पिछले कहानी में पढ़ें थे कि सोभा दीदी की चूत को चोदे और लंड के पानी को सोभा दीदी की चूत में भर दे रहे थे प्रेगनेंट करने के लिए।
अब आगे की कहानी
फिर आधे घंटे बाद मोनी फिर से मुझे चोदने के लिए बोलने लगी।
तो मैंने कहा – सोभा दीदी, इसे समझाओ ना आप!
फिर सोभा दीदी बोली – यार तू न मोनी की गांड़ में लंड डाल दें।
तो मैने कहा – क्या बात कर रही हो सोभा दीदी… इसकी गांड बहुत छोटी है अभी, आपने कभी गांड मरवाई है… जानती भी हो सोभा दीदी आप कि कितना दर्द होगा मोनी को?
फिर सोभा दीदी हंसते हुए बोली – मैंने तो नहीं मरवाई है अपनी गांड़ क्या तू मेरी गांड मारना चाहता है, अच्छी लगी है क्या तुझे मेरी गांड़?
तो मैंने शर्माते हुए कहा – अरे नहीं ऐसी बात नहीं है।
फिर सोभा दीदी पुछी – तो क्या मेरी गांड तुझे अच्छी नहीं लगती है?
फिर मैंने कहा – नहीं, आपकी गांड तो बहुत मस्त है।
फिर सोभा दीदी हंसते हुए बोली – तो ऐसा कर, तू पहले मेरी गांड मार ले, फिर मोनी ही बताएगी कि उसे अपनी गांड मरवानी है या नहीं।
तो मैंने कहा – लेकिन सोभा दीदी?
फिर सोभा दीदी बोली – लेकिन – वेकिन कुछ नहीं चल आ जा!
और सोभा दीदी पेट के बल लेट गईं और अपनी गांड को उठा दी।
तो मैंने सोभा दीदी की गोडी चूतड़ों पर हाथ रखे और दबाने लगे और सोभा दीदी की दूध से ज्यादा गोरी चूतड़ों को दांत से काटने लगे।
तो सोभा दीदी आह आह आह आह करने लगीं।
फिर मैंने मोनी की और देखते हुए तेल लाने को बोलें , तो मोनी तेल लेकर आ गई।
और तेल अपने हाथ में लेकर मेरे लंड की मालिश करने लगी।
तो मोनी से तेल लेकर सोभा दीदी की गांड के छेद में डाल कर एक उंगली डालने लगे।
तो सोभा दीदी चिल्लाने लगी।
फिर थोड़ी देर बाद अपने अंगूठे को गांड़ में डाल कर आगे पीछे करने लगे।
कुछ देर दर्द सहने के बाद सोभा दीदी को मजा आने लगा तो मैंने दो उंगलियां को गांड़ में डाल दिए।
फिर अपने लंड को सोभा दीदी की गांड़ के छेद पर रखे और लंड के सुपारे को सोभा दीदी की गांड में डाल दिए।
तो सोभा दीदी बहुत जोर से आह आह आह चीख निकालने लगी।
तो मैंने मोनी को सोभा दीदी की मुँह को बंद करने को बोलें और एक झटका मारे तो मेरा आधा लंड सोभा दीदी की गांड में अंदर चला गया।
तो सोभा दीदी को बहुत ज्यादा दर्द होने लगा, तो सोभा दीदी मेरे लंड को अपने गांड़ से निकालने को कहने लगीं।
फिर सोभा दीदी की बात को सुनकर एक जोर से बाहर की तरफ झटका मार कर अपने लंड सोभा दीदी की गांड़ से बाहर निकाल लिए।
तो सोभा दीदी रोने लगी, और सोभा दीदी को रोते देख मोनी घबरा गई और बेड के कोने में चली गईं।
फिर मैंने कहा – देखा सोभा दीदी, जब आपको इतना दर्द हो रहा है, तो मोनी को कितना होगा?
कुछ देर बाद सोभा दीदी थोड़ी शांत हुईं, तो बैठने की कोशिश करने लगीं। तो सोभा दीदी को गांड के बल बैठा नहीं जा रहा था।
फिर सोभा दीदी बोलीं – ये क्या हाल कर दिया तूने मेरा… आह बैठा भी नहीं जा रहा।
तो हंसते हुए मैंने कहा – सोभा दीदी मैं तो पहले हे बोले थे, अब आपका ये हाल है, तो मोनी का क्या होगा?
और मोनी की ओर देखने लगे तो मोनी बोली नहीं नहीं, मैं पीरियड्स के बाद चूत ही चुदवा लूंगी।
तो मोनी की बात सुन कर हंसने लगे।
तो सोभा दीदी पुछी – हंस क्यों रहे हो?
तो मैंने कहा सोभा दीदी – आपकी दर्द देख कर कैसे बदल गई।
फिर सोभा दीदी बोली – तूने दर्द ही ऐसा दिया कि जिसे देख कर किसी का भी मन बदल जाएगा, लेकिन तू बता, तूने ऐसा क्यों किया? प्यार से भी तो मेरी गांड़ में अपने लंड को डाल सकता था न, उस दिन तुमने मोनी की चूत कितने प्यार से चोदे थे!
फिर सोभा दीदी बोली उसी भरोसे पर मैं तुझसे अपनी गांड मरवाने को राजी हुई और तूने ये कर दिया!
तो मैंने कहा – अरे सॉरी दीदी, लेकिन अगर मैं आपको इतना दर्द नहीं देता, तो आज मोनी बिना गांड चुदवाए नहीं मानती! आपका दर्द तो मैं अभी 2 मिनट में ठीक कर दूंगा।
फिर सोभा दीदी कहने लगीं – हां फिर कर दे जल्दी से।
फिर सोभा दीदी को गोद में लेकर बाथरूम में गए और खड़े करके सर को निचे झुकाने को बोलें और जब सोभा दीदी सर झुका ली तो गांड़ पर गर्म गर्म पेशाब करने लगे तो सोभा दीदी को गर्म पेशाब गांड़ पर गिरने से आराम मिलने लगा।
उसके बाद सोभा दीदी ख़ुद रूम में आ गई फिर मैंने दो बार सोभा दीदी की चूत को चोदे और अपने पानी से सोभा दीदी की चूत को भर दिए।
फिर मैंने घड़ी देखी तो 2 बज गए थे।
फिर मैंने मोनी की गांड को चूमने लगे, वो डर गई.
तब मैंने कहा – चलो मोनी अब तुम्हारी गांड में अपने लंड को डालते हैं दो दिन बहुत परेशान कर रही हो।
फिर मोनी बोली – अरे नहीं नहीं विक्रम, मुझे नहीं अपनी गांड़ में तुम्हारा लंड लेना वो तो दीदी ने मुझे कहा तो मैं बहक गई थी. प्लीज मुझे छोड़ दो।
तो मैंने कहा मोनी मैं मजाक कर रहा था।
फिर मोनी के होंठों अपने होंठों में लेकर किस करने लगे। तो मोनी मेरे बांहों में सिमट गई।
फिर मैंने मोनी को थोड़ा प्यार किए।
फिर मैं अपने रुम पर आ गए।
अगले दिन फिर मोनी के घर गए तो मोनी मेरे गले से लग गई और कहा – मेरे पीरियड बंद हो गए हैं।
फिर मैंने मोनी की कपड़े निकाल कर चूत को देखे तो उसमें से अभी भी ब्लीडिंग हो रही थी।
तो मैंने मोनी को बहुत जल्दी है लंड को चूत में लेने कि – अभी बंद नहीं हुई है, कल होगी। लेकिन अगर तुम चाहो तो तुम्हारी गांड़ में अपने लंड को डालने के लिए तैयार हैं। और मोनी की गांड को दबा दिए।
फिर मोनी बोली – नहीं नहीं, मैं कल तक इंतजार कर लूंगी, कोई बात नहीं।
तो थोड़ी देर मोनी को चूमे चाटे और चुची को दबाए और दांत से काटे तो आह आह करके चिल्लाने लगी।
तो सोभा दीदी रूम मे बोली इतना चिला क्यों रही है मोनी तो मुझे देख कर सोभा दीदी मेरे पास आ गईं और मुझे अपने बांहों में भर ली।
फिर मैने मोनी को छोड़ कर सोभा दीदी से पुछे – अब दर्द कैसा है?
तो सोभा दीदी बोली – अब दर्द नहीं है। और मुझे किस करने लगीं और मेरे कपड़े उतारने लगीं।
तो मैंने भी सोभा दीदी की चूची को मुंह में लेकर पीने लगे। और कपड़े निकाल दिए और बेड पर लिटा कर चूत को चाटने लगे।
चाटने के बाद सोभा दीदी की चूत पर लंड रखे और चूत में जोर जोर से चोदने लगे।
फिर सोभा दीदी बोली – विक्रम मुझे भी गोद में उठा कर चोदो ना, जैसे मोनी को चोदे थे।
तो मैंने कहा सोभा दीदी – मोनी तो फूल की तरह हल्की है आपका वजन 50 किलो से ज्यादा है, फिर भी चलों कोशिश करते हैं।
फिर सोभा दीदी की चूत में लंड डाले हुए ही गोद में उठा लिए और दोनों हाथों से सोभा दीदी की गांड को पकड़ कर चोदने लगे।
भारी वजन के कारण 5 मिनट में ही थक गए, तो सोभा दीदी को वैसे ही बेड पर लेट दिए।
फिर सोभा दीदी को पलट कर ऊपर कर दिए तो सोभा दीदी मेरे ऊपर आकर मेरे लंड पर बैठ गईं और उछल उछल कर चुदाने लगीं।
करीब सोभा दीदी 25 मिनट तक उछलते हुए थकने लगी थी तो मैंने कहा कुछ देर और दीदी मेरा निकलने वाला है फिर सोभा दीदी की गांड़ को निचे से पकड़ कर ऊपर उठा कर अपने लंड पर छोर देते और मेरा लंड सीधा सोभा दीदी की चूत में चला जाता ऐसे ही कुछ देर करने के बाद सोभा दीदी की चूत में झड़ने लगे तभी सोभा दीदी भी आह आह आह करके झडने लगी।
फिर सोभा दीदी झडने के बाद मेरे ऊपर ऐसे ही लेटी रहीं तो कुछ देर बाद मैं सोभा दीदी की मुलायम गांड को सहलाने लगे।
फिर सोभा दीदी मुस्कुराते हुए बोली – क्या बात है, आज फिर गांड मारने का इरादा तो नहीं है?
तो मैंने कहा – अरे नहीं सोभा दीदी, मैं तो ऐसे ही प्यार से सहला रहा हूं बहुत मुलायम है।
फिर सोभा दीदी बोली – अगर प्यार लंड डालोगे तो अपनी गांड़ चोदने दूंगी।
और मेरे आंखों में देखते हुई मुझे किस करने लगीं।
तो मैंने कहा – अगर आपका मन है, तो फिर ठीक है. आज बहुत प्यार से अपने लंड को आपकी गांड़ में डालेंगे।
फिर सोभा दीदी मुस्कुराते हुए बोली – कल लंड पूरा नहीं गया था, तो अभी तक लग रहा है कि गांड में कुछ अटका हुआ है।
फिर हंसते हुए बोले – सोभा दीदी आपकी गांड़ में जो कुछ भी अटका है, मैं निकाल दूंगा।
बोलकर सोभा दीदी को पलट चूतड़ों पर जीभ फिरा कर चाटने लगे, और दांतों से काटने भी लगे, काट काट कर दांत का जगह जगह पर निशान बना दिए।
फिर तेल लेकर सोभा दीदी की गांड की मालिश करने लगे और साथ में अपने लंड पर भी तेल लगाए और अपने लंड के सुपारे को आराम आराम से सोभा दीदी की गांड में घुसा दिया।
फिर कुछ देर ऐसे ही धीरे धीरे करके अपने आधे लंड को सोभा दीदी की गांड़ में घुसा दिया फिर आगे पीछे करने लगे।
तो कुछ देर बाद सोभा दीदी को मजा आने लगा तो मैंने अपने लंड को थोड़ा और गांड़ में घुसा दिए।
तो सोभा दीदी दर्द से बिलखने लगी।
तो सोभा दीदी के ध्यान को भटकाने के लिए दोनों चूचियों को दबाने लगे और होंठ को चूसने लगे, फिर अपने एक हाथ को सोभा दीदी की चूत के पास लेकर गए और चूत को सहलाने लगे।
कुछ देर सोभा दीदी पुछी – विक्रम अभी और बचा है क्या तुम्हारा लंड?
तो मैंने कहा – हां, लेकिन अब रहने देता हूं. इतना ही आगे पीछे करता करके आपके गांड़ को चोदते हैं। और उतने अपने लंड को धीरे धीरे आगे पीछे करने लगे।
करीब 5 मिनट गांड़ को चोदने के बाद सोभा दीदी को भी मजा आने लगा तो, बोली – विक्रम अब पूरा एक बार में ही घुसा दो।
फिर सोभा दीदी की कमर को पकड़े और एक जोर से झटका मारे तो मेरा पूरा लंड सोभा दीदी की गांड़ में चला गया।
तो सोभा दीदी बहुत जोर से आह आह करके चिल्लाने लगी तो सोभा दीदी को चिल्लाते हुए देख कर आज मोनी मुस्कराने लगी।
फिर धीरे से धक्के लगाने लगे और जब सोभा दीदी को मजा आने लगा तो दीदी थोड़ी स्पीड बढ़ाने को बोली तो
स्पीड को बढ़ाते हुए मैंने एक हाथ को फिर से चूत पर रखे और जोर से मसल दिए।
तो सोभा दीदी आह आह करके झड़ गईं और बिल्कुल ढीली पड़ गईं।
फिर 5 मिनट बाद सोभा दीदी फिर से धक्के लगा कर चोदने को बोली फिर से सोभा दीदी की गांड़ को चोदने लगे।
फिर कुछ देर बाद जोर जोर से धक्का मार मार कर चोदने लगे तो सोभा दीदी काफी ज्यादा मजा आने लगा।
करीब 45 मिनट चोदने के बाद झड़ने वाले थे।
तो मैंने पुछा – मैं कहां निकालूँ?
तो सोभा दीदी बोली – गांड में ही निकाल दे मैं तेरे गर्म गर्म पानी को अपनी गांड में महसूस करना चाहती हूं। और मेरे साथ सोभा दीदी भी झड़ गईं।
फिर सोभा दीदी के ऊपर से उतर गए और अपने बांहों में भर कर किस करने लगे।
फिर हम वैसे ही सो गए।
इस बार जब मेरी नींद खुली, तो सोभा दीदी मुझे किस कर रही थीं।
फिर मुझसे बोली – चलो नहा लो, आज मोनी खाना बना रही है. आज खाकर ही जाना।
फिर बेंड से निचे उतरे और सोभा दीदी को अपने गोद में उठाया और सीधा बाथरूम में लेकर चले गए।
फिर मैंने गेट खोल कर मोनी को बुलाने लगे, तो मोनी मना कर दी।
फिर शॉवर को ऑन किए और सोभा दीदी के होंठो को चुसने लगे और दोनों चूचियों को दबाने और चूसने लगे।
फिर सोभा दीदी नीचे बैठ कर मेरे लंड को मुँह में भर कर चूसने लगीं।
सोभा दीदी आज पहली बार मेरा लंड मुँह में ली और चूसने के बाद मेरे लंड को अपने दोनों चूचियों के बिच रख कर मसलने लगीं।
फिर दोनों चूचियों को दबाकर जोर जोर से चोदने लगे।
कुछ देर बाद मैंने सोभा दीदी को उठाए और सीधा दीवार से लगा कर एक बार में पूरा लंड सोभा दीदी की चूत में घुसा दिए।
तो सोभा दीदी दर्द से चीख उठीं और मेरी पीठ पर नाखून गड़ा कर मेरे कंधे पर दांत से काटने लगीं।
कुछ देर बाद सोभा दीदी अपनी कमर हिलाने लगीं तो जोर जोर से चोदने लगे।
35 मिनट की चुदाई में सोभा दीदी 2 बार झड़ चुकी थीं.
फिर मैं भी सोभा दीदी की चूत के अन्दर ही झड़ गए।
फिर अब हम दोनों नहाकर बाहर आए और कपड़े पहने कर खाना खाए, खाने के बाद जाने लगे, तो मोनी मुझे अपने बांहों में भर लि।
तो मोनी को अपने बांहों में समेटते हुए पुछे – क्या हुआ मोनी?
तो मोनी बोली – कल से मुझे प्यार करोगे ना!
फिर मैं मोनी के होंठों को चूमते हुए बोले – कहो तो आज ही कर देता हूं।
तो मोनी कुछ नहीं बोली, फिर मोनी की चुची को चूसने लगे, और गर्दन को चूसने चाटने लगे तो मोनी पूरी मदहोश हो गई।
फिर मोनी की शर्ट को उतार दिए और पेट को चूसने लगे, और पीठ को चूमने लगे।
फिर मोनी को बेड पर लिटाए और उसके चूतड़ों को चाटने, और काटने लगे जिससे मोनी सिहर गई।
फिर मोनी की पैंटी में हाथ डाल कर चूत को सहलाने लगे।
तो 5 मिनट में ही मोनी मदहोश होकर झड़ गई और मेरी बांहों में सो गई।
फिर मोनी को सुला कर जाने लगे।
फिर सोभा दीदी को एक बार किस करके घर से निकल गए और अपने रूम पर आ गए।
फिर अगले दिन कालेज गए तो कालेज के पास पहुंचे तो मोनी का फोन नहीं आया और जब मैंने किया तो मोनी मेरे फोन को कट कर दी।
फिर कालेज में चले गए और पढ़ने लगे। तो नेहा मुझे देखी तो सोचने लगे कास सोभा दीदी की जगह नेहा सिंह को चोदे होते।
नेहा मेरे बगल में बैठी थी तो इतने दिनों। से चोदने के चक्कर में टेक्चर नहीं पढ़े थे तो नेहा से नोट्स लेकर कापी करने लगे। और बात करने लगे तो नेहा बोली पास में ही एक रूम लेकर अपने बेटे के साथ रहती हूं।
फिर आच्य से नेहा कि तरफ देखते हुए बोले आपका बेटा भी रहता है आपके साथ तो नेहा बोली हां अभी 5 साल का है तो स्कूल में छोड़ने के बाद आती हूं।
फिर ऐसे ही इधर उधर की बात हो रही थी तभी मोनी का फोन आ गया तो नेहा देखकर पुछी मोनी तुम्हारी गर्लफ्रेंड है।
तो मैंने कहा नहीं बस दोस्त तो नेहा बोली हमेशा मोनी के साथ छत पर पानी की टंकी के पिछे क्या करते थे।
मैंने कहा ओ। तो नेहा बोली कोई नहीं तुम मज़े करो मेरी तो जल्दी शादी हो गई और बायफ्रेड का मजा नहीं ली हूं कभी तुम मज़े लो बोलकर हंसने लगी।
बाकी आगे की कहानी अगले भाग में आपको कैसी लगी कहानी कामेट करके जरूर बताएं।
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