बुआ बिनिता के साथ यात्रा

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मेरे पापा की छोटी बहन बिनिता इनदिनो कानपुर मे थी और अगले शाम मेरे साथ बिनिता की एक लम्बी यात्रा थी, हमदोनो मुम्बई के लिये दो टिकट एक ट्रैन के प्रथम वातानुकुलित मे लिये थे! बिनिता बुआ के बारे मे बता दु, वो 28-29 साल की मस्त औरत है, लम्बाई 5’5′ फ़ीट तो फ़िगर 32-28-36 के, माड़ेर्न सोच की औरत बिनिता यात्रा के लिये तैयार हो रही थी ! वो मम्मी के कमरे से तैयार होकर निकली तो मै सोफ़ा पर बैठ्कर चाय पी रहा था, मम्मी रास्ते के लिये खाना पैक करके दे दी और फ़िर हमदोनो औटो से ट्रैन पकड़ने के लिए निकल गये! बुआ बिनिता लम्बा सा स्कर्ट और टोप्स मे मस्त माल दिख रही थी तो हमदोनो की यात्रा शाम 7:15 बजे ट्रैन खुलने के साथ ही शुरु हो गयी !

प्रथम वातानुकुलित के कुप मे हमदोनो के सिवा और दो यात्री थे, हम दोनो का बर्थ एक ही तरफ़ का था तो हमदोनो निचे के बर्थ पर बैठ्कर बाते करने लगे, सामने के दोनो यात्री बर्थ पर लेट्कर अपने तरफ़ के पर्दा को खिंच चुके थे तो मै बुआ को अब चुमने लगा और उसके बुब्स को टोप्स पर से ही दबाने लगा ! कुप का दरवाजा बंद था तो भी बिनिता मेरे हरकत का विरोध कर रही थी, मै अब निचे के बर्थ का पर्दा खिंचा और बिनिता को अपने बाहो मे जकड़ लिया, वो अब मेरे जङ्हा पर अपने चुत्तर को रखकर मुझ्से चिपक गयी तो मै उसके रसिले ओंठ को चुसने लगा ! बुआ के पीठ पर हाथ फ़ेरते-2 हाथ को टोप्स मे घुसा दिया तो बिनिता मेरे मुह्न मे अपना जिभ घुसा दी, मै उसके जिभ को चुसता हुआ पीठ सहलाने लगा, बुआ की चुचि मेरे छाति से दब रही थी तो मै उसकी जिभ चुसता हुआ ब्रा के हुक को खोल दिया ! बिनिता जिभ को मुह्न से बाहर करके बोली……. “मै अपना ब्रा और पेंटी खोल देती हु और तुम भी बरमुड़ा पहन लो

(राहुल) नही मै तुम्हे पुरी तरह से नंग़ा करुंग़ा

(बिनिता) अरे ये ट्रैन है ना की घर वैसे भी मैने ये कपड़े इसलिये पहन रखे है ताकि मजे लेने मे दिक्कत ना हो. ” खैर मै उपर के बर्थ पर गया और अपना जिंस खोलकर चड़्ही भी निकाल दिया, फ़िर बरमुड़ा पहनकर निचे उतरा तो बुआ अपने ब्रा को पर्से मे रख रही थी ! वो अब मेरे सामने खड़ी हो गयी तो मै उसके चुत्तर को सहलाने लगा और इसारे मे बर्थ पर लेट्ने को बोला, अब बिनिता बर्थ पर लेटी हुई थी तो मै उनके पैर के पास बैठा ! बुआ के टोप्स को गर्दन तक कर दिया और झुककर स्तन को चुमने लगा, उनकी बड़ी-2 गठीली चुचि को चुमता रहा तो बुआ मेरे मुह्न मे चुचि ड़ाल दी ‘ले चुस मेरी चुचि’ और मै एक स्तन को चुसता हुआ दुसरे स्तन को मसलने लगा, वो मुझे अपने छाति से लगाकर दुध पीला रही थी तो मै अब बुआ के दुसरे स्तन को चुसने लगा और वो सिसक रही थी”आह्हह ऊम्मम्मम राहुल मेरी बुर मे गुदगुदी हो रही है ‘और मै अब दोनो स्तन को चुस-चुसकर लाल कर दिया ! बिनिता की चुचि के निपुल किस्मिस की तरह दिख रहे थे तो मै जिभ से निपुल को चाट्ने लगा और अब मै बुआ के स्तन को जोर-2 से मसलते हुए उनके सपाट पेट को चुम रहा था, कमर तक पहुंचकर उनके बदन पर से उतरा और बाथरूम चला गया ! अभी रात्रि के 8:25 हो रहे थे और मै फ़्रेश होकर आया और बिनिता पुछी…… “बियर पीयोगे

(राहुल) जरुर लेकिन मेरे बैग मे तो मात्र एक ही केन है

(बुआ मुस्कुराने लगी) मेरे बैग मे चार केन बियर है. ” अब दोनो एक-2 केन बियर हाथ मे लिये और पीने लगे, बुआ मेरे लंड़ के उभार को बरमुड़ा पर से ही सहला रही थी तो मै बिनिता के स्कर्ट के अंदर हाथ घुसा दिया और धीरे-2 स्कर्ट को उसके कमर तक कर दिया ! बुआ की चिकनी मोटी-2 जङ्हा पर हाथ फ़ेरने लगा तो वो मेरे लंड़ को बरमुड़ा के उपर से ही पकड़ ली और इसारे मे अपनी रुचि ब्यक्त की !

प्रथम वातानुकुलित का बर्थ चोड़ा होता है और अब दोनो निचे के बर्थ पर पर्दा खिंचकर काम क्रिया
मे लीन हो गये! मै बर्थ पर सो गया तो बिनिता मेरे उपर कुत्तिया की तरह हो गयी, लेकिन दोनो का चेहरा एक दुसरे के विपरीत था, मेरे मुह्न के ठीक उपर बुआ का निचला हिस्सा था तो मै उनके स्कर्ट कमर तक कर दिया और काले रंग़ के पेंटी की ड़ोरि को खोल दिया ! मेरा चेहरा उनके दोनो जङ्हा के बिच मे लेकिन बुर के थोड़े निचे थे तो बुआ मेरे बरमुड़ा को उतार दी, मै उनके चिकने चुत से लेकर नग्न चुत्तर और जङ्हा को देखने लगा तो बुआ मेरे लंड़ को थाम कर सुपाड़ा को अपने रसिले ओंठ पर रगड़ने लगी, फ़िर वो मेरे लंड़ को मुह्न मे भरकर चुसने लगी तो मै बुआ के कमर को थाम कर चेहरा उपर किया और बुर को चुमने लगा, उनके चुत को फ़ल्काकर जिभ से बुर कुरेदने लगा तो बिनिता मेरे लंड़ को मुह्न से निकाल कर जिभ से चाट्ने लगी! दोनो एक दुसरे के योनि को चुम चाट रहे थे तो मेरा ध्यान अब चुदाई पर था, बुआ बिनीता गाऊन पहन बाथरूम भागी तो मै उनके आने का इंतज़ार करने लगा ! .

बिनीता बेशर्म औरत की तरह आकर बर्थ पर लेट गई और मै उसके पैर के पास बैठकर गाऊन को कमर तक किया और बुआ की रसीली चुत्त को निहारने लगा! अब घुटने के बल होकर लंड को बर के मुहाने पर रखा और सुपाड़ा को बर में पेल दिया, धीरे_२ लंड को उसके चूत में पेलने लगा और कमर थामे जोर का झटका बर में दे दिया, अब बैठे_२ बुआ की बर को चोद रहा था तो वो मुस्कुरा कर बोली…… “आओ जानू मेरे जिस्म पर लेटकर मजे लो. ” फिर क्या था मै बिनीता के जिस्म पर सवार होकर चुदाई करने लगा और वो अपने चूत्तर को ऊपर नीचे करने लगी, उसके रसीले ओंठ को चूमता हुआ उसके तन पर से उतरा और उसके गाऊन को जिस्म पर से निकाल दिया! अब बुआ बिनीता पूरी तरह से नग्न थी तो मै उसके गोलाई को मसलता हुआ झुका और दूध पीने लगा, वो मेरे पीठ सहलाने लगी तो मै दूसरे स्तन को भी चूसता हुआ मस्त था, अब बुआ को बोला….. ‘ जरा कोहनी और घुटने के बल हो जाओ रानी ” और मै उसके नितम्ब के सामने बैठकर लंड को बर में पेला और फिर पूरा लंड घुसाकर चुदाई करने लगा जबकि बुआ अपने चूतड़ को हिलाने लगी! ट्रेन किसी जगह पर रुकी हुई थी और मेरा लन्ड बर में दौड़ लगा रही थी तो वो चिंखने लगी…. ओह आह मेरी चूत से रस निकलने वाला है ‘ तो मै तेज गति से चुदाई करने लगा और कुछ देर बाद चूत से रज निकला तो मै चूत में जीभ पेलकर उसके रस को चाटने लगा ! दुबारा उसकी चूत में लंड पेला और चुदाई करता हुआ उसके सीने से झूलते हुए स्तन को दबाने लगा, वो अपना नितम्ब हिला_२ कर मजे को दुना कर रही थी, मै १०_१२ मिनट से बुआ को चोदता हुआ हांफने लगा और फिर लंड से वीर्य निकल गया, दोनों कुछ देर तक आराम किए फिर फ्रेश होकर सो गए !

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