ चूसता हुआ मेरे ब्लाऊज को खोला और नग्न पीठ सहलाने लगा। दीपा उसके मुंह से जीभ निकाल ब्लाऊज को बाहों से बाहर की फिर उफान लेती चूचियों को ब्रा पर से पकड़ वो दबाने लगा तो उसका लंबा मोटा लंड फुंफकार रहा था और अब दीपा कामुकता वश उठी फिर उसके सामने ब्रा को खोली तो जावेद मेरे कमर में हाथ डाले पेटीकोट का नाड़ा खोला, अब मैं नग्न काम की देवी टांग सटाए खड़ी थी तो जावेद पहले से ही सिर्फ टी शर्ट में था और उसे भी उतार कर नग्न हुआ। दीपा के कमर सहलाते हुए जावेद मेरे बदन को अपनी ओर किया फिर कमर चूमने लगा तो उसका हाथ मेरे गोल गद्देदार चूतड पर था और मैं ढीली पड़ गई फिर दोनों जांघों के बीच की दूरी बढ़ती गई और जावेद मेरे चूतड से पीठ तक सहलाता हुआ ” सेक्सी लेडी एक पैर बर्थ पर रखिए ना ताकि मैं आपकी वेजिना को देख सकूं
( मैं एक पैर बर्थ पर रख बोली ) सिर्फ देखेंगे या कुछ और ” तो जावेद मेरे जांघों के बीच चेहरा किए चूत को चूमने लगा और मेरी मोटी फांकों पर उसके ओंठ का प्यार मुझे कामुक कर रहा था, कामसूत्र में तो यहां तक वर्णन है की काम वासना का सही वक़्त प्रातः काल है, सुबह के ३:०० से ०५:०० बजे के बीच महिलाओं और पुरुषों की योनियों में हलचल रहता है तो फिलहाल सुबह के ०३:२० हो रहे थे और दीपा की दोनों जांघों के बीच चेहरा किए जावेद बुर को चूमे जा रहा था तो उसका चेहरा उपर की ओर था और फिर मेरे पैर में थरथराहट होने लगी ” ओह उह उई मां अब और नहीं ” फिर मैं जावेद के चेहरे को पीछे धकेल चूत से उसके ओंठ को हटाई लेकिन बर्थ पर बैठ जांघें इस क़दर फैला दी मानो घोड़े का लंड अंदर लेना हो।
मैं अपने पैर को घुटनों के बल मोड़कर जांघें फैलाए बैठी थी तो जावेद अब फर्श पर बैठ गया फिर मेरी कमर पकड़े आगे की ओर मेरी चूतड किया, मेरे फैले चूत को जीभ से चाटते हुए बूब्स को पकड़ दबाने लगा तो मेरी यात्रा अब यादगार होने वाली थी, दीपा खुद ही उंगलियों की मदद से चूत को पूरी तरह फैलाई तो जावेद अपना जीभ अंदर घुसाए चाटने लगा, उसका लंबा सा जीभ मेरी चूत की गहराई तक जाकर चाट रहा था तो मेरे बदन में सिहरन होने लगी और उसके बाल को कसकर पकड़े मैं उसके चेहरे को बुर की ओर धंसा रही थी ” उह ओह उई मर जाऊंगी अब चाटना छोड़ दे जावेद ” लेकिन वो जीभ से चूत को लपलप चाटता रहा और मैं आवेश में आकर उसके चेहरा को पीछे की ओर कर दी। अब जावेद मेरे बगल में बैठा तो बर्थ काफी चौड़ी थी और मैं तकिया पर सर रख लेट गई तो वो मेरे उपर सवार हुआ लेकिन मुंह को मेरी चूची के ऊपर रख दिया, जैसे ही अपना मुंह खोला दीपा उसके मुंह में चूची घुसा दी फिर वो चूची चूसने लगा तो मैं उसको छाती से लगाए स्तनपान करा रही थी, उसका मोटा लंबा लंड मेरी नजरों के सामने था तो उसके पीठ पर हाथ फेरते हुए मैं चूत की खुजली से परेशान थी ” ओह प्लीज़ जावेद अब चूची चूसना छोड़ो ना
( वो चूची मुंह से निकाला ) तुम बहुत खूबसूरत और सेक्सी हो तुमको तड़पाने के लिए ही मैं कपड़ा बदल रहा था
( मैं उसके कान पकड़ ऐंठ दी ) बहुत बदमाश हो शादी हुई की नहीं
( वो मेरे बूब्स दबाता हुआ छाती को चूमने लगा ) फिलहाल तो कुंवारा हूं ” और वो मेरे पेट से कमर तक को चूमा फिर मेरे ऊपर से उठा और मेरे सामने खड़ा हो गया, दीपा अब बर्थ पर बैठी तो उसके मुंह के सामने जावेद अपना लम्बा सा लंड पकड़े खड़ा था, मैं उसका हाथ लंड से हटाई फिर उसे पकड़ चूमने लगी सही में पठान का लंड ८-९ इंच लम्बा और ढाई इंच मोटा था तो सुपाड़ा गोल गद्देदार और ब्राउन रंग के, जिसको अपने ओंठ पर रगड़ते हुए मुंह खोली तो जावेद अपना एक पैर बर्थ पर रख मेरे सर के पीछे हाथ लगाया और लंड को मेरे मुंह के अंदर डालने लगा, २/३ लंड मुंह में लिए उसके कमर पकड़ मुखमैथुन करने लगी तो वो भी मेरे मुंह में लंड का धक्का दे रहा था, अब दीपा चुदासी औरत की तरह चुदाने को बेकरार थी तो चूत रानी अब रस छोड़ने को बेचैन, हुआ भी यही की चूत से रस की फुहार निकलने लगी और मैं उसके लंड मुंह से निकाल उठ खड़ी हुई, उससे लिपटकर उसके गले से चेहरे तक को चूम रही थी तो जावेद मेरे गान्ड की ओर से ही चूत को उंगली से सहलाया ” ओह तो वेजिना से रस निकल चुका है ” फिर मैं अपने बैग से नाईटी निकाल तन पर डाल ली और वाशरूम जाकर चूत को साफ़ की, फ्रेश होकर वापस आईं तो जावेद शॉर्ट्स और बनियान पहन वासरूम चला गया…. to be continued.

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