रिया भाभी की चूदाई पाट 11

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तब रिया – बोली देवर जी एक दिन और रुक जा मै आपकी दर को खत्म कर दुगी.

फिर मै एक दिन और रुक गाया तो पता नहीं भाभी क्या कि घर में लाइट कट गई। और बहुत गर्मी लगने लगा दिन तो निकल गया पर रात में हम सब एसी के बिना सो नही पाते और बैटरी से केवल एक ऐसी ही चलतीं फिर हम सबने एक ही रुम में सोने की सोची और एक ही बेड पर सो गए

जब में बहुत गहरी नींद में सो रहा था। कुछ देर सोने के बाद जैसे ही में दूसरी तरफ करवट लेकर लेट गया। उसके बाद मैंने भैया उठकर भाभी के पैरों के बीच में बैठ गये और भाभी के पैरों को पकड़कर पैरों को चूमने और चूसने लगे।

फिर रिया अपने पैरों को पीछे खीचते हुए बोली बगल में आपका भाई सो रहा है, लेकिन भैया ने भाभी को बहुत ज़ोर से पकड़ हुए बोले आपका देवर तो सो रहा है और बोले मेंरी जान 6 महीने से चोदे नहीं आज मुद खराब नहीं करो और भैया भाभी के पैरों को बारी बारी से चूमा और चूसा इस वजह से भाभी भी चुपचाप लेटी रही। फिर मैंने अब उन लोगों की तरफ करवट ले ली और भैया उठकर भाभी की कमर के पास जाकर बैठ गए। उसके बाद भैया ने भाभी के पैरों को दबाना शुरू किया और पैर दबाते दबाते अपना हाथ भी ऊपर की तरफ बढ़ा रहे, जिसकी वजह से भैया अपनी हाथ से भाभी की पेटिकोट भी उठ रहे थे और भैया ने अपने हाथों से भाभी के पेटिकोट को उनके घुटनों के ऊपर तक उठा दिए और भाभी के दोनों पैर नंगे हो चुके थे। अब भाभी बहुत डर रही थी एसा नाटक कर रही थी और भाभी चुपचाप लेटी हुई थी और भैया धीरे धीरे अपना हाथ रिया की जांघों पर फेरने लगे और फिर धीरे से अपने हाथ को ऊपर की तरफ ले जाने लगे थे और भैया का हाथ भाभी की कमर तक पहुंच गया और फिर वहीं पर रुक गए, और भैया भाभी की गोरी गदराई कमर पर बहुत प्यार से हाथ फेरने लगे, साथ में भाभी की कमर को भी चूमने लगे, भाभी के नाभि को भी किस करने लगे और भैया अपना हाथ भी इधर उधर घुमाकर भाभी के पेटिकोट के नाड़े तक पहुँच गये। फिर भैया ने अपने एक हाथ से भाभी की चूत के ऊपर रखकर पेटिकोट का नाड़ा भी खींच दिया और नाड़ा खींचते ही भाभी का पेटिकोट ढीला होकर कमर तक खुल गया। फिर पेटिकोट खोलने के बाद भैया अपना हाथ भाभी के बूब्स पर ले गये और भैया बूब्स को पकड़कर धीरे धीरे दबाने लगे। तभी भाभी भैया के हाथ को हटाने की कोशिश करने लगीं, लेकिन भैया ने अपना हाथ नहीं हटाया और मैं पास में लेटा हुए था और उस डर की वजह से भैया कुछ भी नहीं बोल पा रहे थे और चुपचाप भाभी के पास में बैठकर बूब्स से जी भरकर खेलते रहे और फिर बाद में भाभी की ब्रा के हुक को भी खोल दिए और भाभी कि ब्रा को उतार दिया और भैया बूब्स को अपने मुहं में भरकर चूसने लगे। कुछ देर तक भाभी की निप्पल और फिर बूब्स को सहलाते रहे और उसके बाद भैया ने भाभी को उल्टा लेटने के लिए कहा। और भाभी उल्टी लेट गयी तो भैया नंगी पीठ को सहलाते हुए कुछ देर बाद भाभी कि ब्रा को बदन से खींचकर निकाल दिए। और पीछे से अपना हाथ बढ़ाकर भाभी के बूब्स को फिर से पकड़कर मसलने लगे और भैया मुहं नीचे की तरफ ले जाकर भाभी कि कमर और कूल्हों पर चुम्मने लगे, भाभी भैया को रोकी नहीं। फिर भैया ने पैरों से भाभी के पेटिकोट को खींचकर उतार दिया, जिसकी वजह से अब भाभी पूरी तरह से नंगी हो गयी और भैया के पास में लेटी रही। फिर भैया ने अपनी शॉर्ट और अंडरवियर को उतार फेंका और भाभी के पैरों को फैला दिए। फिर भैया ने चूत को अपने हाथों में लेकर मसलने लगे थे और चूत के अंदर उंगली डालकर अंदर बाहर करने लगे थे। भैया ने चूत में तब तक अपनी उंगली को डालते निकालते रहे, जब तक चूत से बहुत लार नहीं निकल गया और भैया कुछ देर बाद समझ गये कि अब रिया अपनी चूत को चुदवाने के लिए तैयार है। फिर भैया अपने आप को भाभी की खुली हुए जांघों के बीच में पोज़िशन बनाकर भैया ने अपना लंड भाभी की चूत पर रख दिया और भैया ने अपनी कमर को हिलाकर अपने लंड को रिया की चूत के अंदर डाल दिया, और उनका लंड आसानी से भाभी की चूत के अंदर समा गया तो भैया पुछे जान तुम्हारी चूत इतनी ढिली कैसे हो गई है मेरे लण्ड को तो कुछ फिल ही नहीं हो रहा मै ऐ सुन कर मुस्करा रहा था फिर रिया अपनी कमर को उचकाकर लंड को अपनी चूत की और भी गहराई में लेने की कोशिश करने लगी ताकि भैया को चूत टाइट लगे। फिर भैया ने भी झटके मार मारकर रिया को चोदना शुरू कर दिया और में पास में लेटे हुए था, इसलिए वो ज्यादा तेज चोद नहीं सकते थे और ना ही ज्यादा उछल कूद कर सकते थे और इसलिए वो अपनी चुदाई बहुत धीरे धीरे धक्के देकर कर रहे थे धीरे धीरे चुदाई करने से उनको बहुत आनंद मिल रहा था और फायदा यह हुआ कि भाभी को ज्यादा देर तक चोद सके, लेकिन भाभी अब बहुत गरम हो चुकी थी और भाभी ने अपना पैर उठाकर भैया के कंधे पर रख दी। और बोली जानेमन धीरे धीरे, लेकिन गहरे और जोरदार झटको के साथ चोद़ो। फिर उनहोंने देखा कि रिया अपने कूल्हों को अब ज़ोर ज़ोर से और जल्दी जल्दी उछाल रही है और रिया अपने होंठो को चबा भी रही थी। ताकि भैया जोस में आकर तेजी से चोदे फिर भाभी अपनीनी कमर को उछाल उछालकर उनका लंड अपनी चूत में लेने लगीं फिर भैया जोस में आकर जोड़ जोड़ चोदने लगे फिर भाभी ने एक हाथ चुपके से मेरे लण्ड पर रखी और जोड़ से दबा दी फिर मै जगा तभी भैया मुझे जागते हुए देख लिए। और एक टावल भाभी के उपर डाल दिए और फिर भैया मुझसे पुछने लगे कि विक्रम तुम सोए नहीं? तब मैंने कहा कि मुझे नींद ही नहीं आ रही है, तो भैया ने पूछा क्यों? तब मैंने कहा कि आप भाभी के साथ पता नहीं क्या कर रहे हो तो मुझे नींद नहीं आई? तो भैया हंसते हुए पूछने लगे क्या तुमको भी करना है विक्रम? तो मैंने भैया को हाँ कर दिया और फिर भैया मुझसे पूछने लगे कि विक्रम तुमने क्या अपनी भाभी से सुंदर औरत कभी देखी है? मै भैया कि बात सुनकर एकदम चुप रहि। फिर भैया कहने लगा कि में बहुत किस्मत वाला हूँ कि मुझे इतनी सुंदर और सेक्सी पत्नी मिली। फिर भैया बोले तुम्हारी भाभी टॉप क्लास माल है, इसकी चूत और बूब्स को देखने के लिए और खाने के लिए गाँव के और भोपाल के सभी लोग हमेशा तरसते रहते है और इसके उठे उठे और मस्त बूब्स और मोटी मोटी चिकनी पैरों को देखकर कोई भी पागल हो जाएगा। फिर भैया रिया से बोले कि जानेमन टावल को हटा दो, आज थोड़ा हम दोनों भाई को तुम अपनी जवानी तो दिखाओ, अरे ऐ मेरा छोटा भाई है, उससे क्या शरमाना, और आज इतना मत शरमाओ 6 महिने से तुम्हे चोदे नहीं है, प्लीज़ आज तुम इसको अपनी जवानी दिखा दो, भाभी भी अब अन्दर से खुश दिख रही थी। भैया ने फिर से रिया से बोला कि तेरे देवर ने अभी तक कोई नंगी लड़की या औरत नहीं देखी है, तुम उसको दिखा दो कि औरत के दोनों पैरों के बीच में क्या होता है? और मस्त बूब्स कैसे होते है? तुम आज मेरे छोटे भाई को औरतों के खजानों को भी दिखा दो और मुझे चोदने दो आज। और रिया उस समय बहुत चकित होकर अपने पति की तरफ देखने लगी कि आज वो ऐसे कैसे बातें बोल रहे है? रिया ने कोई भी जवाब नहीं दिया, वो एकदम चुप रही और अपने मुहं को बंद कर लिया ताकि उनके पति को सक नहीं हो मै खुश हूँ, फिर भैया ने कहा आज अपनी चूत और बूब्स को तू हमें दिखाएगी तो घट नहीं जाएगा, खोल दो टावल को और हम दोनों भाई को एक साथ अपनी जवानी देखने दो। अब रिया धीरे से अपने पति को देख रही थी और ओ उनके शरीर को घूर रहे थे, जब रिया मुझे देखने लगी, तब में रिया से इशारे से बोला, जिसके बाद वो नंगी हो गई। तब रिया ने धीरे से अपनी जांघों को खोला और फिर टावल को धीरे धीरे उठाकर अपनी जांघों से ऊपर उठा दिया और तब हम लोगों को रिया की चूत दिखाई देने लगी, लेकिन रिया के पति तब भी खुश नहीं थे और उन्होंने रिया से बोला कि जानेमन अब बिल्कुल नंगी हो जाओ। तभी रिया ने टावल की गाँठ को खोल दिया और अपने ऊपर से टावल को हटाकर वो बिल्कुल नंगी हो गयी। मुझको भैया के ऊपर बहुत हैरानी हो रही थी कि आज वो अपनी पत्नी कैसे यह सब करने के लिए बोल रहे है? भैया को अभी भी यह नहीं पता था कि में अपनी भाभी की चूत को देखना तो क्या 1200 बार से जादा चोद भी चुका हूँ। तभी भैया मुझसे बोले कि देख भाई तेरी भाभी क्या मस्त माल है? तुम इतने मोटे और गोल गोल बूब्स कभी नहीं देखोगे, इस लिए तुम दूध पिओ और इसको ऐसे दबावों और मसलो भाई ज्यादा मज़ा आएगा, फिर भैया बोले लेकिन तुम इसको कैसे दबाओगे, तुम तो बेटे जैसे हो? और बेटे को भाभी माँ के बूब्स नहीं दबाने चाहिए। और में रिया को सामने नंगी देखकर बहुत गरम हो गया था और मेरा लंड भी खड़ा हो गया था और मेरी पेंट से बाहर आने की कोशिश कर रहा था, में अपना पैर मोड़कर अपने खड़े लंड को दबा रहे थे तो भैया ने फिर रिया से कहा, रानी अब ज़रा अपनी चूत भी दिखा दो मेरे भाई को, इस पूरी दुनिया में तुम्हारी चूत से सुंदर कोई चीज़ नहीं है, तुम अपने पैरों को फैलाओ। फिर रिया भैया की इस बात को मानते हुए अपने पैरों को धीरे धीरे फैला दिया और रिया ने अपने पैरों को पूरा का पूरा खोलकर फैला दिया और तब तक वो फैलाती रही, जब तब ना उनके दोनों पैर खुल ना जाए और रिया की चूत पूरी तरह से खुलकर मेरे सामने आ गयी और मुझको इस समय रिया की चूत के अंदर गुलाबी गुलाबी माँस भी दिख रहा था, मुझको तो रिया की चूत का दाना भी दिख रहा था। अब रिया भी अजीब हरकते करने लगी थी, रिया ने अपने सर को झुकाकर हम जिस कुर्सी पर बैठे थे, वो अपने आप को धकेलने लगी थी और रिया अपने आपको तब तक धकेलती रही, जब तक कि उनके पैरों ने मेरी कुर्सी को ना छू लिया। फिर रिया ने अपने दोनों पैरों को हवा में उठा लिया और वो अपने कूल्हों को मेरी कुर्सी की तरफ करने लगी, रिया के पैर अब मेरी कुर्सी तक पहुँच गए थे। मैंने रिया के दोनों पैरों को कसकर पकड़ लिया और रिया को अपनी तरफ खीँच लिया। अब रिया की चूत मेरे बिल्कुल नज़दीक हो चुकी थी और मैंने उनको अपनी तरफ और खींचा और फिर रिया ने ही अपने कूल्हों और भी ऊपर उठा दिया और तब उनकी चूत, मेरी कुर्सी साथ हो गई। और भैया ये सब कारनामे देख रहे थे। तभी भैया मुझे बोले अपनी भाभी के पैरों को और भी फैलाओ, तब तेरी भाभी की चूत पूरी तरह से खुल जाएगी और मैंने भैया की बात को मानते हुए रिया के पैरों को और भी फैला दिया, लेकिन भैया इससे संतुष्ट नहीं थे और वो खुद मेरे पास आकर बैठ गये और रिया के एक पैर को पकड़कर भैया ने और भी फैला दिया। फिर मैंने भी उनके साथ मिलकर रिया के एक पैर को खींच लिया। अब रिया के पैर करीब पूरे खुल गए थे और उनकी चूत भी पूरी तरफ से खुल गई थी और हम लोगों को उनकी चूत के अंदर भी साफ साफ दिख रहा था। अब में रिया की चूत को पूरा खुला हुआ देखकर बहुत गरम हो गया और मैंने भैया से पूछा क्या में भाभी की चूत में अपनी हाथ डाल दूँ? तभी भैया कहने लगे कि यह तेरी भाभी है और तुझे तेरी भाभी की चूत को नहीं छूना चाहिए, लेकिन तू अभी छोटा है, इसलिए ठीक है तू बस सिर्फ़ एक बार इस मस्तानी और रसीली चूत को छू सकता है। फिर मैंने भैया की बात को सुनते ही मैंने अपना एक हाथ रिया की चूत पर रख दिया। मैंने उनकी चूत को सिर्फ़ छुआ ही नहीं में उनकी चूत के दाने को अपने हाथ से रगड़ा और उनकी चूत के होंठो को भी अपनी उंगली से खींचा, जिसकी वजह से रिया उस समय बहुत कांप रही थी और छटपटा भी रही थी, लेकिन भैया की पकड़ बहुत मजबूत थी, इसलिए रिया अपनी जांघों को बंद नहीं कर सकती थी। फिर मैंने अपनी एक उंगली को अंदर डाल दिया, लेकिन सिर्फ़ एक उंगली से रिया की चूत को कुछ नहीं हुआ था, इसलिए मैंने फिर दो और फिर तीन उँगलियों को उनकी चूत में डाल दिया और में अपनी उँगलियों को रिया की चूत के अंदर बाहर करने लगा। करीब दस मिनट तक रिया की चूत को अपनी उँगलियों से चोदता रहा, हम दोनों को बहुत मज़ा मिल रहा था और इसलिए बिना भैया से पूछे मैंने रिया की खुली और रसीली चूत पर अपना मुहं रख दिया, जिसकी वजह से रिया छटपटाई, लेकिन में उनकी चूत के बाहर और अंदर अपनी जीभ को डालकर उनकी चूत के हर हिस्से को चाट और चूस रह था और में अपने मुहं में उनकी चूत को लेकर करीब 15 मिनट तक चूसता रहा और अपनी उँगलियों से चोदता रहा, जिसकी वजह से रिया छटपटाती रही और वो बड़बड़ाती रही और फिर करीब दस मिनट के बाद रिया की चूत ने पानी छोड़ दिया, चूत के झड़ते ही रिया ने अपनी जांघों को बंद कर लिया और थोड़ी देर के बाद वो उठकर खड़ी हो गयी और भैया ने रिया से कपड़े पहन लेने के लिए कहे। फिर मै भैया के साथ कमरे में बैठकर टी.वी. देखने लगे। उस समय भैया सोफे पर बैठे हुए थे और में कुर्सी पर बैठा हुआ था। थोड़ी देर के बाद भाभी नंगी ही अपने कमरे में चली आई। अब रिया का वो नंगा रूप भाई के सामने देखकर में तो अपने आपे से बाहर हो गया और मैंने कहा कि मै भाभी की चूत का तो मज़ा ले लिए है, लेकिन अभी तक भाभी की मस्ताने बूब्स नहीं दबाए क्या मै भाभी के बूब्स को थोड़ा सा दबाकर और चूसकर दूध पिकर इनका मज़ा ले लूँ? और भैया के कुछ कहने के पहले ही मैंने नंगी घूम रही भाभी को अपनी गोद में खींचकर बैठा लिया, रिया मेरी गोद में मेरी तरफ मुहं करके और अपने दोनों पैरों को मेरे दोनों तरफ करके बैठ गयी। फिर भैया मेरी तरफ देखते हुए मुझसे बोले, भाई आज तुम्हारे पास सही मौका है, तु अपनी भाभी का पूरा मज़ा ले लो, लेकिन देखो चोदना मत और चाहे जो कुछ भी कर लो, क्योंकि तू देवर और यह तेरी भाभी है और इसलिए तू अपनी भाभी को चोद नहीं सकता, हाँ ऊपर ऊपर जो कुछ भी करना है कर ले, क्योंकि शाम को तुम्हे दिल्ली जाना है और तब तुझे ऐसा अच्छा मौका नहीं मिलेगा। मुझसे इतना कहकर भैया एक बार फिर से अपने फोन में व्यस्त हो गए और हम लोग एक दूसरे को चूमने लगे और एक दूसरे के शरीर पर हाथ फेरने लगे। और मैने कहा भाभी मुझे चोदना है अभी और मैंने कुछ देर बाद रिया की गांड को पकड़कर उनको थोड़ा सा ऊपर उठाया और मैंने अपनी पेंट को उतार दिया और पेंट के उतारते ही मेरा खड़ा लंड बाहर आ गया और उसको देखते ही भाभी ने मेरे लंड को पकड़कर अपनी चूत से सटा दिया, मेरा लंड जैसे ही चूत के मुहं पर गया तो मैंने अपनी कमर को हिलाकर उसको रिया की चूत के अंदर कर दिया और लंड चूत के अंदर जाते ही भाभी ने एक चैन की लंबी सांस ली और बोली अब अच्छा लगा रहा है देवर जी और अपने कूल्हों को उठा उठाकर वो धीरे मेरे लंड को अपनी चूत के अंदर बाहर करने लगी। अब हम भाभी और देवर बहुत ही चिपककर बैठे थे

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और हम लोगों का निचला हिस्सा सोफे से छुपा हुए था और भैया हमारे पास ही बैठे थे, लेकिन हम दोनो भैया के रहते हुए भी चुदाई कर रहे थे और जब भी भैया फोन से आँख उठाकर हम लोगों को देखते थे तो मैं भाभी के बूब्स को या तो दबाते या चूसते हुए दिख रहा था। अब हम लोग अपनी चुदाई को धीरे धीरे चला रहे थे और इसलिए भैया को कुछ समझ नहीं आया और भैया सामने ही मैंने भाभी को चोदता रहा और भाभी भी मुझसे चुदवाती रही। फिर थोड़ी देर के बाद चुदाई करते करते भाभी और मैं भी झड़ गया और भाभी तुरंत उठकर बाहर चली गयी। अब मै भी अपनी पैट को पहनकर भैया के पास में बैठ गया और भैया को इस बात का धन्यवाद दिए, क्योंकि भैया भाभी को मेरे सामने नंगी करके उनका नंगा मस्त रूप मुझको दिखा दिया। फिर भैया ने मेरी पीठ थपथपाई और बोले, बेटा यह बात बाहर किसी को ना कहना, लेकिन में अभी भी खुश नहीं था। मुझे खड़े लंड को भैया के सामने चूत में डालते हुए बाहर आते हुए चोदते हुए भाभी को भैया को दिखाना चाहता था। फिर मैंने भैया से कहा कि मैं पहले भाभी को पूरा नंगी देखा हूं मैं एक बार अपने लंड को आपके सामने भाभी की चूत मे रगड़ना चाहता हूँ। भैया पहले तो नहीं माने और मेरे बहुत बार कहने के बाद वो मान गये और वो मुझसे बोले कि ठीक है, तू अपना लंड खड़ा करके अपनी भाभी की चूत के ऊपर ऊपर रगड़ लेना, लेकिन में फिर से कहता हूँ कि चोदना मत वो तेरी भाभी है। फिर मैंने झट से उठकर अपनी पैट को खोल दिया। अब मेरा लंड अभी खड़ा नहीं था, क्योंकि मैंने अभी आधे घंटे पहले ही भाभी को अपनी गोद में बैठाकर उनको चोदा था। तभी भाभी थोड़ी देर के बाद कमरे में आ गई और में अभी भी नंगी ही थी। अब मैंने रिया से पूछा कि भाभी चुदाई क्या होती है? भाभी मेरे पास आकर खड़ी हो गयी और अपने हाथों से मेरे लंड को पकड़कर वो सहलाने लगी। फिर थोड़ी देर के बाद मेरा लंड रिया की चूत की खुशबू और उनके हाथों का स्पर्श पाकर खड़ा हो गया। तभी रिया ने अपने एक पैर को ऊपर उठाकर कुर्सी पर रख दिया और अपने हाथों से मेरे लंड को पकड़कर अपनी चूत पर रगड़ते हुए बोली, जब भी लंड चूत के अंदर जाता है तो उसको चुदाई कहते है। रिया मुझसे बात कर रही थी और अपने हाथों से मेरे लंड को पकड़कर वो अपनी चूत के ऊपर रगड़ भी रही थी। मैंने जब रिया की चूत की तरफ देखा तो पाया कि मेरा लंड करीब एक इंच तक रिया की चूत में घुसा हुआ है, वो मेरे लंड को सिर्फ़ रगड़ती रही, लेकिन अपनी चूत में घुसने का नाम नहीं ले रही थी। क्यों की भैया सामने थे फिर मैंने जब हल्के से धक्का मारा तो भाभी मेरे लंड को छोड़कर मेरे सामने बैठ गयी और मेरे लंड को फिर से पकड़कर अपने पति को दिखाते हुए भाभी अपने मुहं में भर लिया और अब वो लंड को ज़ोर ज़ोर से चूसने लगी। रिया मेरे लंड को आँख बंद करके चूसती रही और मै भैया के सामने भाभी से लंड चुसवाता रहा। फिर थोड़ी देर के बाद मुझे एहसास हुआ कि में अब झड़ने वाला हूँ और मैंने भाभी के मुहं से अपना लंड बाहर खींचना चाहा, लेकिन भाभी मुझे और भी कसकर पकड़ ली और में भाभी के मुहं के अंदर ही झड़ गया, मेरे झड़ने के बाद भाभी ने अपना मुहं खोला तो मैंने देखा कि भाभी के मुहं के अंदर मेरे लंड से निकला गाढ़ा गाढ़ा सफेद पानी जमा हुआ था। अब भाभी मुझे और भैया को दिखाते हुए वो सारा का सारा का पानी पी गई और कुछ बूँद भाभी अपने मुहं से टपका कर के बूब्स पर गिर दी। फिर रिया ने उनको अपने बूब्स पर मल लिया। अब भैया अपनी आँखे फाड़ फाड़कर अपनी पत्नी को देख रहे थे और वो मुस्कुरा भी रहे थे। तभी में अपनी पेंट को पहनते हुए भैया को बोला धन्यवाद आज मुझे भाभी के साथ बहुत बहुत बहुत मज़ा आया और लंड को चूत पर रगड़ने में इतना मज़ा आता है तो भाभी की चूत में पूरा लंड डालने में कितना मज़ा आएगा? कभी मुझे भी भाभी की मस्त और रसीली चूत के अंदर मेरा लंड डालकर चोदने दो भाई, में आपसे वादा करता हूँ कि बस में भाभी को सिर्फ़ एक बार ही चोदूंगा। फिर भैया बिल्कुल चुप बैठे रहे और मैंने भाभी को फिर से अपनी गोद में खींच लिया और गोद में भाभी को बैठाकर में कपड़ो के अंदर हाथ डालकर भाभी की चूत से खेलता रहा और भैया बूब्स से खेल रहे थे। अब मैंने भैया से बिना पूछे भाभी के पेटिकोट और ब्लाउज को उतारकर उनको नंगी कर दिया और उनके गोल गोल मस्त बूब्स को चार पाँच बार कस कसकर दबा दिया। में उनके बूब्स को दबाते हुए भैया से बोले आज आपने भाभी के बूब्स और चूत का बहुत मज़ा लेने दिया और जब हम लोग अकेले रहेंगे तो भाभी को नंगा ही रखेंगे। फिर मेरी बात को सुनकर भैया मुझसे पुछे क्या तुमको अपनी भाभी के बूब्स और चूत बहुत पसंद आई? मैंने भैया से कहा कि किसको इतने मस्त बूब्स और चूत पसंद नहीं आयेंगा? फिर भाभी को छोड़कर भैया के पैर दबाने लगा और थोड़ी देर के बाद भैया बोले कि बस बहुत हो गया, अब जाओ और सो जाओ। फिर मैं उनके पैरों को छोड़ते हुए बोले अब मै भाभी के पैर भी दबाना चाहता हूँ। मैं फिर भाभी की तरफ मुड़कर भाभी की हर अंग को मैंने बहुत अच्छी तरह से दबाया और कुछ देर बाद उनको उल्टा लेटा दिया और उनके गोल गोल और भारी भारी चुतड़ों को दबाया और चूमा, जिसकी वजह से अब में बहुत गरम हो गया था और मै भाभी को चोदना चाहता था, इसलिए मैंने भैया से कहा कि भाभी मेरा लण्ड पहले ही चूस चुकी है और अपनी चूत से रगड़ भी चुकी है, अब आप मुझे भाभी की चुदाई भी करने दो, में किसी को नहीं बोलूँगा कि मैंने अपनी भाभी को चोदा है। फिर भैया ने मेरी बातों पर कुछ नहीं कहा। मैंने फिर से भैया को कहा तो उन्होंने ना कर दिया और मैंने फिर से भैया से कहा क्या आप अपने भाई को मज़ा नहीं करने दोगे? प्लीज अपनी पत्नी को मुझे चोदने दो, में नहीं चोदुगा तो मेरा लंड फूल फूलकर फट जाएगा और मेरा लंड जो कि खड़ा होकर झूल रहा था और मेरे लंड को देखते ही भैया मेरी बात मान गये और बोले कि हाँ ठीक है, तू अपनी भाभी को एक बार जरुर चोद सकता है, मुझसे तेरे लंड की तकलीफ़ नहीं देखी जाती, जा अपनी भाभी पर चड़ जा और तू अपना खड़ा लंड अपनी भाभी की चूत में डाल दे। अब भैया की वो बात सुनते ही में भाभी पर चड़ गया, कमरे में लाईट जल रही थी और उस लाईट में भाभी का नंगा शरीर चमक रहा था। मैंने सबसे पहले भाभी की चूत को बहुत जमकर चूसा। फिर उनकी चूत और गांड में अपनी उंगली को डालकर चोदा और मेरी उंगली से भाभी बहुत गरमा गयी और उन्होंने अपने हाथों से मेरा लंड पकड़कर अपनी चूत से सटा दिया और चूत से लंड छूते ही मैंने उनकी रसीली चूत में अपना लंड कमर के एक झटके के साथ अंदर डाल दिया और मेरा लंड रिया की चूत के अंदर जाते ही रिया मुझसे लिपट गयी और बोली देवर जी अब आप मुझे मेरे पति के सामने चोद रहे है आब खुश है मेरा प्यारा देवर और मैंने कहा बहुत जादा भाभी और रिया बड़बड़ाने लगी और मेरे हर धक्के का जवाब भाभी अपनी कमर को उछाल उछालकर दे रही थी और अपनी चूत में मेरा लंड अपने पति को दिखाते हुए वो खूब मज़े से ले रही थी। फिर उन्होंने अपने पैर ऊपर उठाकर घुटनों से मोड़ लिया और उसने अपने घुटनों को दोनों हाथों से पकड़ लिया, ऐसा करने से उनकी चूत पूरी खुल गयी और मुझको धक्का मारने के लिए बहुत जगह मिल गई और रिया मुझसे लिपटे हुए बोली ओहह्ह्ह बहुत अच्छे देवर जी, चोदो चोदो भाभी की खुली चूत को धक्के मारकर चोद, वाह तेरा लंड बहुत मस्त है मार धक्का और ज़ोर से ऊऊऊह्ह्ह्हह हाँ ऐसे ही मारते रहो, आआआहह बस में अब झड़ने वाली हूँ, तू धक्का मार और ज़ोर ज़ोर से मार। फिर थोड़ी देर के बाद भाभी झड़कर चुपचाप लेट गयी, लेकिन मेरे लंड ने अभी तक पानी नहीं छोड़ा था और में चूत के अंदर अपना लंड डालता रहा। मै भाभी के दोनों बूब्स को पकड़कर उनकी चूत के अंदर अपना लंड धनाधन डालता रहा। फिर भाभी मुझसे बोल रही थी, उफफ्फ्फ्फ़ आह्ह्हह्ह्ह्ह अब बस कर मुझे बहुत जलन हो रही है, अब लण्ड बाहर निकल ले, लेकिन मैंने धक्के देना बंद नहीं किया और थोड़ी देर के बाद अब में भी झड़ गया था। फिर मैंने देखा कि रिया अपने पति के सामने मेरे साथ मेरे से चूत चुदवा कर बहुत खुश थी और रिया के पति उनके पास में लेटकर हम लोगों की चुदाई को ध्यान से देख रहे थे। फिर जब हमारा काम खत्म हुआ तो रिया के पति मुझसे बोले, बेटा क्या तुम्हें चुदाई का मज़ा आया? मैंने बोला कि – हाँ भाभी की चूत में अपना लंड डालकर उनकी चुदाई करने में मुझे बड़ा मज़ा आया। अब तो में जब भी आउगा हर दिन भाभी की चूत चोदुगा, क्योंकि भाभी की चूत और उनके शरीर में बहुत मस्ती है और में भाभी के साथ ही शादी करूँगा। अब मैंने भाभी से पूछा क्यों भाभी मुझसे चूत मरवाकर मज़ा आया कि नहीं? आप सच सच बोलना भाभी, क्या मैंने ठीक तरीके से तुम्हारी चूत को चोदा है कि नहीं? तभी भाभी मेरे मुरझाए हुए लंड को अपने हाथों से सहलाते हुए बोली कि देवर जी आपसे चूत चोदवा कर मुझे बहुत मज़ा आया, आज सालो पहले मेरी चूत को इतना मज़ा आया है और आज मेरी चूत ने बहुत दिनों के बाद इतना लंड का धक्का खाया है, तेरा लंड बहुत मस्त और तगड़ा है और इसने मेरी चूत को पानी पानी कर दिया और यह चूत आज से अब तुम्हारी हू देवर जी, आपको जब भी मन करे चोद लेना, अपनी भाभी को।

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