रिया भाभी की चूदाई पाट 14

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फिर 2 महिने बाद भाभी चुत चुदाने दिल्ली आ गई और मुझे आफिस से छुट्टी नहीं मिली और आफिस में बहुत काम था तो मैं लेट ही आता था पर भाभी को चोदने के लिए जल्दी आने की कोशिश करता था फिर एक दिन शाम को जल्दी आया तो रिया बोलीं “आ गए देवर जी? आज जल्दी आ गए.” मैंने कहा – “हां भाभी, महिने भर से रोज देर हो जाती है, आज बॉस से बहाना बनाकर भाग आया हूं”
रिया पुती – “तो ऐसा क्या हो गया आज, भी आता रोज की तरह रात के दस बजे”

मैंने कहा – “आप नाराज हो भाभी, मै जानता हूं, इसीलिये तो आ गए आज”

रिया पुछी – आप, आ गए तो ठीक है, पर करेंगे क्या जल्दी आके? वैसे भी जब से आइ हू सुबह रात में भाभी से मिन्ट दो मिन्ट तो मिल ही लेते हो ना”

मैंने कहा अब भाभी ज्यादती ना करे, रात को लेट आता हूं फिर भी कम से कम एक घंटे आपके चूत की सेवा करता हूं.”
रिया बोली – “आप बहुत बड़ा एहसान करते हो अपनी, भाभी की चूत चोद कर”

मैंने कहा अब नाराजगी छोड़ो दो भाभी, सच्ची जब से आइ हो आपको अच्छे से चोदने के लिए तरस गया हूं, आफिस के कारण सोचे आज मन भर के अपनी प्यारी भाभी की चूत की सेवा करूंगा.”

रिया बोली – “बड़े नटखट है आप देवर जी, बड़े आए भाभी की चूत की सेवा करने वाले. आपकी सेवा मैं खूब जानती हूं बस मेरी गांड चोदने के पिछे पड़े रहते है. एक नंबर का बदमाश हो गए है देवर जी

मैंने कहा भाभी आप झूट मूट भी नाराज होती हो तो क्या लगती हो! पर ये तो बताओ भाभी अगर आप मुझे सीदा सादा देवर मानती तो आज आपकी चूत की सेवा कौन करता? बताओ ना भाभी. आपको अपने देवर की सेवा अच्छी नहीं लगती क्या, कुछ कमी रह जाती है क्या भाभी? अरे मुंह क्यों छुपाती हो भाभी… बताओ ना!” रिया बोली – “अब ज्यादा नाटक न करो देवर जी आपको, बातों में कोई नहीं हरा सकता है! चलिए खाना तैयार है, आप मुंह धो कर आइए, मैं भी आती हूं. जरा कपड़े बदल लूं”

मैंने कहा अब कपड़े बदलने की क्या जरूरत है भाभी? अच्छे तो हैं. वैसे भी कोई भी कपड़ा हों क्या फरक पड़ता है? कुछ देर में तो निकालने ही हैं ना.”

रिया बोली – “कैसी बातें करते हो देवर जी, कोई सुन लेगा तो? ऐसे सबके सामने छिछोरपना न दिखाईए”

मैंने कहा अब यहां और कौन है भाभी सुनने को? और मैंने गलत क्या कहा? आप ही कुछ का कुछ मतलब निकालती है तो मैं क्या करूं? अब सोते वक्त कपड़े तो बदलते ही हैं ना? और बदलना हो कपड़े तो निकालने ही पड़ते हैं, उसमें ऐसा क्या कह दिया मैंने?”

रिया बोली – “हां हां समझ गयी, बड़ा सीधा बन रहे हो देवर जी आप नहा कर आईए, मैं कपड़े बदल के खाना परोसती हूं “मस्त पुलाव बनाई हू।

मैंने कहा भाभी आज खास मेहरबान हो मुझपे लगता है” रिया बोली – “ऐसा क्यों कहता है. आपको अब अपने देवर के लिये कोई भाभी मन लगाकर खाना भी नहीं बनायेगी. और लो ना. और ऐसा क्या घूर रहे है देवर जी मेरी ओर?”

मैंने कहा “ये साड़ी बड़ी अच्छी है भाभी. और ये ब्लाउज़ भी नया लगता है, बहुत सेक्सी लग रही है आप पे.

रिया बोली तभी कह रहा थी लड़िया के कि कपड़े बदल के आती हूं”

रिया पुछी – “अच्छा है ना देवर जी?”

मैंने कहा “हां भाभी आज स्लीवलेस ब्लाउज़ पहन लिया आपने. मैं कब से कह रहा था कि एक बार तो ट्राइ करो”

रिया बोली – “वो आप कब से जिद कर रहा थे इसलिये बनवा लिए और आपके पास आई हू आपको पहन के दिखाने. आपको मालूम है देवर जी कि मैं स्लीवलेस क्यों पहनती नहीं हूं, ये मेरी मोटी मोटी बाहें हैं, मुझे शरम लगती है.”

मैंने कहा पर कैसी गोरी गोरी मुलायम हैं. हैं ना भाभी? फ़िर? मेरी बात माना करो”

रिया बोली – “जो भी हो, मैं अपने पति के सामने नहीं पहनूंगी. आपके फ्लैट पर अपने प्यारे देवर के सामने ठीक है, आपको अच्छा लगता है ना”

मैंने कहा – “वैसे भाभी, सिर्फ़ ब्लाउज़ और साड़ी ही नहीं, मुझे और भी चीजें नई लग रही हैं”

रिया बोली – “चलिए बेशरम ‌देवर जी…” मैंने कहा – “अरे शरमाती क्यों हो भाभी? मेरे लिये पहनती भी हो और शरमाती भी हो”

रिया बोली – “चलिए आप नहीं समझेगा एक औरत के दिल की बात. वैसे आपको कैसे पता चला देवर जी?” मैंने पुछा “क्या भाभी?”

रिया बोली – “यही यानि… कैसा है… खुद कहते है और भूल जाते है”
मैंने कहा “अरे बोलो ना भ, क्या कह रही हो?”
रिया बोली – “वो आप जो बोले कि सिर्फ़ साड़ी और ब्लाउज़ ही नहीं… और भी चीजें नयी हैं”

मैंने कहा अरे भाभी, ये साड़ी नेट वाली है… और ब्लाउज़ भी अच्छा पतला है, अंदर का काफ़ी कुछ दिखता है”

रिया बोली – “हाय राम… मुझे लगा ही… ऐसे बेहयाई के कपड़े मैंने…”

मैंने कहा सच में बहुत अच्छी लग रही हो भाभी… देखो गाल कैसे लाल हो गये हैं नयी नवेली दुल्हन जैसे… आप तो ऐसे शरमा रही है जैसे पहली तारीफ कर रहा हू और आपको चोदने के लिए पटा रहा हू”

रिया बोली – आप चुप रहीए…. मैं अभी आती हूं सब साफ़ सफ़ाई करके…. फ़िर आपको दिखाती हूं… आज मार खाईगा मेरे हाथ से देवर जी”

मैंने कहा भाभी… सिर्फ़ मार खिलाओगी… और कुछ नहीं चखाओगी…”
रिया बोली आपको तो… अब इस चिमटे से मारूंगी. और ये पुलाव और लो, आप कुछ खा नहीं रहे है, इतने प्यार से बनाइ हूँ”

मैंने कहा मैं नहीं खाऊंगा… आपसे कट्टी भाभी”
रिया बोली – “अरे खा लो मेरे प्यारे देवर जी… इतनी मेहनत करती हूँ… रुम पर… चलो लो लो खा लो और… फ़िर रात को बदाम का दूध पिलाऊंगी”

मैंने कहा एक शर्त पे खाऊंगा भाभी”

रिया पुछी – “कैसी शर्त देवर जी?”
मैंने कहा आप ये साड़ी और ब्लाउज़ निकाल दो और मुझे सिर्फ़ वो नयी चीजें पहने हुए खाना परोसो भाभी”

रिया बोली – “ये क्या कह रहे है देवर जी? मुझे शरम आती है”
मैंने कहा… आज ये शरम का नाटक जरा ज्यादा ही हो गया है. अब आप बंद करो और मैं भी कहता हूं वैसे करो. करो ना भाभी, आपको मेरी कसम… आपने तो कैसे कैसे रूप में मुझे खाना खिलाया है… है ना?”

रिया बोली – “चलिए आप कहते हैं तो… और नाटक ही सही पर आपको भी अच्छा लगता है ना जब मैं ऐसे शरमाती हूं?”

मैंने कहा जरा पास तो आओ भाभी दिखाऊं कि कितना अच्छा लगता है”

रिया बोली – “बाद में देवर जी आप ये खीर लो पहले, मैं अंदर साड़ी ब्लाउज़ रख के आती हूं”

कुछ देर के बाद….

मैंने कहा वाह भाभी, क्या मस्त ब्रा और पैंटी हैं. नये हैं ना? मुझे पहले ही पता चल गया था, आपके ब्लाउज़ के कपड़े में से इस ब्रा का हर हिस्सा दिख रहा था.”

रिया बोली – “हां देवर जी आपके लिए ही लायी हूं. उस दिन आपने वो फोटो देखकर बोल रहे थे ना कि भाभी ये आप पर खूब सोबेंगी तो आज ले ही आयी. आप कहते थे ना कि वो हाफ़ कप ब्रा और यू शेप के स्ट्रैप की ब्रा लो. और ये पैंटी, वो तंग वाली, ऐसी ही चाहिये थी ना आपको देवर जी?”

मैंने पुछा आप गयी थी मॉल भाभी?”

रिया बोली और क्या?, दो मिनिट में ली और वापस आ गई”
मैंने कहा क्या दिखते हैं आपके बूब्स भाभी इन में, लगता है बाहर आ जायेंगे. पैंटी भी मस्त है, सच्ची भाभी आप ब्रा और पैंटी में अधनंगी खाना परोसती हो तो लगता है जैसे मेनका या उर्वशी प्रसाद दे रही हों. लगता है कि यहीं आपको अभी ही पकड कर…”

रिया बोली – “बस बस… नाटक ना किजिए… वैसे भी देवर जी ऐसे सिर्फ़ ब्रा और पैंटी में मैं थोड़ी मोटी लगती हूं ना? देख ना कैसा थुलथुला बदन हो गया है मेरा… आपकी कसी जवानी के आगे मेरा ये मोठा बदन… मुझे अच्छा नहीं लगता देवर जी”

मैंने कहा… मेरी ओर देखो… और मेरी आंखों में देखो… आपके रूप को देख कर मेरा क्या हाल होता है देख रही हो ना? आप ऐसी ही मुझे बहुत अच्छी लगती है भाभी… नरम नरम मुलायम बदन… हाथ में लेकर दबाने की इतनी जगह हैं…. मुंह मारने की इतनी जगह हैं…. आपकी इस खाये पिये बदन में जो सुंदरता है वो किसी मॉडल के बदन में कभी नहीं मिलेगी भाभी… जरा आना मेरे पास… ये देखो… कैसा हो गया है. आओ ना भाभी, मेरे पास आओ.”

रिया बोली अभी नहीं देवर जी नहीं तो आप ठीक से खाना भी नहीं खाओगे और शुरू हो जाओगे. चलो खा लो जल्दी से.”

मैंने कहा भाभी आप भी खा लो ना, नहीं तो फ़िर बाद में आप खाने बैठोगी और मुझे उतना इंतजार करवाओगी”

रिया बोली – “मैं तो खा चुकी पहले ही शाम को ही देवर जी. मेरा उपवास था ना आज.”

मैंने पुछा उपवास सिर्फ़ खाने का है ना भाभी? और कुछ तो नहीं? मेरे साथ तो उपवास नहीं करेगी ना भाभी? या मुझसे तो नहीं कराओगी उपवास?”

रिया बोली “नहीं मेरे प्यारे देवर जी आपको तो मैं भोग लगाऊंगी. आपको तो पकवान चखाऊंगी”

मैंने कहा लो भाभी, हो गया मेरा खाना”
रिया बोली अरे और लो ना खीर, पूरा बर्तन भर के बनाई हू आपके लिये”

मैंने कहा अब नहीं भाभी, अब तो बस आप दोगी वो प्रसाद लूंगा. खाना बहुत हो गया, अब मुझे पुलाव नहीं, वो फ़ूली फ़ूली डबल रोटी चाहिये जो आपकी टांगों के बीच में है. चलो जल्दी, मैं इन्तजार कर रहा हूं बेडरूम में भाभी”

रिया बोली आज इतना उतावला हो गए, रोज रात मैं इन्तजार करती हूं तब…?”

मैंने कहा आज वसूल लेना भाभी, रोज लेट आने का और आपको तड़पाने का आज पूरा हिसाब चुकता कर दुगा भाभी, आप आओ तो सही”

रिया बोली ठीक है चलो, मैं पांच मिनिट में आती हूँ”…..

कुछ देर के बाद….

रिया पुछी आज खाना कैसा था देवर जी? आपने बताया ही नहीं, बस मेरी ओर टुकुर टुकुर देख रहे थे खाने के वक्त”

मैंने कहा बहुत अच्छा था भाभी, ये भी पूछने की बात है? आपकी हर चीज अच्छी है, चलो अब जल्दी से ब्रा और पैंटी भी उतार दो, इनमें आप बहुत मस्त लगती हो, मजा आता है इन्हें मसलने में पर अभी मेरे पास टाइम नहीं है, बहुत जोर से खड़ा है भाभी.”

रिया पुछी उतार दूं देवर जी?”

मैंने कहा नहीं भाभी, मैं भूल गया कि आज अपने पास टाइम ही टाइम है, आज मैं जल्दी घर आ गया हूं, नौ ही तो बजे हैं, रोज तो ग्यारा बारा बज जाते हैं. मतउतारो भाभी, पर मेरे पास आओ”

रिया बोली अरे ये क्या देवर जी… चलिए छोड़िए मुझे” मैंने कहा गोद में ही तो लिए है भाभी, कुछ बुरा तो नहीं किए है, ऐसे क्यों बिचकती हो. अब ये दिखाओ जरा ब्रा. कैसी दिखती है भाभी, साटिन की है लगता है, इतनी चिकनी मुलायम”

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रिया बोली अरे कैसे दबा रहे हो ब्रा के ऊपर से ही, रोज तो ब्रा निकाल के दबाते है”

मैंने कहा आज बात और है भाभी, इस ब्रा ने सच में आपकी चूंचियों को निखार दिया है, लगता है कि इन गोलों में मीठा मुलायम खोवा भरा है खोवा जिसे मैं गपागप खा जाऊं. और खाने के पहले देखूं कि कितना मुलायम खोवा है… और ये डबल रोटी देखो… इतनी फूली फूली डबल रोठी और इस पर ये छोटी रेशमी जाल…” रिया पुछी देवर जी ये क्या कर रहे है, पैंटी के अंदर हाथ डाल रहे है बेशरम”

मैंने भाभी की, पैंटी निकाल दी, अब तो बेशरम नहीं कहोगी भाभी!”

रिया बोली कैसे हो आप देवर जी… और मुझे ऐसा क्यों लगता है कि मैं एक मोटे डंडे पर बैठी हूं”

मैंने कहा डंडा ही तो है भाभी पर अपके देवर के जवानी का डंडा है जो अपकी बूब्स को देखकर खुशी से उछल रहा है… ये देखो भाभी… ये देखो”

रिया बोली अरे देवर जी… ये तो मेरे वजन को भी उठा ले रहा है मेरे प्यारे देवर… कितना ताकत है इसमें… जादू सा लगता है देवर जी”

मैंने कहा ये जादू ही है भाभी अपके शरीर का, अपकी हसीन नरम नरम शरीर का, चलो भाभी…. अब सहन नहीं होता,

रिया बोली निकाल दो आप ही देवर जी ये ब्रा,

मैंने कहा भाभी इसका बकल कैसा है अजीब सा, मेरे से नहीं निकल रहा है”

रिया बोली इतने साल हो गये अपनी भाभी को चोदते हुए और ब्रा का बकल भी नहीं खुलता मेरे देवर से!

रिया बोली ये लो… और ये उंगली क्यों रगड़ रहे हो देवर जी”

मैंने कहा भाभी… कितनी गीली है आपकी… चूत…… रिया बोली देवर जी मेरी चूत को आपके लण्ड से चूदने का इरादा है?

मैंने कहा लण्ड तो तैयार है भाभी, चलो फिर जल्दी” रिया बोली लो, देवर जी मुझे क्या पता था कि आप इतने उतावले होगे! रोज तो ऐसे ही ब्रा और पैंटी में मुझे लेकर लिपटते है. लो निकाल दी दोनों, अब क्या करूं देवर जी? सीधा चोदेंगे क्या?

मैंने कहा देखो भाभी कैसे मेरा लण्ड झंडे जैसा खड़ा है, लगता है भाभी आपको सलाम कर रहा है” सच में, ये आपके रूप को सलाम कर रहा है. आज तो हचका हचका के चोदूंगा भाभी आपको, पहले जरा अपने खजाने का रस पिला दो. कितने दिन से इस अमरित के स्वाद को याद कर कर के मरा जा रहा हूं”

रिया बोली अरे इतना उतावला क्यों हो रहे है, कितनी बार तो स्वाद लिए हो देवर जी”

मैंने कहा पर भाभी जब से आप आइ कुछ दिन से इतनी देर हो जाती है और रात को, जरा सा भी नहीं चख पा रहा हूँ आज मुझे ये अमरित पुरी स्वाद लेकर पीना है भाभी”

रिया बोली हां देवर जी, पी लो, जितना मन है उतना पीओ, आपके लिये ही तो इतने दिन से बचा कर रखी थी ये खजाना देवर जी, जो चाहता है करो. आ जाओ, दे दे इसमें मुंह. बिस्तर पर लेटूं क्या? कि आपके पास खड़ी हो जाऊं देवर जी?”

मैंने कहा नहीं भाभी, आज इस कुर्सी पर बैठ जाओ और टांगें खोल दो. और मै पलथी मारकर बैठूंगा और अपके सामने से अपकी चूत का रस चखूंगा.”

रिया बोली लो बैठ गई देवर जी. और फ़ैलाऊं क्या? चूत खुल गई कि नहीं आपके लायक?”

मैंने कहा हां भाभी, खुली तो है पर मुंह नहीं दिख रहा है ठीक से आज पहली बार आपकी छोटी झांटों में ढकी है. अपकी खुली चूत क्या दिखती है भाभी, लाल लाल गुलाबी गुलाबी मिठाई जैसी. अभी बस झलक दिख रही है काले काले बालों में से, जरा उंगली से झांटें बाजू में करके चूत खोल कर रखो ना, अपकी झांटें मुंह में आती हैं भाभी.” “जीभ पे बाल आते हैं, चाटने में तकलीफ़ होती है”
रिया बोली तो पूरी साफ़ करा दूं क्या? दो महिने पहले की है.” विक्रम – “नहीं भाभी, एक दो दिन आच्छा लगता है, और जरा जरा से कांटे की तरह चुभते हैं तो माजा आता है., वैसे अपकी झांटें बहुत शानदार है, रेशमी और मुलायम, मजा आता उनके मुंह डाल के, बस थोड़ी छोटी होंती तो. अब जरा खोलो ना चूत, वो झांटें भी बाजू में करो, देखु कितना रस बह रहा है, इतनी मस्त खुशबू आ रही है, जरा चाटने तो दो ठीक से भाभी”

रिया बोली लो देवर जी, चाटो. अब ठीक है ना? आह ऽ देवर जी, बहुत अच्छा लगता है, कैसे चाटते है ऽ जादू कर देते है अपनी भाभी पर. ओह ऽ ओह ऽ हां मेरे देवर अं ऽ अं ऽ और चाटो मेरे देवर… मेरे राजा… कैसा लग रहा है देवर जी… बोलो ना!!”

मैंने कहा भाभी जरा सुकून से चाटने दो ना….. बात करूंगा तो चाटूंगा कैसे…, कितनी चू रही है भाभी, बस टपकने को है. वैसे क्या बात है भाभी आज तो बिलकुल घी निकल रहा है अपकी चूत से…. स्वाद आ रहा है मस्त, सौंधा सौंधा!”

रिया बोली आप तो जब से आई हू अच्छे से चोदे नहीं और ना मै झड़ी हूं… आज भी सुबह जल्दी भाग गए ऑफ़िस, बिना अपनी भाभी को चोदे या चूसे. आज कल लेट आते भी है और थक कर देर तक सोते है. और आपकी याद आई तो मन मार कर रह गई, दिन में लगा कि बाथरूम जाकर मुठ्ठ मार लूं पर मुझे मुठ्ठ मारने में मजा नहीं आता है देवर जी. जरा आराम से लेटती हू और आप अपना लण्ड मेरी चूत में डाल कर चोदते हो तब पानी छोडती है आज आपके लण्ड को याद करके… इतने दिन ये चूत मन मारे के बैठी है”

तभी मैं कहूं आज इतनी गाढ़ी क्यों है अपकी रस…. भाभी… अब जरा और खोलो ना चूत… जीभ अंदर डालनी है.”

रिया बोली लो देवर जी पूरी खोल देती हूं… अब ठीक है?…. हाय ऽ रे ऽ जीभ अंदर डालता है तो मजा आता है देवर जी… और अंदर डालो ना… ओह ऽ ओह ऽ उई ऽ माँ ऽ… गुदगुदी होती है ना!”

मैंने पुछा भाभी आप बार बार अपनी चूत छोड़ कर मेरा सिर पकड़ लेती है, और चूत पर दबाने लगतीं हो, ऐसे में मैं कैसे चाटूंगा ऽ आपकी चूत का अमरित?”

रिया बोली अरे आप चूस लो ना… चाटिएगा बाद में… हाय तुझे नहीं पता कि देवर जी आपको चूत पर दबा कर कैसा लगता है… लगता है मन करता है अपने देवर को पूरा अपनी चूत के अंदर घुसा लूं”

मैंने कहा जादू सीख लो भाभी, मुझे छोटा बच्चा बनाकर अपनी चूत के अंदर रख लेना, दिन भर अपकी चूत के अंदर ही रहुंगा

रिया बोली… हाथ बार बार हिल जाता है… इसलिये खोल कर नहीं रख पाती चूत आपके लिये”

मैंने कहा तो भाभी… ऐसा करो, अपनी टांगें उठाओ और कुरसी के हथ्थे पर रख लो.”

रिया बोली दुखता है देवर जी… मैं अब जवान नहीं रही पहले सी… टांगें इतनी फैलाओगे तो कमर टूट जायेगी मेरी… चल अब सिर नहीं पकड़ूंगी आपका पर मेरे प्यारे देवर जी आप इतना अच्छा चाटते है ऽ सच में लगता है कि आप सच्च में छोटा बच्चा जितना होता तो तुझे पूरा अंदर घुसा कर तेरे बदन से ही चूदती”

मैंने कहा भाभी नखरे नह करो, रखो टांगें ऊपर, लो मैं मदद करता हूं.”

रिया बोली “ओह… आह ऽ…. आह ऽ…. ओह ऽ… लो हो गया आपके मन जैसा? रख लीं टांगें ऊपर मैंने देवर जी
मैंने कहा अब देखो भाभी, कैसे मस्त खुल गयी है अपकी चूत… अब सही चूत दिख रही है गुफ़ा जैसा…. अब आयेगा मजा चाटने में… अब तो जीभ क्या… मेरा पूरा हाथ ठुड्डी समेत चला जायेगा अंदर”

रिया – “आह ऽ ओह ऽ… हां देवर जी ऐसा ऽ आ ऽ ह ऽ ओह ऽ ओह ऽ हा ऽ य ऽ रे…. अं ऽ अं ऽ… अरे ऽ उई ऽ मां ऽ ऽ ऽ………”

मैंने कहा हां भाभी… बस ऐसे ही… और पानी छोड़ो अपनी… ये बात हुई…. मजा आ गया भाभी… अब लगाई है अपने रस की फुहार… नहीं तो बूंद बूंद चाट कर मन नहीं भरता भाभी ऽ अब पुरा मुंह लगाना पड़ेगा नहीं तो…. बह जायेगा ये अमरित… भाभी… ओ ऽ भाभी…. लगता है कि मुंह में भर लूं अपकी… चूत और चबा चबा कर खा… जाऊं… देखो ऐसे…” “ओह… ओह… अरे…. ओह… कैसा करता है… उई ऽ… आह… ओह… ओह…. हा ऽ य… मैं मरी… ओह… ओह…. उईईई ऽ उईई ऽ आह…. आह…. आह…. बस…. आह” “अब झड़ी ना मस्त?… अब जरा दो चार घूंट रस मिला है मेरे को…. और कितना गाढ़ा है भाभी…. शहद जैसा…. चिपचिपा…”

रिया बोली कैसे आम जैसे चूसते हो देवर जी…. निहाल कर दिए मेरा प्यारे देवर जी… अब जरा शांति मिली जब से आई हू इतने दिनों के बाद…. कितना अच्छा झड़ाते हो देवर जी….. बहुत अच्छा लग रहा है मेरे देवर… अरे अब नहीं करिए… थोड़ा आराम तो करने दिजीए… अभी अभी झड़ी हूं… मेरे दाने को अब न छेड़ीए देवर जी…. सहन नहीं होगा देवर जी…”

मैंने कहा भाभी नखरा मत करो, पूरा पानी निकाल तो लूं पहले अपकी चूत से. कल बोल रही थी ना कि देवर जी, निचोड़ लो मेरी चूत, का सब पानी निकाल लो और पी जाओ. तो आज बहुत समय है निचोड़ता हूं भाभी.
अभी तो आपको एक बार झड़ाया है, आज तो घंटा भर चूसूंगा.”

रिया बोली चूसो ना… मैं कहां मना करती हूं… बस दम तो लेने दे मेरे प्यारे देवर… आपको चूत का पानी पिला कर मेरा मन खिल जाता है देवर जी, आपके लिये ही तो बहती है मेरी चूत… हा ऽ य देवर जी मत करिए इतनी जोर से… ओह… अच्छा भी लगता है मेरे देवर और सहन भी नहीं होता…. मैं तो मर ही जाऊंगी एक घंटे में… उ ऽ ई ऽ उ ऽ ई ऽ कैसे करते है? मेरे दाने को ऐसा बेहरमी से रगड़ता है जैसे मार डालना चाहता है मुझे…. उई ऽ भाभी… ओह ऽ… ओह ऽऽऽ.

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