यात्रा के दरम्यान संभोग सुख : भाग २

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पिछले भाग के आगे…. मैं तो ट्रेन में ही कूप के एक यात्री जोकि उम्र में मुझसे काफी छोटा था के साथ जिस्मानी संबंध बना ली, मोंटी देखने में स्मार्ट और यंग था साथ ही उसके लन्ड और काम क्रिया के तरीके से मैं संतुष्ट हुई, रात के ११:०० बजे होंगे जब दोनों सम्भोग क्रिया का अंत कर अपने अपने बर्थ पर लेट गए तो मैं करवट लिए सो गई। मेरी नींद खुली कारण की मुझे पिसाब लगी थी और मैं वाशरूम जाकर मूत ली फिर फ्रेश होकर कूप में आई तो मोंटी नींद में था और मैं मोबाइल में टाईम देखी तो रात के १२:३० बजे थे और मेरी इच्छा उससे दुबारा चुदाने की थी तो मैं उसके बर्थ पर पैर के पास बैठी फिर शॉर्ट्स पर से ही उसके लन्ड के उभार को सहलाने लगी, साला इसका लन्ड तो पूरी तरह से टाईट था और मैं अपने आपको रोक नही सकी फिर उसके शॉर्ट्स को पकड़ नीचे करने लगी और मोंटी हड़बड़ा कर उठा फिर मुझे देख मुस्कुराने लगा ” ओह मैं तो डर ही गया था
( मैं उसके शॉर्ट्स को उतार दी फिर लन्ड पकड़ सहलाने लगी ) तेरा पप्पू तो बहुत जल्दी खड़ा हो गया ” वो चुप रहा और मेरी नाईटी की डोरी खोलने लगा, मैं भी जल्दी में थी और खुद से नाईटी उतार नंगी हो गई तो मोंटी बर्थ पर बैठ गया जबकि मैं उसके बगल में बैठी हुई उसके चेहरे को चूमने लगी, वो मेरे बूब्स को दबाता हुआ मेरे रसीले ओंठ को मुंह में लिए चूसने लगा जबकि उसका हाथ मेरी जांघों के बीच था और वो मेरी बुर को टटोलने लगा। दीपा तभी उसके मुंह से ओंठ निकाल ली फिर उसके मुंह में जीभ घुसाए चुसवाने लगी तो मोंटी मेरे बुर में उंगली घुसाकर कुरेदने लगा और दोनों एक दूसरे से लिपटे हुए मजे ले रहे थे, मैं उसके मुंह में जीभ डाले चुसवा रही थी तो मोंटी मेरी चूत को कुरेद रहा था फिर मेरी आंखें बंद हो गई तो सांसे तेज और दोनों काम की आग में जलने लगे, कुछ देर बाद जीभ निकाल ली फिर उसके कंधे पर सर रखकर उसको बोली ” पहले मेरी चूत चाट दो ना फिर
( मोंटी मुझे बर्थ पर लेटने बोला ) डार्लिंग तुम हड़बड़ी में क्यों हो, पहले दूध पियूंगा फिर चाटूंगा तब तुम चूसना ” और वो मेरे बूब्स को मुंह में लेकर चूसने लगा साथ ही दूसरे स्तन को दबाए जा रहा था जबकि मैं बर्थ पर लेटे हुए आहें भर रही थी ” आह ओह दांत मत लगाओ डियर आराम से चूसो ना ” वो मेरी चूची मुंह से निकाल उसके निप्पल को जीभ से चाटने लगा और मेरी बुर खुजलाने लगी, मोंटी मेरे दूसरे स्तन को मुंह में लेकर चूसना शुरु किया तो पूरे बदन में मानो करेंट प्रवाहित होने लगी, मैं जांघ पर जांघ चढ़ाए आपस में रगड़ने लगी तो वो चूची चूसते हुए मस्त था। दीपा उसके बाल सहलाते हुए कुछ देर तक स्तनपान कराई फिर मोंटी मेरे घिकने बदन को चूमने लगा और कमर तक चूमकर मेरे जिस्म पर से उतर गया, मैं तो बुर की खुजली से परेशान थी फिर वो मेरे जांघो को फैलाकर बुर पर मुंह लगाया और उसको चाटने लगा, मुझे तो बहुत मजा आ रहा था और मोंटी भी बुर चाटने में मस्त था और फिर मेरी चूत रस छोड़ दी तो मैं बोली ” मोंटी अब उठने दो तेरा लन्ड चूस लुंगी फिर डालना
( वो शॉर्ट्स पहन लिया तो मैं चादर ओढ़कर बैठ गई ) अभी आया ” वो फ्रेश होने गया तो कूप का दरवाजा खुला हुआ था और अचानक से दरवाजा खुला तो मैं सोची की इतनी जल्दी मोंटी फ्रेश होकर नही आ सकता, नाईट बल्ब में देखी तो एक पुलिस वाला था और मुझे चादर ओढ़कर बैठे देख पूछा ” आप कहां जा रही हैं
( मैं बोली ) पटना जा रही हूं क्यों कोई प्रोब्लम
( वो मुझे देख हंस दिया ) अकेले हैं या
( मैं सामने बर्थ की ओर इशारा की ) जी मेरा बेटा साथ में है, इतने में मोंटी आया और फिर पुलिस वाला पूछा ” तो आप चादर ओढ़कर बैठी हैं क्या चल रहा है
( मैं बोली ) मुझे ठंड लग रही है इसलिए चादर ओढ़ रखी हूं
( पुलिसवाला बोला ) अच्छा तो चादर हटाइए तो देखूं
( मैं सहम गई ) लेकिन मैं चादर नही हटा सकती ” पुलिसवाला मेरे बर्थ पर बैठ गया और मोंटी को बोला ” तुम दोनों ट्रेन में क्या कर रहे थे और उसकी क्या सजा है तुम दोनों को मालूम है
( मैं बोली ) सर जो हुआ मर्जी से हुआ कुछ ले देकर मामला रफा दफा कीजिए
( वो बोला ) हां तो चादर हटाई फिर जो लेना होगा मैं ले लूंगा ” मैं असमंजस में थी, भले ही पुलिस वाला ३०-३२, साल का था और देखने में भी सुंदर लेकिन ये तो जबरदस्ती करने पर लगा हुआ था, मोंटी बोला ” सर कुछ पैसे लेकर जाने दीजिए
( वो मेरी ओर हाथ बढ़ाकर चादर खींच दिया ) जो चाहिए वो तो ये है और तू साली इससे चुदवा सकती है तो मेरे में क्या कमी है
( मैं चादर को पूरी तरह से तन पर से हटाकर नंगी हो गई ) ठीक है तो फिर मैं तैयार हूं, दरवाजा तो लगा लीजिए ताकि कोई देख ना सके ” और अब मेरी चुदाई एक पुलिसवाला करने वाला था और वो मेरे बगल में बैठा तो मैं पूछी ” आपका नाम क्या है
( वो मेरी चूची दबाने लगा ) फिरोज, तू भी इधर बैठ और दोनों मिलकर इसकी चुदाई करते हैं ” पुलिसवाला तो मुफ्त में ही चोदता वैसे भी मैं कोई रण्डी नही की पैसे पर जिस्म बेचती हूं और फिर फिरोज अपने वर्दी को उतारकर रख दिया, उसका लन्ड देख तो मन डोल गया और मैं दोनों के लन्ड पकड़ सहलाने लगी तो फिरोज मेरे चूची पर मुंह लगाया फिर मैं उसे मुंह में स्तन दे दी ताकि वो मेरी चूची चूस सके और मोंटी भी मेरे स्तन चूसने लगा लेकिन मैं तो फिरोज के ९ इंच लम्बे लन्ड पकड़े चुदाई को आतुर थी लेकिन वो तो चूची चूसने में लगा हुआ था ” आह उई मां बुर में इतनी गुदगुदी आराम से चूस साले ” और मोंटी चूची मुंह से निकाल कर खड़ा हो गया तो मैं फिरोज को बोली ” सर आप तो मेरी चूत रिश्वत में ले रहे हैं इसे पहले चोदने दीजिए ना
( फिरोज हंस दिया ) क्यों मेरे लन्ड देख डर गई
( मैं उसके गाल चूम ली ) इसके ऊपर जब बैठकर चुदाउंगी तब मेरी असलियत समझ में आयेगी ” और फिर मुझे बर्थ पर डॉगी स्टाइल में मोंटी ने किया तो वो मेरे चूतड के सामने खड़ा था, फिरोज मेरे बगल में बैठकर मेरे चूची दबाने लगा साथ ही मेरे पीठ सहला रहा था। मेरी बुर में मोंटी लन्ड डालकर धक्का देने लगा तो मैं बर्थ के किनारे घुटनों के बल थी और अपने चूतड को हिलाते हुए चुदाने लगी साथ ही फिरोज मेरे बूब्स को पकड़ दबाए जा रहा था ” बिल्कुल मस्त माल है इसको तो तीन चार लन्ड एक साथ मिले तब ही इसकी चूत शांत होगी
( मैं फिरोज की ओर देखी ) वो भी ले चुकी हूं, बहुत बड़ी छिनार हूं सर चुदाई का लम्बा अनुभव है ” और मोंटी तो मेरे कमर पकड़े चोदे जा रहा था, मैं चूतड हिलाते हुए मस्त थी साथ ही फिरोज के लन्ड से चुदाई के बारे में सोच रही थी, मेरी बुर तो गर्म होने लगी तो मोंटी चोदते हुए हांफने लगा और फिर बोल पड़ा ” आह ओह इस बार तो और जल्दी झड़ गया
( मैं बुर में रस गिरते ही मस्त हो गई ) कोई बात नही, फिरोज तेरी कसर पूरा कर देंगे ” फिर मैं नाईटी पहने वाशरूम चली गई और बुर को साफ कर फ्रेश हुई और वापस कूप में आई, फिरोज के लन्ड से चुदाई बाकी है लेकिन अगले भाग में।

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