बुआ के साथ क्लब में संभोग

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हैलो दोस्तों,
पिछले भाग में आपने पढ़ा कि कैसे मेरी मॉम मुझसे जकड़कर मुझे अपनी ओर आकर्षित की फिर उनकी चुदाई कर मैं थकावट के मारे सो गया, बुआ बिनीता और मुझे पिछले दो दिनों से सेक्स का मौका नहीं मिल रहा था तो दोनों एक दूसरे के साथ संभोग क्रिया करने को तड़प रहे थे। बुआ बिनीता का गोरा चेहरा, छाती पर बूब्स के जोड़े मानो कोई पपीता पेड़ से लटका हो तो कमर पतली, गोल गुंबदाकार गान्ड और चिकने जांघ तो जांघों के बीच उनका लंबा सा गद्देदार चूत जिसकी दोनों फांकें मानो कोई ब्रेड पकोड़े की तरह हो तो २८ साल की इस औरत में कामुकता भरी पड़ी हुई थी। लखनऊ में बुआ के घर आए आज दूसरा दिन था तो सुबह उठकर फ्रेश हुआ फिर मैं डायनिंग हॉल गया, वहां फूफाजी, मॉम और बुआ साथ बैठकर चाय पी रहे थे तो मैं भी मॉम के बगल में बैठा तो बुआ मुस्कुराते हुए बोली ” जरा चाय पी लेने दो फिर तेरे लिए भी चाय बनाती हूं
( फूफाजी ) मेरे लिए नाश्ता भी जरा जल्दी ही बना देना ” फिर फूफाजी उठकर चले गए और मॉम भी बोली ” चलूं, स्नान कर ही लेती हूं ” तो मैं बैठा रहा और बुआ थोड़ी देर में चाय का प्याला लेकर आई, मेरे सामने झुककर टेबल पर प्याला रखी तो उसकी दोनों चूचियों को ब्रा के अंदर देखा, वो साड़ी, पेटीकोट और ब्लाऊज में थी तो मेरे बगल में बैठकर बोली ” राहुल, एक बात बोलूं
( मैं ) हां बुआ बोलिए
( बुआ ) घर में मौका नहीं मिल रहा है तो नाश्ता करके दोनों मार्केट के बहाने चलो
( मैं ) अच्छा और फिर
( बुआ ) पास में ही लेडिज क्लब है, उसकी चाभी मेरे पास रहती है, समझे ” तो समझो कि दोनों के सेक्स की इच्छा जुबान पर आ गई और फिर मैं चाय पीकर अपने रूम गया तो मॉम वाशरूम के अंदर स्नान कर रही थी, मैं जींस और टीशर्ट पहन लिया फिर डायनिंग हॉल आया तो फूफाजी नाश्ता कर रहे थे साथ ही कामवाली बाई झाडू लगा रही थी तभी बुआ उधर से आईं और बोली ” राहुल सुबह सुबह कहां जा रहे हो
( मैं उनके इशारा को समझते हुए ) क्यों कुछ काम है, मार्केट की ओर जा रहा हूं
( बुआ ) ठीक है तो फिर मैं भी साथ चलूंगी
( फूफाजी ) तो तैयार हो जाओ, मैं दोनों को मार्केट छोड़ते हुए ऑफिस की ओर निकल जाऊंगा ” तो समझो बुआ का प्लान काम कर गया, फिर मॉम रूम से बाहर आई और बुआ उन्हें और कामवाली बाई को सब काम समझाकर एक बड़ा सा झोला ली तो दोनों फूफाजी के साथ घर से बाहर निकल गए, नीचे पार्किंग में आकर मैं बुआ के बूब्स को घुर रहा था तो बुआ मुझे देख बोली ” जरा आराम से, फूफाजी भी साथ में है
( मैं ) जरूर ” और फिर फूफाजी कार को अपार्टमेंट के मेन गेट से बाहर किए तो मैं बुआ के साथ कार के पिछले सीट पर बैठा, बुआ मेरे से नजरें मिला रही थी तो मैं एक बार बुआ के जांघ को सहला दिया तो फूफाजी कार तेजी से चला रहे थे। बुआ और उनके ग्रुप का लेडिज क्लब कहां है, ये तो मालूम नहीं लेकिन मार्केट फ्लैट से एक किलोमीटर कि दूरी पर होगा तो दोनों मार्केट पहुंचे और फूफाजी बोले ” चलो जाओ और अपना काम निपटा लो
( बुआ ) ठीक है ” फिर फूफाजी कार ड्राइव करके निकल पड़े तो सुबह के १०:१० हो रहे थे, मैं बुआ को देखते हुए बोला ” तो आपका क्लब किधर है
( बुआ ) यहीं पास में, तुम जरा एक हाफ बोतल वाईन खरीद लोगे ” तभी बुआ वहीं सड़क किनारे खड़ी रही तो मैं सामने के वाईन शॉप जाकर वाईन खरीदा, साथ ही एक दुकान से कोल्ड ड्रिंक्स, डिस्पोजेबल ग्लास और सिगरेट तो एक प्लास्टिक की थैली लिए बुआ के पास आया तो वो बोली ” चलो, पास में ही क्लब है ” तो दोनों साथ चलने लगे, बुआ की खूबसूरत जिस्म पर भारतीय परिधान खूब जम रहा था, सुगापंक्षी रंग की साड़ी, बैकलेस ब्लाऊज और पेटीकोट तो अंदर होगा ही पहने हुए मेरे साथ चल रही थी फिर मार्केट के चौराहे से दूसरी दिशा में दोनों चल दिए, बुआ एक छोटे से बिल्डिंग के पास रुकी और उसके दोनों गेट के बंद ताले की चाभी पर्स से निकाली तो मै पहला गेट का ताला खोला और दोनों उसके अंदर घुस गए ” इसमें ताला आगे की तरफ से लगा दो ” तो बुआ बिल्डिंग की रूम का ताला खोल रही थी, इधर मैं मेन गेट लगाकर बिल्डिंग के दरवाजे से अंदर घुसा फिर दरवाजा बंद कर दिया। एक बड़ा सा हॉल था जिसमें कुछेक कुर्सियां लगी हुई थी फिर बुआ मेरे कलाई को पकड़ बोली ” अंदर सब व्यवस्था है
( मैं बुआ के चूतड़ पर एक थप्पड़ जड़ दिया ) अच्छा डार्लिंग ” फिर वो हॉल से अटैचेड एक रूम में मुझे ले गई, वहां टेबल और चार कुर्सियां लगी हुई थी तो मैं टेबल पर प्लास्टिक बैग रखकर कुर्सी पर बैठा ” बेबी, ड्रिंक्स करने का सही जगह है
( वो मेरे बगल की कुर्सी पर बैठी ) जरूर और आगे का तुम समझो ” मैं दो ग्लास में वाईन डालने लगा तो बुआ उसमें कोल्ड ड्रिंक्स मिला रही थी, फिर दोनों ड्रिंक्स लेने लगे और राहुल सिगरेट जला कर फूंकने लगा, बुआ का एक हाथ मेरे जांघ पर फिसल रहा था तो मैं झट से ग्लास खाली कर टेबल पर रखा और सिगरेट फूंकता हुआ उनके साड़ी के पल्लू को नीचे करने लगा तो उनके दोनों बूब्स ब्लाऊज से निकलने को आतुर थे, उनके बूब्स की गोलाई को सहलाता हुआ गाल चूमने लगा ” बुआ आज तो तुझे इसी टेबल पर लिटाकर चोदूंगा
( वो बेशरम की तरह खाली ग्लास रख उठी ) मैं यहां चुदाने आईं हूं राहुल ” फिर अपने साड़ी को खोलकर सामने की कुर्सी पर रख दी, मैं उनके सेक्सी जिस्म को पेटीकोट और ब्लाऊज में देख गर्म होने लगा फिर कामुक होकर अपना जींस और टीशर्ट उतार कुर्सी पर रखा….. दोनों अर्धनग्न अवस्था में खड़े थे, आगे क्या हुआ? पढ़िए

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