मोनी की गांड़ को चोद कर लंड को शांत किए

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पिछले कहानी में पढ़ें थे कि मोनी की चूत को चोद रहे थे और अपने लंड का पानी मोनी की चूत में। डालने से मोनी तो शांत हो गई और मेरा लंड शांत नहीं हो रहा था।

फिर आगे की कहानी।

हम दोनों कुछ देर लेटकर आराम करने लगे।
हम दोनों ही बुरी तरह थक चुके थे।

मैंने भी ऐसी चुदाई मोनी की पहली बार किए थे

तो मोनी को आज पता चला होगा कि असली चुदाई कैसी होती है क्योंकि आज पहले तो मोनी को काम चलाऊ चोदते थे कि कहीं मोनी के जीजू को ना पता चल जाए।

ऐसे चोदने से मोनी निढाल होकर बेड पर लेटी हुई थी। और मोनी की बिल्कुल बगल में मैं भी लेटे हुए थे।

फिर कुछ समय बाद मेरा लंड फिर से खड़ा होने लगा और सोभा दीदी तो थी नहीं ‌ तो मोनी को चोदने को सोचने लगे और मोनी के हाथ को अपने हाथ में लिए तो मोनी मुझे देखने लगी और उसके चेहरे पर एक हल्की सी मुस्कान आ गई।

तो मोनी को अपनी तरफ खींचकर मैंने अपने ऊपर लिटा लिया और अपनी बांहों में पकड़ लिए। और किस करने लगे फिर मोनी को बेड पर लेटा कर मोनी की दोनों चुचियों को दबाने लगे।

तो मोनी आह आह आह – आह की आवाज निकालतें हुए फिर से गर्म होने लगी।

फिर मोनी की चूत पर जीभ घुमाने के बाद अपने मुँह में भर लिए। और चूसने लगे

तो कभी कभी मोनी मेरे सिर को पकड़ कर अपने चूत में घुसाने को पूरा जोर लगा देती थी।

कुछ ही देर मे मोनी पूरी तरह से गर्म हो गई और मैं भी मोनी को चोदने के लिए पूरी तरह से तैयार हो गए।

फिर मैंने चोदने के मकसद से मोनी की दोनों टांगों को फैलाए जिससे उसकी गुलाबी चूत मेरे सामने आ गई।

फिर मोनी के ऊपर लेट गए और अपने लंड को मोनी की चूत में लगाए।

और मैंने थोड़ा जोर देकर धक्का मारे तो जैसे ही मेरा लंड मोनी की चूत में घुसा मोनी आह आह… आह्ह कि आवाज निकाली।

दो धक्कों में ही अपने पुरे लंड को मोनी की चूत में डाल दिए और मोनी को अपने बांहों में पकड़ कर तेज धक्के के साथ मोनी को चोदने लगे।

तो मोनी जोर जोर आह आह… आराम से विक्रम आह… प्लीज आराम से चोदो… आहाह!

फिर भी मोनी को दनादन चोदे जा रहे थे। और फिर से रूम में फच फच की आवाज गूंजने लगी।

तो अपनी पूरी ताकत लगाकर कर मोनी को चोदने लगे।

कुछ देर ऐसे ही मोनी को बेड पर लेटा कर चोदने के बाद ‌ मोनी को अपने ऊपर कर दिए बेड पर लेट कर फिर मोनी ऊपर आने के बाद मेरे लंड को अपने हाथों से पकड़ कर अपनी चूत पर सेट करके मेरे लंड पर बैठने लगी।

और मेरा पूरा लंड मोनी की चूत में चला गया तो मोनी मेरे लंड पर हल्के – हल्के उछलने लगी।

मोनी उछल रही थी लेकिन मोनी को अच्छे से उछल नहीं पा रही थी।

तो मोनी को अपने सीने से चिपका लिए और मोनी की चूतड़ों को दोनों हाथों से पकड़ कर नीचे से धक्के लगाने लगे।

इस पोजीशन में मुझे इतना ज्यादा मजा आ रहा था और लग रहा था बस ऐसे ही मोनी को चोदते रहे।

लगभग 15 मिनट तक बिना रुके मैंने मोनी को ऐसे ही चोदते रहे।

उसके बाद मोनी को बेड पर घोड़ी बना दिया और मोनी की गांड की तरफ से अपना लंड मोनी की चूत में डाल दिए। और अपने दोनों हाथों से चूतड़ों को कस कर पकड़ कर पकड़ लिया और उसे पूरी रफ्तार से चोदने लगे।

मेरे धक्कों के साथ मोनी गांड में हिलने लगी। करीब 20 मिनट चोदने के बाद मोनी झड़ गई। तो मोनी की चूत से पानी टपने लगा तो अपने लंड को बाहर निकाले और कपड़े से मोनी की चूत को और अपने लंड को साफ किए।
उसके बाद मोनी को जमीन पर खड़ी कर दिया और मोनी के सामने खड़े होकर अपने लंड को मोनी की चूत में घुसा दिए।

और जब मोनी पिछे जाने लगी तो अपने एक हाथ से चूतड़ों को पकड़े और दूसरे हाथ से मोनी की पीठ को पकड़ कर धक्के लगा कर मोनी को चोदने लगे।

हम दोनों एक दूसरे की आखों में देखे जा रहे थे और मैं अपने लंड को मोनी की चूत में डाले जा रहे थे।

करीब 15 मिनट तक ऐसे ही खड़े होकर मोनी को चोदने के बाद फिर से मोनी की चूत के अंदर ही झड़ गए।

हम दोनों ही पसीने से पूरी तरह भीगे हुए बिस्तर पर लेट गए।

मोनी की चूत की चुदाई के दूसरे राउंड के बाद मोनी ज्यादा थक गई थी।

करीब 1 घंटे आराम करने के बाद मैंने फिर से मोनी की चूत को सहलाने लगे।

क्योंकि आज सोभा दीदी थी नहीं जो मोनी को छोड़ देते और कल रविवार होगा तो कालेज जाना भी ‌नही और ना मोनी के जीजू आने ‌वाले थे।
मोनी बहुत थकी हुई थी लेकिन मुझे माना भी नहीं करना चाहती थी।

तो मोनी कीक्ष चूचियों को मुंह में लेकर पीने लगे और धीरे धीरे मोनी की चूत में उंगली डालने लगे।

करीब 20 मिनट में मोनी एक बार फिर से गर्म हो गई! तो मुझे सोभा दीदी की गांड़ चुदाई याद आने लगी।

तो मैंने मोनी की गांड को चोदन के ‌लिए बोले तो, मोनी
माना करने लगी।

फिर मेरे समझाने पर मोनी बोली एक बार देखा लो कितना दर्द होगा। मुझे सोभा दीदी को देखकर बहुत डर लगने लगा था।

मैंने कहा – चिंता मत करो मोनी, कुछ नहीं होगा।

फिर मोनी हां में जवाब दी तो मैंने तुरंत तेल की बोतल उठा कर अपने लंड पर तेल लगा लिए।

और मोनी को बेड पर पेट के बल लेटा लिए और मोनी की गांड की फाड़ों को दोनों हाथों से हटाते हुए मोनी की गांड के छेद पर तेल लगा दिए।

मोनी की गांड का छेद सोभा दीदी से बहुत ही छोटा लग रहा था, उसे देखकर लग रहा था कि मेरे लंड को गांड में लेते ही मोनी बेहोश हो जाएगी।

इसलिए पहले मैंने मोनी की गांड को अच्छी तरह से तैयार करने का सोचे।

फिर मैंने उंगली पर तेल लगाकर मोनी के ऊपर लेटकर चूतड़ों पर हाथ ले जाकर गांड के छेद को सहलाने लगे।

पहले मोनी असहज हो रही थी।

फिर धीरे धीरे उसकी पीठ को चूमते हुए मैंने उसे मजा देना शुरू किया; साथ में उसकी चूत पर उंगलियों से सहला रहे थे।
जिसके कारण मोनी अपने गांड के छेद को ढीला छोड़ना शुरू कर दी।

फिर मेरे सहलाने से मोनी को मजा आने लगा। फिर एक समय ऐसा आया कि मोनी खुद ही कहने लगी – अब डाल लो उंगली।

फिर मैंने मोनी की गांड में उंगली डाल दिए।

पहले तो मोनी उचक सी गई लेकिन मेरी उंगली अंदर जा चुकी थी।

धीरे धीरे मैं उंगली को छेद में अंदर बाहर करने लगे।

कुछ ही देर में मोनी को उंगली डालवाने में मजा आने लगा।

मैंने दस मिनट तक मोनी की गांड को उंगली से चोदे।
जिससे मोनी की गांड का छेद खुल गया।

फिर मैंने मोनी कीक्ष गांड को चोदने की तैयारी कर दिए क्योंकि उंगली से मैंने काफी तेल गांड़ के अंदर तक डाल चुके थे। और मोनी की गांड के छेद अंदर से पूरी तरह से चिकना हो चुका था।

फिर मैंने मोनी की गांड के छेद पर अपने तेल से सने लंड के सुपारे को टिका दिया और मोनी के ऊपर लेटकर पीठ और गर्दन पर किस करने लगे।

फिर मैंने लंड के टोपे को जोर से गांड के छेद पर लगाने लगे।

मगर जैसे ही अपने लंड को थोड़ा सा मोनी की गांड़ के अंदर डालते, तो मोनी उचक जाती थी‌।

फिर हल्के हल्के धक्के लगाते हुए मोनी कीक्ष जिस्म से जिस्म को रगड़ने लगे।

ऐसा करने से धीरे धीरे मेरे ‌लंड के टोपे से मोनी की गांड के छेद की मसाज होने लगी।

तो मोनी को अच्छा लगने लगा जिसका पता मुझे मोनी अपनी गांड को ऊपर उठाने की कोशिश से लगने लगा।

तो मोनी की‌ गांड का छेद ढीला पड़ता हुआ महसूस हुआ। तो मैंने इन पलों को पूरा फायदा उठाया और मोनी ‌की छाती के नीचे हाथ ले जाकर दोनों चूचियों को बड़े प्यार से दबाने लगे और मोनी की गर्दन पर किस करने लगे।

इससे मोनी की गांड का छेद खुलता चला गया और एक समय आया जब लंड का टोपा फिसलते हुए गांड के छेद में घुस गया।

मोनी की गांड अंदर से बेहद टाइट और गर्म थी।

मैं‌ मोनी के शरीर पर हिलना जारी रखें और जोर थोड़ा बढ़ा दिया।

मेरा लंड मोनी की गांड़ के अंदर जगह बनाने लगा और तो मोनी को दर्द होने लगा।

मगर मैंने ज्यादा जल्दबाजी नहीं की और अपने आधे लंड को धीरे धीरे करके मोनी की गांड में घुसा दिए।

फिर मैंने मोनी को चोदने लगे कुछ देर मोनीश्र झडपटाटी रही लेकिन फिर मेरा साथ देने लगी।

जब मोनी को चुदाई में मजा आने लगा तो मैंने अपनी स्पीड बढ़ा कर लंड के धक्के अब तेजी से लगने लगे।

फिर मैंने मोनी को घोड़ी बना कर गांड को अच्छे से चोदने लगे।

एनल चुदाई में मोनी की दर्द भरी सिसकारियां निकलने लगीं – आह्ह… आईईई… आह्ह… ईईई… ऊऊ ऊह्हह… धीरे चोदो‌‌ विक्रम… आईई।

मुझे गांड चोदने में इतना मजा आ रहा था कि मोनी की बात पर ध्यान नहीं दे पा रहा थे, बस मोनी को चोदे जा रहा थे।

लगभग 25 मिनट की चुदाई के बाद मेरा माल मोनी की गांड में निकल गया और हम दोनों फिर से निढाल होकर लेट गए।

अबकी बार दोनों को ही नींद आ गई।

करीब 6 बजे शाम को मेरी नींद खुली तो मैंने नंगी मोनी को खुद को चिपका लिए ‌।

इससे मोनी की भी नींद खुल गई तो मोनी को एक बार फिर से चोदने लगे।

ऐसे ही मोनी को गर्म करते रहे और चोदते रहे रात भर में 5 बार मैंने ‌मोनी को चोदा।

और सुबह 8 बजे हम दोनों की नींद खुली तो सुबह भी एक बार हम दोनों ने चुदाई की।

उस दिन से अब ये रोज़ का काम हो गया। मोनी के ही घर पर रहते हैं जब तक उसके जीजू नहीं आते।

अब हम दोनों रोज़ ऐसे ही चुदाई का मजा लेते हैं।
2 महीने बाद जब सोभा दीदी अपने पति के साथ आई तो बोली मैं तुम्हारे बच्चे को जन्म दुगी 7 महीने बाद।

ऐसे ही 7 महीने तक पढ़ते रहे और मोनी को चोदते रहे और जब सोभा दीदी मेरे बच्चे को जन्म देने वाली थी तो मोनी भी घर पर रहने लगी और उसके जीजू भी जिसके कारण ना तो मोनी को और ना ही सोभा दीदी को चोद पा रहे थे। तो कालेज जाना लगे।

बाकी आगे की कहानी अगले भाग में आपको कैसी लगी कहानी कामेट करके जरूर बताएं।

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