दिपा की गरम जवानी – Dirty Sex Tales

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दिपा मेरे साथ दो दिन से मजे कर रही थी ! हम दोनो जवानी का आनंद लेते हुए उनकी रनगिन कहानी सुन रहे थे, शाम 7:15 बजे दोनो घुमने को निकले और दिपा गरम जवानी लग रही थी! काले रंग़ के मिनी स्कर्ट और उज्ले रंग़ के टोप्स को पहनकर अपने बाल को खुला रखी थी, दोनो साथ निकल पड़े और बाज़ार मे लोग इनके नग्न पैर के साथ जण्घा को भी निहार रहे थे ! इनके चुत्तर का दोनो हिस्सा आपस मे टकराकर इनके गांड़ की खुब्सुरती बढा रही थी! हम दोनो एक दुकान मे गये और दिपा मुस्कुरा कर बोली…….. “राहुल आज तुम्हारे पसंद से ब्रा और चड़्ही खरीदनी है

(राहुल) ठीक है अभी पसंद करता हु. ” मै दुकान मे दो ब्रा और दो चड़्ही पसंद किया, दिदी को काफ़ी पसंद आया, काले और लाल रंग़ की जालिदार ब्रा और साथ मे ऐसी पेंटी जो उनके चुत और गांड़ के दरार को ही ढ्क सकती है बांकी उनका चुत्तर पेंटी के दायरे से बाहर रहेगी ! दोनो बाज़ार से वापस 09:15 बजे आए !

घर मे हमदोनो अकेले थे, दिदी घर का मुख्य दरवाजा बंद करके बाज़ार से लाये खाने को टेबल पर रख दी! हम् दोनो सोफ़ा पर बैठ्कर एक दुस्ररे को निहारने लगे, तभी दिदी अपना कपडा खोल दी और बोली….. “लो अब अचछे से देखो राहुल, चुची और बुर पर पर्दा है, उत्तारना है तो उत्तार दो

(राहुल) जाकर मेरे पसंद की ब्रा और पेंटी पहन लो. ” दिदी चुत्तर लच्काते हुए अपने कमरे कि ओर चली गयी और उनके नग्न गांड़ को हिल्ते देख मेरा लंड खड़ा हो गया ! पल भर बाद दिपा मेरी ओर आई और टांग़ बिचका कर खड़ी हो गयी, उसके नग्न जिस्म पर ब्रा चुचि को अर्ध रुप से धका हुआ था, जालीदार होने के कारण चुचि कि घुंड़ी दिख रही थी ! वो मेरे सामने घुम कर अपने चुत्तर का दिदार करवा दी, कोई इनको इस रूप मे देख लेता तो बिना चोदे नही मानता! दिपा को अपने गोद मे बिठाकर उनके दोनो चुचि को दबाने लगा, वो अपने चुत्तर को मेरे खड़े लंड पर धंसा रही थी! तभी मै दिदी को गोद मे लेकर कमरे मे घुसा और उनको बेड़ पर लिटा दिया, अपने कपड़े को खोल्कर नग्न हो गया और दिपा के जिस्म पर औंध कर चुचि को पुचकारने लगा! उनके चुचि के घुंड़ी को जिभ से चाटने लगा और वो मेरे बाल पर हाथ फेर रही थी, पल भर उनके चुचि को चाटकर कमर की ओर गया !

दिदी अपने जण्घा को सटाकर लेटी हुई थी और में उनके चुत्तर के निचे तकिआ ड़ाला और उनके जण्घा को अलग करके बुर का दिदार करने लगा, अपनी हथेली बुर पर सह्ला रहा था और वो साली सिसक रही थी! धिरे से बुर मे एक उंग़ली घुसाकर बुर कुरेदने लगा, वो गरम जवानी की तरह बिस्तर पर तड़्प रही थी, मै अपने उनग्ली को बुर से बाहर किया और दिदी कि ओर देखते हुआ……. “दिपा तुम्हे बुर में जिभ पसंद है या लंड़. ” वो अपने जिभ को मुह्न से निकाल अपने ओंठ पर फेरी और मै इशारा समझ कर उसके दोनो जण्घा के बिच अपना सर घुसा दिया ! दिपा अपने दोनो पैर दो दिशा में कर के लेटी थी और मै उसके बुर के दोनो रान को अलग करके 2/3 जिभ अंदर पेल दिया और दिदी कि चुत को चाटने लगा ! उनके बुर का अनदरुनि हिस्सा काफ़ि कोमल था और जिभ से बुर चोदकर मुझे मजा आने लगा तो दिपा सिसकने लगी…….. “राहुल मेरी बुर मे चिंटी रेंग़ रही है आअह्हह ऊम्मम्म ऊह्हह्हह चोदो ना मेरे राजा. ” लेकिन मेरा जिभ लपालप बुर चाटता रहा, लंड पुरी तरह से चोदने को आतुर थी, तभी उसके दोनो रान को अपने ओंठो के बिच ले लिया और चुसने लगा, दिदी अपने चुचि को खुद दबा रही थी ! 5 मिनट तक बुर चुसा और उनकी बुर गिलि हो गयी, मै उनके बुर का रस पिया और चाटा !

दिपा दिदी मुझे बेड़ पर लेटाकर मेरे लंड को पकडी और सिधे अपने मुह्न मे घुसा ली, मेरा 2/3 लंड उसके गले तक जा रही थी, सुपाड़ा गले मे अटक रही थी तभी वो अपने मुह्न का झट्का लंड पर देने लगी ! वो किसी रंड़ी की तरह मुखमैथुन कर रही थी, मै सिसकने लगा, लगा की लंड जल्द ही विर्य स्खलित कर देगी और दिदी लंड को मुख से बाहर कर दी, वो लंड़ का चमड़ा निचे की ओर जिभ से लंड चाटने लगी, उसका लम्बा जिभ लंड़ पर नाच रहा था और अंत मे वो लंड हिलाने लगी और मै चीखने लगा….. “अबे रंड़ी चुस ना साली मेरा झडेगा आआह्हह्ह. ” दिपा मुख्मैथुन करने लगी और मेरा लंड़ माल फ़ेंक दिया, दिपा विर्यपान करके लंड चाटी और दोनो थककर सो गये !

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