ससुराल में बुरी फंसी : ससुर संग चुदाई (भाग-४)

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फ्रेंडस,
जून का महीना तो गरमी चरम पर लेकिन मानसून का प्रवेश हो चुका था और इधर थोड़ी बहुत बारिश की वजह से गर्मी से राहत मिली थी, फिलहाल तो छत पर तेज हवा के कारण मेरा नंगा बदन मस्त हो रहा था फिर मैं किसी महारानी कि तरह फर्श पर लगे बिस्तर पर लेटी तो शांतनु मेरे चूचियों को सहलाने लगे लेकिन मेरे चूत की हालत खराब थी, सो जल्द ही चुदाई में लीन होना चाहती थी तो अब ससुर जी मेरे सपाट पेट से कमर तक को चूमने लगे और ज्योंहि मेरी चिकनी मोटी जांघों पर ओंठ रख चुम्बन देने लगे मेरे चूत की गुदगुदी बढ़ने लगी लेकिन मुझे तो बस मजे लेने थे, बाकी जिसकी शादी होनेवाली है वो तो सुहागरात मनाईगी ही और तभी ससुर ने जांघ चूमते हुए मेरे बिकनी की हुक खोल दिए तो चूत नंगा था साथ ही मैं जांघें फैलाए चूत को खुद ही सहलाने लगी तो वो मुझे देख मुस्कुराए फिर मेरे हथेली को चूत पर से हटाकर अपने ओंठ का प्यार देते हुए मेरे बदन को सहलाते हुए मस्त कर रहे थे तो बदन को टेबल फेन साथ ही प्राकृतिक हवा से काफी राहत मिल रही थी और तभी शांतनु ने मेरी चूत को फैलाया फिर जीभ घुसाए चाटने लगा तो मैं ” उह ओह सी इस आह प्लीज़ तेजी से चाट ना उह उई मां मजा आ गया ” और ससुर का लंबा जीभ मेरी चूत की गहराई तक समा रहा था तो बुर चट्ट ससुर आराम से चूत को चाटने में मस्त था फिर मैं चूतड उच्काते हुए मस्त थी लेकिन जल्द ही शांतनु ने मेरी चूत के मोटे फांकों को अपने ओंठ के बीच में लेकर चूसने लगा साथ ही मेरे चूतड के गद्देदार भाग को पकड़े दबा रहे थे और तभी चूत की सुरसुरी बढ़ने लगी और मैं बोली ” ओह आह ससुर पी ले मेरी चूत का रस आह निकल गया ” तो शांतनु बुर को चूसता हुआ रज का स्वाद लिया फिर उसको लपलप कुत्ते की तरह चाट रहा था। दीपा बेशरम औरत की तरह बिस्तर पर नंगे लेटी थी और अब उसके लंड चूस चुदवाने का आनंद लेना था लेकिन मेरा बेसब्र ससुर मेरे जांघों के बीच लंड पकड़े बैठा हुआ अब सुपाड़ा को चूत के अंदर घुसाया फिर धीरे से अपना लंड घुसाते हुए कमर पर हाथ फेर रहा था, मेरी रसीली चूत के अंदर लंड घुस रहा था तो उनका ८-९ इंच लम्बा लंड मुझे कोई दिक्कत करने वाला नहीं था लेकिन साले का लंड तीन इंच से अधिक मोटा था, सो २/३ लंड अंदर घुसते ही लगा मानो की चूत चरक जाएगी फिर भी हिम्मत और साहस रखते हुए लंड का धक्का सहने लगी तो ससुर जोर से लंड का धक्का मारकर पूरा लंड मेरी चूत में घुसाया और तेजी से चोदता हुआ मेरे बूब्स को पकड़ दबा रहा था तो मैं ” उह ओह अबे धीरे चोद ना मेरी चूत कोई सासू की तरह ढीली नहीं है ओह लहरा दिया और थोड़ा धीरे ” तो ससुर मद्यम गति से चोदता हुआ मेरे ऊपर सवार हुए फिर ओंठ चूमने लगे तो मैं उनके पीठ से चूतड तक हाथ फेरने लगी, अब उनके कमर को पकड़े चूतड उछालने के मूड में थी तो ससुर का भारी शरीर बदन पर लिए चूतड उछालना थोड़ा मुश्किल था और मैं चुदाते हुए उनके गाल चूम ली ” थोड़ा आगे की ओर कोहनी के बल होते तो मैं ” फिर वो चुदाई करते हुए अपने शरीर को मेरे तन से थोड़ा उपर रखे, बस दोनों के कमर कस मिलन हो रहा था तो उनका लम्बा लंड मेरी चूत में आग लगाने लगा और दीपा अब चूतड उछालते हुए चुदाई के आंनद को दुना कर दी तो दोनों चुदाई के कर्म में लीन थे। दीपा अपने गोल गद्देदार चूतड को तेजी से उछाल उछालकर चुदवा रही थी तो ससुर चोदने में मस्त थे और छत पर मुझे काफी मजा आ रहा था, एक तो रात का सन्नाटा साथ ही थोड़ा बहुत तेज हवा और एक गब्रुर जवान का तन पर होना मुझे अच्छा लग रहा था, मैं अब कमर स्थिर की और बुर की गरमी से परेशान हुए आहें भर रही थी ” ओह उह प्लीज़ अब बस करो मेरी बुर में आग लगी हुई है
( ससुर मेरे ओंठ चूम बोले ) आग बुझाना हो तो दमकल विभाग को फोन करो, अभी दस मिनट तक चोदूंगा ” फिर वो मेरे तन पर से हटे तो कहो कि चूत को चुदाई ब्रेक मिली।
ससुर के सामने टांगे फैलाकर लेटना हर महिलाओं के बस की नहीं तो दीपा फिलहाल अपने चूत की ओर इशारा की तो वो समझदार की तरह मेरे चूतड के नीचे तकिया डालकर अब चूत को फैलाए फिर थूक डाले, मादरचोद साला जिस चूत की आरती उतार रहा है उसमें ही थूक भी रहा है तभी शांतनु मेरी चूत में जीभ घुसाए चाटने लगा तो मैं थोड़ा राहत महसूस कर रही थी और मेरी चूत के अंदर पल भर तक जीभ घुसाए वो चाटे फिर मेरी चूत में लंड घुसाने लगे, पूरा लंड चूत में घुसते ही लगा मानो अंदर जगह ही ना बची हो फिर भी चूत तो लोचदार होता है और उसकी चुदाई करना शुरू किए मेरे ससुर जी तो मैं चूत की गहराई तक सुपाड़ा का एहसास पाकर मस्त थी, वो बैठे हुए दे दनादन चोद रहे थे तो मेरी गान्ड तकिया पर होने के कारण थोड़ी उपर थी और शांतनु फिर मेरी दोनों जांघों को पकड़ उसे हवा में किए अपने कंधे पर रख चोदने लगे तो मेरा जिस्म काम की आग में जल रहा था ” ओह ससुर जी अब रहने दो तेरी मर्दानगी अभी और देखनी है
( ससुर मुझे ७-८ मिनट से चोदते हुए हांफने लगा ) बस अब मेरा लंड वीर्य स्खलित करेगा
( मैं ) आप से चुदवा कर मेरी चूत तृप्त हो गई ससुर ” फिर मेरे चूत के अन्दर लंड का फव्वारा छुट पड़ा तो बुर गर्म चिपचिपा वीर्य से लबालब हो गया और मैं उनके गमछा से अपनी चूत को धोने के बाद साफ की फिर नाईटी डाल बिकनी हाथ में लिए रूम जाकर सो गई।

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