देवर के साथ वाशरूम में नग्न स्नान

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हैलो फ्रेंड्स,
हर इंसान चाहे वो औरत हो या मर्द से पूछा जाए कि तुम्हारी क्या इच्छा है! तो वो बोलेगा की मुझे हर काम से मुक्त कर दिया जाए और मुझे भोग विलासिता की वस्तु का दोहन करने दिया जाए तो औरत अपने जिस्म की नुमाइश करती रहेगी तो मर्द उसके साथ सेक्स का आनंद लेता रहेगा और दीपा मल्होत्रा, जोकि शादीशुदा जीवन में मस्त है को रोज नया मर्द चाहिए तो मुझे क्या आप रण्डी कहेंगे या धंधे वाली औरत, बस अपने इज्जत की कचूमर ना निकले इसका ध्यान रखते हुए अपने पति के अलावा अपने छोटे भाई राहुल, देवर विवेक, गुरदीप और पति के दोस्तो के साथ हम बिस्तर होती हूं तो हर औरत बिस्तर बदल मजे लेना चाहती है लेकिन अधिकतर औरतें डर, लोक लज्जा के कारण ऐसा नहीं कर पाती तो मेरी जैसी औरत अपने काम इच्छा को पूरी करने के लिए इधर उधर मुंह मार लिया करते हैं।
इटावा में अपने नौकर रामू के साथ चुदाई का मजा ले ली तो विवेक आज सुबह से ही मेरे पीछे पड़ा हुआ था, सुबह जब उसे चाय देने गई तो अकेलापन का फायदा उठाते हुए वो मेरे बूब्स को ब्लाऊज पर से ही दबा दिया और मैं उसके पास से हटकर किचन आ गई। कुछ देर बाद विवेक वहां आया और मुझे पीछे से दबोच कर गर्दन में किस्स करने लगा साथ ही मेरी बूब्स को जोर जोर से मसलने लगा तो मैं ” ओह विवेक ये क्या तरीका है, खाना बनाने दोगे या नहीं
( वो ) भाभी आज आपको मैं स्नान करवाऊंगा
( मैं पीछे मुड़कर बोली ) ठीक है एक घंटे बाद ” फिर मैं रसोई में काम निपटाने लगी तो सासू जी और ससुर को नाश्ता देकर अपने रुम चली गई, वहां वार्डरोब से पीले रंग की साड़ी, ब्लाऊज और पेटीकोट निकाल अपने बेड पर रखी फिर मोबाईल लेकर विवेक को कॉल की ” तुम मेरे रूम आओ फिर ” इतना बोलकर मोबाइल रखी और वाशरूम चली गई, दरवाजा को सटा दी फिर अपने साड़ी, पेटीकोट और ब्लाउज उतार नंगी हुई तो बदन पर मानो रामू के प्यार की निशानी हो फिर झरना चालू कर फर्श पर बैठी तो धीरे से दरवाजा खुला और विएक अंदर आकर मुझे निहारने लगा। मुझसे दूर खड़ा विवेक पहले तो दरवाजा बंद किया फिर अपना कपड़ा उतार नग्न हो मेरी ओर बढ़ा तो मै फर्श पर बैठे स्नान कर रही थी लेकिन अभी तो मेरी नजर उसके लंड पर थी जोकि ६ इंच लम्बा और दो इंच मोटा होगा लेकिन उसका सुपाड़ा काफी मानशल और लालिमा लिए था और वो मेरे सामने आकर खड़ा हुआ तो उसके लंड देख असमंजस में पड़ गई की उसे मुंह में लेकर चूस लूं या नहीं फिर बिना देर किए घुटनों के बल हुई और लंड को पकड़ चूमने लगी, झरना के नीचे दोनों का बदन भींग रहा था तो उसके सुपाड़ा को जीभ से चाटते हुए उसके गान्ड सहलाने लगी फिर विवेक को देखते हुए मुंह खोली और उसके लंड अंदर लिए चूसने लगी, मुझे मुखमैथुन करने में बहुत मजा आता था, सो उसके कमर से हाथ लपेट अब मुंह का तेज झटका देने लगी और विवेक अब थोड़ा झुककर मेरे स्तन को पकड़ पुचकारने लगा।
दीपा गर्म हो चुकी थी तो लंड को मुंह में रख चूसने। में लीन थी और तभी विवेक मेरे मुंह से लंड बाहर कर मुझे खड़ा होने बोला, दीपा टांगे फैलाई खड़ी हुई तो वो अब घुटनों के बल होकर मेरे एक जांघ पकड़ हवा में किया फिर मुंह को चूत पर लगाए चाटने लगा तो मैं खुद अपनी उंगली लगाकर चूत फेला दी और देवर भाभी की चूत को लपलप चाटते हुए मस्त था, उसका लंड फुंफकार रहा था तो मुझे अब जल्दी में चुदना था ” उह ओह उई मां कितनी खुजली प्लीज़ चोद दो विवेक उह क्या कुत्ते की तरह चाट रहे हो ” वो चूत से जीभ निकाल दिया फिर खड़ा हुआ और मेरे ओंठ पर चुम्बन देता हुआ बोला ” भाभी चुदाई रात को अभी आपकी चूची चूसने का मन है
( मैं उसके लंड पकड़ हिलाने लगी ) ओह तो सिर्फ मुझे गर्म कर रहो हो और चोदकर ठंडा कोई और करेगा ” वो मुझे मुड़ने को बोला तो मैं दीवार की ओर चेहरा किए खड़ी थी, अब उसने मेरे घुटनों को मोड़ दिया तो मैं जांघें फैलाए खड़ी थी साथ ही दीवार पर दोनों हाथ रख अपने जिस्म का संतुलन बनाई हुई थी, मेरे चूत में लंड विवेक ने डालना शुरू किया तो आधा लंड घुसते ही उसने मेरे कमर पकड़ जोर से चोदा और मेरी चूत में लंड तो घुस गया लेकिन चूत से रज धार छुट पड़ी लेकिन चोदु विवेक गिले चूत में भी चोदे जा रहा था साथ ही मेरे सीने से लटकते चूची पकड़ दबाने लगा तो मैं अब पीछे मुड़कर उसे देखी और अपने कमर हिलाने लगी, अब दोनों चुदाई में लीन थे तो विवेक मुझे चोदता हुआ झरना बन्द किया और यहां सिर्फ तन भीगा था ना कि उस पर बॉडी वाश या साबुन लगाई थी कि स्नान होता सिर्फ चुदाई और सेक्स, विवेक चोदे जा रहा था तो चूत से फ़्च फच की आवाज आ रही थी लेकिन मेरे चूची को पकड़ मसलता हुआ वो मुझे चोद रहा था और दीपा अब चूतड हिलाना छोड़ दी और आहें भरने लगी ” ओह उह विवेक तेज और तेज चोद मुझे मुझे आज रात भी तुमसे चुदाई का मजा लेना है ” अब मेरी चूत सूख चुकी थी तो उसके धक्के से मुझे बहुत मजा आ रहा था पूरे बदन में मानो काम की आग लगी हो तो मैं अब दुबारा चूतड हिलाने लगी और विवेक का लंड मेरी चूत को गर्म कर चुका था तो मैं ” उह ओह चोद चोदकर मुझे रण्डी बना दे साले
( वो चोदता हुआ हांफने लगा ) और नहीं जान अब रस झड़ेगा ” तो मैं अपने कमर को तेजी से हिलाते हुए चूत में वीर्य का फव्वारा ली, अब चूत रस से भरी हुई थी तो विवेक लंड निकाला फिर दोनों साथ में स्नान किए….. to be continued.

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