मोनी की बड़ी बहन के जाने के बाद मोनी की पलंग तोड़ चुदाई

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पिछले कहानी में पढ़ें थे की मोनी की बहन सोभा दीदी की गांड़ को दर्द देकर चोदे और कुछ देर बाद आराम से चोदे और मोनी की पीरियड थे तो नहीं चोदे और सोभा दीदी के अपने पति के साथ घर जाने के बाद।

अब आगे की कहानी।

फिर मोनी का फोन उठाए तो मोनी बोली सोभा दीदी की सास मर गई है तो सोभा दीदी और जीजू घर जा रहे थे तो फोन नहीं उठाए, चले गए अब तुम घर आ सकते हो।

तो रख कर नेहा के पास आकर बैठ गए और बोले मोनी अपने दीदी और जीजू के पास रहती है तो मोनी की दीदी की सास मर गई है तो मोनी की दीदी और जीजू तो घर चले गए और मोनी अकेली रो रही है।

तो उसी के घर जा रहे हैं। तो नेहा बोली क्या सच में सोभा की सास मर गई है।

तो मैंने कहा पर क्या तो सोभा दीदी को जानती हो। फिर नेहा बोली हां उस से मेरी दोस्ती मोनी के एलिमिशन के समय हुई थी। तब से बात होती है फिर नेहा सोभा दीदी को फोन करके बात पुछी फिर नेहा बोली आराम से जाना और फोन रख दी।

तो मोनी कहा मैं मोनी के पास जा रहे हैं अकेली रो रही है तो नेहा बोली ठीक है मेरे बेटे को स्कूल से नहीं लाना होता तो मैं भी चलती तुम जाओ कुछ दिक्कत हो तो बोलना मेरा नंबर ले लो।

फिर नेहा का नंबर लेकर डायल किए तो नेहा के पास मेरा नंबर चला गया। तो नेहा मेरा ‌नंबर सेभ कर ली।

फिर कालेज से निकले और मोनी के घर पहुंच गए तो मोनी बहुत उदास थी तो मोनी को समझने लगे। और शाम हो गई उस दिन शनिवार था और अगले दिन कालेज की छुट्टी भी थी।

फिर रात को खाना बनाने के बाद रात को 8 बजे दोनों साथ में खाना खाए।

और खाने के बाद मोनी के साथ उपर वाले रूम में चले गए और मोनी के चेहरे को देखकर अपने होंठों को मोनी के होंठों पर रख कर मोनी के पतले – पतले होंठों को चूसने लगे।

तो मोनी भी मेरे होंठों को चूसते हुए गर्म होने लगी और सर के बाल को सहलाने लगी।

फिर अपने एक हाथ को मोनी की पीठ पर लेकर गए और सहलाने लगे और अपने सिने से चिपकाते हुए मोनी की होंठों को चूसे जा रहे थे।

कुछ देर बाद मोनी अपनी जीभ को बाहर निकाल कर मेरे मुंह में डालने लगी।

मैं भी अपने जीभ को मोनी की मुँह के अंदर डालने लगे और हम दोनों एक दूसरे कि जीभ को चूसने लगे।

और मोनी सब कुछ भूलकर गर्म होकर मेरे पीठ पर अपने नाखून गड़ाते हुए मेरे पीठ को सहला रही थी।

कुछ देर बाद मैंने मोनी की गालों को चूमता हुआ गले पर पहुंच गया।

और गले को चूमते हुए मैंने अपने एक हाथ को मोनी की चुची पर रखे और र्शट के बटन खोलने लगें र्शट के मोनी सफेद रंग की ब्रा थी।

फिर मोनी के होंठों को फिर से चुसने लगे और ब्रा के ऊपर से ही एक चूची को अपने हाथ में पकड़ दबाने लगे।

कुछ देर बाद मोनी की चुचियों को ब्रा के ऊपर से ही चूमने लगे तो मोनी उत्तेजित हो गई और मेरे सिर को अपने छोटी छोटी चुचियों में दबाने लगी।

तो मोनी की पीठ के पिछे अपने दोनों हाथ को लेकर गए और मोनी की ब्रा की स्ट्रिप खोल दिए।

और अपने कपड़े को निकाल कर मोनी को अपने बांहों में लेकर होंठों को चूसने लगे।

फिर मोनी की ब्रा को निकाले तो देखें ब्रा के उपर से दबाने से मोनी की निप्पल्स टमाटर के जैसे लाल हो गए थे

और मोनी की दोनों चुचिया बिल्कुल आसमान की तरफ तने हुए थे और नुकीले थे।

फिर अपने दोनों हाथों से मोनी की दोनों चूचियों को पकड़ कर होंठों को चूसने लगे।

फिर दोनों चूचियों को चूसने लगे और एक – एक करके दोनों निप्पलों को मुंह में भरकर चूसने ‌लगे।

तो मोनी आह आह… आह… ईईई आह… ऊऊई ईई ईईई…… आह की आवाज निकालने लगी।

फिर मोनी की निप्पलों को चूसते हुए अपने एक हाथ को पैट पर लेकर गए और पैंट खोल दिए और निचे सड़का दिए।

और जोश में निप्पल को चुसते हुए दांत से काटने लगे तो मोनी जोर जोर से चिल्लाने लगी – ऊऊई आह… आह ऊ ईईई… आहह… ऊऊईई…… आआऊच आह!

उस समय हम दोनों केवल चड्डी में थे।

7 दिन से केवल सोभा दीदी को ही चोद ‌रहे थे ‌ और मोनी को आराम आराम से पहले चोदते थे।

आज 7 दिन बाद मोनी बहुत ज्यादा गर्म लग रही थी तो आज सोभा दीदी की तरह मोनी को दबाकर चोदने वाले थे।

फिर मोनी की दोनों चूचियों की निप्पलों को मुंह में लेकर चूस लगे तो मेरा लंड भी टाइट हो कर खड़ा हो गया।

लेकिन आज मोनी को जल्दी चोदने वाले नहीं थे, क्योंकि आज सोभा दीदी तो थी नहीं तो एक ही चूत को चोदना था, सोचें आज मोनी को इतना ज्यादा तड़पाना है कि मोनी खुद मेरे लंड को पकड़ कर जबरदस्ती अपनी चूत में डालने के लिए तरपने लगे।

काफी देर तक मोनी की चुचियों को मसलने और चूसने के बाद जब मोनी से बर्दाश्त नहीं हुआ तो मोनी सिसकारी आह आह आह्ह निकालते हुए बोली विक्रम चोद दो अब!

फिर मोनी की दोनों चूचियों को छोड़ कर, चूमते हुए नीचे की तरफ जाने लगे, कमर और पेट को चूमते हुए मोनी की नाभि के पास आकर अपनी जीभ को मोनी की नाभि पर घुमाने लगे।

मेरे जीभ घुमाने से मोनी नागिन की तरह लहराने लगी और अपने दोनों हाथों से चादर को पकड़ ली।

फिर मोनी की एक जांघ को ऊपर उठा कर चूमने लगे
ऐसे ही मैं बारी बारी से मोनी की दोनों जांघों को चूमते रहे और सोनम मचलती रही।

फिर मैंने मोनी की चड्डी की इलास्टिक को पकड़‌कर धीरे धीरे मोनी की चड्डी नीचे की ओर करने लगे।

मोनी की चड्डी को उतारने के बाद मोनी की दोनों पैरों को फैलाया और अपने जीभ से मोनी की चूत चाट को चाटने लगे।

तो मोनी अपना आपा खो बैठी और अपने हाथ पैर को बिस्तर पर पटकने लगी और जोर जोर से आह्ह… ऊह्ह… आह्ह… करने लगी।

आज 7 दिन बाद मोनी को इतना ज्यादा मजा मिल रहा था तो मोनी उन पलों का पूरा आनंद ले रही थी। क्योंकि 7 दिन से तो सोभा दीदी को चोदने में लगे थे।

तो आज मोनी कभी अपना सर तकिए पर पटकती, तो कभी अपने हाथ तो कभी अपने चूतड़ों को हवा में उठाकर बिस्तर पर पटकती।

मोनी ज्यादा देर तक मेरे चाटने को बर्दाश्त नहीं कर पाई।
करीब 5 मिनट में ही मोनी झड़ गई।

फिर करीब 20 मिनट मोनी को किस करने और दोनों चूचियों को चूसने के बाद मोनी गर्म हो गई ‌।

तो मोनी के दोनों पैरों के बीच में बैठ गए और अपने लंड को हाथ में लेकर आगे पीछे करने लगे।

और मोनी की दोनों टाँगे को फैलाए और मोनी के ऊपर लेट कर अपने नाक को मोनी की नाक पर रगड़ने लगे।

और अपने लंड मोनी की चूत पर लगाए और अपने लंड को मोनी की चूत पर ऊपर नीचे करके रगड़ने लगे और मोनी की चूत के छेद पर सेट कर करके, मोनी के गालों को चूमते हुए लंड पर हल्का सा जोर दिया जिससे लंड का सुपारा मोनी चूत के अंदर चला गया।

जैसे मेरे लंड का सुपारा मोनी की चूत में गया मोनी मेरे तरफ खुशी से देखने लगी।

और मोनी की चेहरे की खुशी पर अलग ही भाव था जैसे कि मोनी मुझसे सवाल कर रही हो कि 7 दिन से क्यों नहीं डाल रहे थे मेरी चूत में!

मोनी की चेहरे पर आज चूत में लंड ‌लेने की खुशी के भाव साफ साफ दिख रहा था।

फिर मोनी को अपने सीने से लगाए और चूत में लंड को डाल कर जोर से डालने लगे।

मेरा लंड मोनी की चूत में अंदर तक चला गया। तो मोनी आवाजें निकलने लगीं – आईई… मम्मी… ईईई… आआआ…. आईईईई… आह।

बस आराम से लंड पर जोर देते जा रहे थे और मेरा लंड मोनी की चूत में फिसलता हुआ अंदर घुस जा रहा था।

जब पुरा लंड मोनी की चूत में चला गया तो अपने लंड को बाहर नहीं निकाले और मोनी की होंठो और गालों को चूमने लगे।

कुछ देर बाद हल्के हल्के लंड को चूत में अंदर – बाहर करने लगे।

7 दिन बाद जब लंड को मोनी की चूत में डाल कर चोदने लगे तो मोनी आह्ह दीदी… आआईई… आऊऊ… उफ्फ… आह्ह करने लगी।

मोनी मुझसे लिपटी हुई थी और मैं अपने लंड को बड़े आराम से मोनी की चूत में अंदर बाहर किये जा रहा थे।

काफी देर तक धीरे – धीरे लंड को अंदर बाहर करके चोद रहे थे कहीं खुन ना आ जाए नहीं तो चोदने के लिए सोभा दीदी भी नहीं है आज।

जब कुछ देर चोदने के बाद मोनी की चूत से खून नहीं निकला तो मोनी के दोनों पैरों को घुटने पर से मोडे और अपने हाथों को फंसा कर मोनी की दोनों पैरों को फैला दिया और मोनी के ऊपर चढ़ गया।

उस समय मोनी की दोनों पैर हवा में थी और चूत ऊपर की ओर उठ गई थी।

फिर मोनी को तेजी से चोदने के लिए तैयार थे।

लेकिन मैं जानता था कि मोनी मेरे लंड को झेल नहीं पाएगी और उसे अभी तकलीफ होंगी क्योंकि अभी मोनी की चूत उस तरह से नहीं खुली हुई है जैसी सोभा दीदी खुली हुई थी, लेकिन मुझे आज मोनी की चूत को चोदने में मजा आने वाला था।

फिर मैंने धीरे – धीरे मोनी को चोदने लगे और अपने रफ्तार को तेज करते जा रहे थे।

जैसे जैसे अपने रफ्तार को तेज करते जा रहे थे, मोनी की चिल्लाना भी तेज होता जा रहा था।

आईई… आह्ह… ओह्ह करते हुए मोनी जोर से चिल्ला रही थी।

मैं मोनी के चेहरे को देखते हुए उसके दर्द में भी मजे के साथ मोनी को चोदते जा रहा थे।

तो मोनी की झड़ गए और मोनी की चूत अपने ही पानी से लबालब भर गई तो चोदते समय फच – फच की आवाज निकलने लगी थी।

कुछ ही देर में इतना तेजी से मोनी को चोदने लगे आज पलंग ही हिलने लगी।

इतना जोर से धक्का मार रहे थे की मेरी पूरा का पूरा लंड मोनी की चूत के बच्चेदानी तक जा रहा रहा था।

कुछ देर के बाद मोनी बोलने लगी – रुको विक्रम… आह्ह… प्लीज रुको… नहीं… आईई… नहीं… आह।

मगर मैंने आज मोनी की एक बात नहीं सुने और दनादन मोनी को चोदते जा रहे थे।

मुझे चोदते हुए 15 मिनट हो चुके थे तो मोनी को अब दर्द कुछ कम हो गया था।

फिर अपने लंड को मोनी की चूत से बाहर निकाले और मोनी को बेड से नीचे उतार कर खड़ी कर दिया और मोनी की एक टांग को उठाकर बेड पर रख दिया और सामने से मोनी की चूत में अपने लंड को डाल दिए।

तो मोनी मुझे जोर से पकड़ ली तो मैंने दोनों हाथों से मोनी की चूतड़ों को पकड़ लिए और चोदने लगे।

इस पोजीशन में मेरा लंड और मोनी की चूत में टाइट जा रहा था तो मोनी मुझे जोर से पकड़े हुआ थी।

और मैं मोनी की गांड को पकड़े हुए जोर – जोर से चोद रहे थे।

फिर मोनी के दोनों पैरों को अपने हाथ में फंसा लिया और उसे अपनी गोद में ले लिया।

फिर मोनी मेरे गले में अपनी बांहें डालकर मुझे पकड़ा ली।

तो मोनी को अपने गोद में उछाल उछालकर चोदने लगे। और अपने दोनों हाथों से मोनी की गांड को सहारा दिए हुआ थे।

इस पोजीशन में मेरा खड़ा लंड मोनी की चूत में घुस रहा था और मोनी ज़ोर ज़ोर से आईई… ऊईई… आह्ह कैसे कर रहे हो आप… आह्ह आउ कि आवाज ‌निकाल रही थी।

कुछ देर ऐसे चोदने के बाद मैंने मोनी को नीचे उतार कर मोनी के पीछे चले गए।

और मोनी के दोनों हाथों को बेड पर रखने को बोलें ‌ और जब मोनी अपने हाथों को बेड पर रख दी फिर, मोनी के पीछे गांड की तरफ से मोनी की चूत में लंड डाल दिया।

जैसे ही लंड चूत में गया मोनी चिल्लाई – ऊईई दीदी!

फिर मोनी की कमर को जोर से पकड़े और फट – फट की आवाज के साथ मोनी को तेजी से चोदने लगे। आज अपनी पूरी ताकत से मोनी को चोद रहे थे।

उसके बाद मोनी की कमर से अपना हाथ हटा कर सामने की तरफ ले गए और सामने से मोनी की चूत को सहारा देते हुए जोर जोर से चोदने लगे।

आज मैं रुकने का नाम नहीं ले रहा था क्योंकि आज सोभा दीदी भी नहीं थी और मुझे मजा भी आ रहा था।

सारे कमरे में फट – फट और फच – फच की आवाज गूंज रही थी।

फिर से मोनी का बदन अकड़ने लगा और मोनी झड़ने लगी। फिर भी बिना रुके मोनी को चोदे जा रहे थे।

कुछ देर बाद मैं भी मोनी को चोदते हुए मोनी की चूत के अंदर ही झड़ने लगे क्योंकि मोनी को बोलें थे पिरिएड के बाद तुम्हारी चूत में ही झडंगे।

आज पंखा चला रहा था फिर भी हम दोनों ही पसीने से नहा चुके थे और बिल्कुल निढाल होकर बिस्तर पर लेट गए।

बाकी आगे की कहानी अगले भाग में आपको कैसी लगी कहानी कामेट करके जरूर बताएं।

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