बुआ की चुदाई 4 – Dirty Sex Tales

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हेलो दोस्तों
पिछली कहानी में मैंने आपको बताया की कैसे मैंने बुआ के साथ सारी रात सुहागरात मनाई।
अब आगे..
मम्मी पापा घर आ गए थे तो अब खुले आम हम सेक्स नही कर सकते थे। रात को खाना खाने खाने के बाद पापा और ममी टीवी देख रही थी। और मई अपने कमरे में चला गया। मुझे तो नींद नही आ रही थी। पिछले 2 दिन लगातार चुदाई करने से मुझे चुदाई की लत लग गई थी। मैं मम्मी पापा के सोने का इन्तजार कर रहा था। और अपने कमरे में जाकर सेक्स वीडियो देखने लगा।
रात के करीब 11 बजे मैंने देखा की मम्मी पापा सो गए है, तभी मैंने बुआ को फोन लगाया। बुआ समझ चुकी थी।
मैंने अपने रूम का दरवाजा खुला ही छोड़ा था ताकी बुआ ना खटखटाऐ।
कुछ मिनिट बाद बुआ मेरे कमरे में आई। और उसने दरवाजा बन्द किया। आज बुआ ने काली साड़ी पहनी थी। बुआ नहाकर ही आई थी। उनके बाल अभी भी गीले थे। उन्होंने बाल खुले ही छोड़े थे।
तभी बुआ ने मुझे पलंग पे धक्का दिया और मई गिर गया। और बुआ मेरे ऊपर लेट गई।
और बोली मैं भी इसी वक़्त का इन्तजार कर रही थी।
मैं: अच्छा
बुआ: हां मेरे प्यारे भांजे। मेरे चूत का रखवाला है तू
मैं: तो चले शुरू करते है हमारा खेल
बुआ: इतनी भी क्या जल्दी है थोड़ा सब्र करो। मैं तो अब तुम्हारी ही हूँ

अब मुझसे रहा नही जा रहा था। मैं बुआ की बालो को सहला रहा था और उन्हें किस कर रहा था। बुआ भी मुझे किस्स कर रही थी।
मैंने धीरे धीरे बुआ की ब्लाउज़ के बटन खोलना शुरू किये। कुछ ही पलो में बुआ के बड़े बड़े चुचे मैंने आझाद किये।
और उनको जोर जोर से दबाने लगा। बुआ पर मस्ती छाई थी। और गर्म गर्म सिस्कारिया निकाल रही थी।
मैं उनके बूब्स को चूसते चूसते उनके नाभि तक आया। और उनकी साड़ी और पेटीकोट का नाडा मैंने अपने दांतो से खोला।
बुआ: अब डाल भी दो मुझसे रहा नही जा रहा।
मैं: थोड़ा सब्र करो। अभी तो पूरी रात बाकी है।
बुआ: पता है, लेकिन भैया जागने से पहले मुझे अपने कमरे में जाना पड़ेगा।
मैं: तो देर किस बात की की अभी शुरू कर देता हु।

और मैंने अपने लण्ड का छिलका पीछे की और खिसक दिया। और बुआ की टांगो के बिच आकर। बुआ के चूत पर लण्ड सेट किया।
और फिर धीरे धीरे बुआ की चूत में अपना मूसल जैसा लण्ड घुसेड़ दिया। तभी बुआ ने अपनी आँखे बन्द करके लंभी सांस ली। और खूब एन्जॉय करने लगी। मैं लगातार झटके मार रहा था। मेरी झटको के कारण बुआ के बूब्स हिल रहे थे। मैंने झट से दो हाथो में बुआ के दो बूब्स लिए और रगड़ने लगा।
और निचे से तेज धक्के देने लगा। कुछ देर ऐसे ही चोदने के बाद मैं पोजीशन चेंज करने वाला था, लेकिन बुआ बोली
बुआ: नही, आज इसी पोजीशन में चोदो। हम हर जोर अलग अलग पोजीशन का आनंद लेंगे।
मई: ठीक है जान

और बुआ को जोर जोर से चोदने लगा।
लगातार 20 मिनिट तक चुदाई करने के बाद बुआ का शारीर अकड़ने लगा। बुआ ने अपने नाख़ून मेरे पीठ में गाड़ दिए। और मेरी कमर को अपने दोनों पैरो ने जकड़ लिया। मई समझ गया की बुआ आनेवाली है।
मैंने भी अपनी गति तेज कर दी।
तभी बुआ ने अपना पानी छोड़ दिया और निढाल पड़ी।
मैने अपनी स्पीड बढ़ा दी। और 3/4 मिनिटो में मैंने भी अपना माल बुआ की चूत में छोड़ दिया।
और हम दोनों पलंग पर नंगे ही पड़े रहे। फिर बुआ ने अपनी साड़ी पहन ली और जाने लगी।
मैं: थोड़ा रुको एक और राउंड कर लेते है।
बुआ: नही। सुबह भी तो जल्दी उठना है। इसीलिए जाने दो
मैं: ठीक है बुआ।
लेकिन कल इसी टाइम पर आना
बुआ चली गई।
और मैं भी सो गया।
तो दोस्तों कैसी लगी मेरी कहानी कमेंट कर जे जरूर बताना।
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