रिया भाभी की चूदाई पाट 9

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फिर शुबह भाभी जंगी तो बोली – देवर जी येसे तो आप मुझे रोज ही चोदता है

मैंने पुछा – फिर कैसे भाभी
रिया बोली – आपकों रात को मालूम हो जाएगा फिर शाम को भाभी बोली देवर जी आप 2 घंटे बाहर जाओ मै फोन कर के बुला लगी तुम्हे

और मै बाहर घुमने लगा जब रिया का फोन आया तो 10 मिनट में बेडरूम में पहुंचा तो दंग रह गया. भाभी ने बेडरूम फूलों से सजाव दिया था. और सुहाग की सेज पर भाभी लाल साड़ी पहनकर बैठी थीं. मैंने रिया का चेहरा देखने के लिए घूंघट उठाया तो मेरी आँखें फटी रह गईं. पूरे मेकअप में भाभी श्री देवी को मात दे रही थीं.

रिया का हाथ अपने हाथों में लेकर उसको चूमते हुए मैं बोला – आई लव यू, भाभी.

रिया कुछ नहीं बोलीं. मैंने रिया का घूंघट हटाकर उनके माथे को चूमा, और उनके होठों पर अपने होंठ रख दिये. और रिया के होंठ आज दहक रहे थे. रिया को अपनी बाहों में लेकर उनकी चूचियां सहलाते हुए मैंने पूछा – भाभी, मैं आपको रिया कहकर बुला सकता हूँ?

रिया बोली – “हाँ, मेरे विक्रम, मेरे देवर जी.” इतना कहकर भाभी मेरी बांहों में झूल गईं. मैंने भाभी की साड़ी उतारी, फिर पेटीकोट और ब्लाउज उतारा. ब्लैक कलर की ब्रा और पैन्टी में रिया और ज्यादा गोरी लग रही थीं. अपनी टीशर्ट उतारकर अपनी छाती से भाभी को सटाकर मैंने अपना हाथ रिया की पैन्टी पर रख दिया और पैन्टी के ऊपर से भाभी की चूत सहलाते हुए रिया के होंठ चूसने लगा. कुछ देर बाद मैंने रिया की ब्रा उतार दी और फिर रिया की चूची मेरे मुंह में आ गई. पैन्टी पर हाथ फेरते फेरते मैंने रिया की पैन्टी उतार दी. रिया ने आज फिर अपनी चूत शेव की थी. रिया की चूत पर हाथ फेरते फेरते मैंने अपनी ऊंगली रिया की चूत में डाली तो रिया चिहुंक उठी.

मैंने रिया की चूत के होठों को खोलकर अपने होंठ उस पर रख दिये और अपनी जीभ रिया की चूत में फेरने लगा. जीभ की चोंच बनाकर रिया की चूत के अन्दर डाला तो रिया ने मेरा लण्ड अपनी मुठ्ठी में दबोच लिया और फुर्ती से मेरा लोअर नीचे खिसका दिया.

अब मैं रिया की चूत चाट रहा था और रिया मेरा लण्ड सहला रही थी. जब मेरा लण्ड बहुत टाइट हो गया और रिया की चूत भी अच्छी तरह से गीली हो गई तो मैंनें एक तकिया भाभी के चूतड़ों के नीचे रखा और रिया की टांगों के बीच आ गया. रिया की चूत के लबों को खोलकर अपने लण्ड का सुपाड़ा रिया के चूत के मुखद्वार पर सेट करके मैं आगे की ओर झुका और रिया की दाहिनी चूची अपने दोनों हाथों से पकड़कर चूसने लगा.

रिया ने चूतड़ उचकाकर जाहिर कर दिया कि वो अब अपने देवर से चुदवाने के लिए तैयार हैं. रिया की चूची चूसते चूसते मैंने अपना लण्ड रिया की चूत में धकेला तो धीरे धीरे पूरा लण्ड रिया की चूत में समा गया. रिया की चूत कल की अपेक्षा आज टाइट लग रही थी. या तो आज मेरा लण्ड ज्यादा टाइट हुआ था या चूतड़ों के नीचे तकिया रखने से भाभी की चूत टाइट हो गई थी. मेरा लण्ड रिया की चूत के अन्दर था और रिया की चूची मेरे मुंह के अन्दर. मेरे बालों में उंगलियां चलाते हुए रिया बोलीं – विक्रम, मेरे देवर, मेरी जान मुझे रिया कहकर बुलाओ आज, मैं तुम्हारी पत्नी रिया हूँ.

मुझसे गंदी भाषा में बात करो, मुझे चोदो, मेरी चूत की धज्जियां उड़ा दो, मेरी चूचियां नोचो, काटो. मेरे साथ जबरदस्ती करो,, मैं बहुत तड़पी हू. जब तुम नहीं होतें हो चुदने के लिए आज मुझे चोदो, जमकर चोदो, गंदी गंदी बातें सुनाते हुए चोदो. क्योंकि फिर कल हम दोनों घर जाने वाले है पता नहीं फिर कब तुम्हारा लण्ड मिलेगा

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फिर मैंने अपना लण्ड आधा बाहर निकालकर जोर से अन्दर चोदते हुए रिया की दोनों चूचियां अपनी मुठ्ठियों में दबोचते हुए मैंने कहा – रिया डार्लिंग, मेरी जान, मेरी बिवी मैं तुम्हें जमकर चोदूंगा आज, मेरा लण्ड आज फिर अपनी रफ्तार पकड़ेगा तो तुम्हारी चूत के भी परखच्चे उड़ा देगा.

तुम मुझसे चुदवाने के लिए ही पैदा हुई हो और तुमने मुझे इसीलिए तुम पत्नी बनी ताकि मैं तुम्हारी चूत की आग बुझा सकूं. लो झेलो, अब मेरे लण्ड की चोदाई. इतना कहकर मैंने रिया की चूचियां छोड़ दीं, और रिया की टांगें अपने कंधों पर रख लीं और अपना लण्ड रिया की चूत में अन्दर बाहर करना शुरू किया. दो तीन बार धीरे धीरे करने के बाद जब दो तीन शॉट जोर से मारे तो भाभी चिल्ला पड़ी. मैंने हंसते हुए कहा – रिया मैडम, अब चिल्लाने से कुछ नहीं होगा, चुदाई ऐसे ही होगी और रातभर होगी. राजधानी एक्सप्रेस की स्पीड से पड़े धक्कों से रिया हाँफने लगी और रुकने का निवेदन किया.

मैं रूका तो रिया ने अपनी टांगें मेरे कंधों से उतार लीं और अपनी सांस सामान्य करने लगीं. मैंने रिया को पलटाकर घोड़ी बना दिया और उनके पीछे आकर चूत का मुंह फैला कर अपने लण्ड का सुपारा रख दिया. दोनों हाथों से रिया की कमर पकड़कर जोर का झटका मारा और पूरा लण्ड डाल दिया. पैसेंजर ट्रेन की रफ्तार से शुरू हुई चुदाई जब राजधानी एक्सप्रेस की स्पीड तक पहुंची तो मेरा लण्ड अकड़ने लगा. रिया की टांगें दर्द करने लगी थीं. उनके बार बार कहने पर उनको सीधा करके पीठ के बल लिटा दिया. इस बार उनके चूतड़ों के नीचे दो तकिये रखे जिससे चूत का मुंह आसमान की तरफ हो गया. लण्ड को रिया की चूत में डालकर मैं रिया के ऊपर लेट गया और रिया की चूचियां पकड़कर भाभी भाभी कहते हुए चोदने लगा. जब डिस्चार्ज का समय नजदीक आया तो रिया के होंठ अपने होंठों में दबाकर मैंने लण्ड की स्पीड बढ़ा दी. डिस्चार्ज होने के बाद भी कुछ देर तक मैं रिया के ऊपर ही लेटा रहा. उस रात मैंने रिया को 4 बार चोदा. और दोनों सो गए क्यों की कल हमें रिया के घर भी जाना था फिर शुबह में जगे दोनों तब मैंने टिकट देखी तो बस स्लिपर में थी और मजबूर थी तब रिया बोली बना लो बेटा फिर स्लिपर में ही और हम जाने लगे तो बहुत गर्मी थी रिया को बहुत गर्मी लगी कैसे भी हम दोनों रिया के घर पहुंचे तो

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