बुआ बिनिता की गांड़ मारी

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मै बुआ के घर दोपहर मे पहुंचा, वो मुझे देख काफ़ी खुश हुई, उनके दोनो बच्चे स्कुल गये हुए थे ! मै फ़्रेश होकर बुआ के साथ चाय पिने लगा और वो पीले रंग़ के साड़ी, बिन बाह्न के ब्लाउज और साया मे खुबसुरत लग रही थी ! उसके स्तन का उपरी हिस्सा ब्लाउज से बाहर था और साथ मे साड़ी के रहते हुए भी दिख रही थी, मै बूआ को घुरता रहा और वो मुझे बोली……. ” राहुल तुम थके हुए हो जाकर आराम करो

(राहुल) बुआ मै बिल्कुल ठीक हु. ” और मै कमरे मे जाकर अपना कपड़ा बद्ला और बरमुड़ा पहन बुआ के पास आ गया ! वो हाल मे बैठकर एक उपन्यास पढ रही थी तो मै भी उनके बगल मे बैठ गया और बोला… “बुआ कौन सी उपन्यास पढ रही हो ?

(बुआ मुस्कुरा दी) काम कला की किताब है, कैसे सम्भोग कराना चाहिये, चुदाई के कौन से आसन से मजा अधिक आता है. ”

बुआ बिनिता की मुह्न से ऐसी बात सुनकर मै दंग़ रह गया, अब सोफ़ा पर बुआ के करीब आ गया और उनके कंधे पर अपना हाथ रख दिया ! वो उपन्यास पढ्ने मे मस्गुल थी और मै अपना हाथ उनके ब्लाउज पर लगा दिया और चुची को दबाने लगा, बुआ मुझे देखते हुए अपने साड़ी का पल्लु सिने पर से गिरा दी और मै दोनो हाथ उनके दोनो बड़े-2 भोंपु पर लगा दिया और जोर-2 से मसलने लगा ! वो सोफ़ा पर आराम से बैठ्कर उपन्यास पढ रही थी जबकी मै उसके चुची को दबाकर मजा ले रहा था! तभी मै बुआ के कमर पर हाथ लगाकर साड़ी को खोल दिया और बिनिता ब्लाउज और साया मे मस्त माल लग रही थी ! उसको अब अपने सिने से चिपका कर उसके गाल और ओंठ को चुमने लगा, अब बुआ उपन्यास छोड़ कर मेरे आगोश मे आ गयी, बुआ को अपने गोद मे उठाकर उसके कमरे मे ले गया और बेड़ पर सुला दिया ! उसके बगल मे बैठ्कर उसके ब्लाउज और फ़िर साया को खोला और बुआ पुरी तरह से नग्न थी, बेशर्म औरत की तरह अपने दोनो जङ्हा को फ़ैलाये बोली…. “राहुल पहले तुम मेरी बुर को चुमो, तुम बुर को कुत्ते की तरह चाटने मे एक्सपर्ट हो. ”

बुआ की चुत्तर के निचे एक तकिया ड़ालकर मै उनके दोनो जङ्हा के बिच अपना मुह्न लगाया और बुर को चुमने लगा जबकि बुआ अपने बुर को उङ्ली कि मदद से फ़लका दी, उसकी बुर का रास्ता चिकना और चोड़ा था, मेरा 2/3 जिभ बुर के अंदर घुसकर बुर चोद रहा था! मेरा लंड़ बरमुड़ा के भितर ही फ़नफ़नाने लगा और मै बुआ की बुर के दोनो रान को मुह्न मे लेकर चुसने लगा, बिनिता बुआ अपने पैर को बेड़ से रगड़ने लगी और मै बुर चुसता हुआ मस्त हो रहा था! थोड़ी देर बाद मै बुआ की बुर को छोड़ा और बिनिता बुआ अब मुझे बिस्तर पर सुलाकर लंड़ को कसकर थामी और हिल्लाने लगी, फ़िर अपना सर झुकाकर लंड़ के सुपाड़ा को अपने चेहरे और ओंठ पर रगड़ने लगी ! बुआ किसी धंधेवाली की तरह मेरे लंड़ से खेल रही थी, वो अब मेरे लंड़ को अपने मुह्न मे भर ली और सर का झट्का लंड़ पर देते हुए मुखमैथुन करने लगी, मेरा 7-8 इंच लम्बा 2 इंच मोटा लंड़ बुआ के मुह्न मे था और कुच्ह देर तक चुसने के बाद वो बेड़ पर कुत्तिया की तरह हो गयी ! अब मै बिनिता की भारी भरकम गांड़ के सामने घुट्ने के बल हो गया और बुआ के नितम्ब को चुमने लगा तो वो बोली…… “तेल लगाकर गांड़ मारना राहुल

(राहुल) जरुर बुआ रानी अभी तेल लाया. ”

एक तेल की शीशी लेकर बिनिता के चिकने चुत्तर के सामने बैठा और उनके गांड़ के दोनो फ़ांक खरबुजे की फ़ांक के तरह थे, अब मै गांड़ के फ़ांक मे तेल गिराया और उङ्ली से रगड़ने लगा, अंत मे गांड़ के मुहाने को चुमता हुआ बुर मे उङ्ली करने लगा ! बुआ के गांड़ के मुहाने को उङ्ली की मदद से फ़लकाकर उसमे तेल ड़ाला और अब अपने लंड़ के सुपाड़ा को गांड़ मे पेल दिया, आधा लंड़ तो आराम से बुआ की गांड़ मे चला गया और उनके कमर को थामे मै पुरे जोर से लंड़ का झट्का गांड़ मे दिया, उनके चिकने मांसल गांड़ मे मेरा लंड़ पुरी तरह से घुस चुका था और वो दर्द के मारे चिंख पड़ी…… “ऊह्हह आह्हह राहुल थोड़ा आराम से मेरी गांड़ मारो तुमहारा लंड़ तो काफ़ो कड़ा है. ” और मै तेजी से उनके गांड़ को मारने लगा, बिनिता अपने चुत्तर को हिला ड़ुलाकर गांड़ चुदाई का मजा ले रही थी ! मेरा लौरा बुआ की गांड़ को चोदने मे मसगुल था तो वो अपने कुल्हे को हिला -हिलाकर मजे दे रही थी, उसके सिने से झुलते बड़े-2 स्तन को मै मसलने लगा और अब गांड़ की गरमी बर्दास्त कर पाना मुस्किल था ! वो कराहने लगी….. “अबे चोदु ये मेरी गांड़ है ना की बुर जोकि तुम दनादन अपना मुसललंड़ पेले जा रहे हो, आह अब बुर चोदो ना. ” मै अपने लंड़ को गांड़ से निकाला और बुर मे पेबस्त कर दिया, बुआ की बुर गिली थी, और मै तेजी से बुर चोदता हुआ उसके सिने से झुलते स्तन को दबाने लगा ! बिनिता बुआ अपने चुत्तर को आगे पिच्हे करते हुए मेरे लंड़ से चुदवा रही थी और मै बुआ की वुर चोद-2 कर मस्त था, अब मै बुआ की गांड़ मे तेल ड़ाला और उङ्ली को घुसाकर गांड़ कुरेदने लगा, वो मुस्कुरा रही थी, अब मेरा लंड़ पुरी तरह से गरम हो चुका था और मै बिनिता के गांड़ मे लंड़ पेलकर गांड़ मारने लगा, साली रांड़ अपने कुल्हे को हिला ड़ुलाकर मजे दे रही थी, पल भर बाद मै चिंखा…… “आह्ह ऊह्ह ऊम्मम्मम बुआ अब मेरा लंड़ विर्य फ़ेंकने वाला है आह्ह. ” और लंड़ ने रस का धार फ़ेंका, उसकी गांड़ गिली हो गयी और गर्मी भी शांत हो गयी !

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