Meri Bachhi hui Jawani – Part 5

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रे बहुरानी अपनी जवानी क्यों ढक रही हो, तेरी चूत, बूब्स और गांड देखने दे ” रघुवीर उठते हुए ” हा तृप्ति ये तो तेरे बाप जैसे है ( मुझे देख ते हुए ) वो तो मेरी माँ को भी चोद चुके है ” रघुवीर फकरु का लंड हिलाते हुए। ” देख अपने ससुर का लंड और हो जा शुरू ” . में अपने कपडे पहन के जाने लगी। तृप्ति ” ये क्या बोल रहे हो, शर्म नहीं आती ” . रघुवीर ” शर्म तो उस दिन ही मर गयी जिस दिन तूने अब्दुल का लंड अपने चूत में लिया, पहले शर्म आती थी अब बिलकुल नहीं आती ” . फकरु ” ऐसे कैसे बड़े इज्जत से प्यार से। इतमिनान से बहुरानी की चूत में लंड जायेगा। उसके बूब्स चूसे जायेंगे. गांड में लंड जायेगा। बहुरानी मेरा लंड और गोटे चूसेगी तो मजा आएगा और आखिर में मेरे वीर्य की धार बहुरानी के बच्चे दानी में जाएगी ” . तृप्ति ” लेकिन मुझे शरम आती है ऐसे बुजुर्ग इंसान के साथ वो करते हुए ” फकरु ” क्या करते हुए? ” तृप्ति ” मतलब वो सम्बन्ध।……… ” रघुवीर कपडे पहनके चला जाता है। तृप्ति भी शॉल के ओढ़ के अंदर ब्रा और निकर पहनती है। फकरु भी अपनी लुंगी बांध लेता है। फकरु ” देखो बहु अपना जो रिश्ता है वो बड़ा संजीदा रिश्ता है, हमारे में ससुर का लंड बहु के चूत चोदे तो बड़ा पावन समझते है। मेरी माँ जिनका नाम साजिदा था वो भी मेरे दादाजी के लंड पे उठक बैठक लगाती थी। दादाजी मेरे सामने मेरी माँ को बिस्तर पे लिटाके नंगा करके दिन रात चोदते थे। बड़ी भली और पवित्र स्त्री थी मेरी माँ। जो दादाजी और चाचाजी के साथ चुदती थी। दोनों को भरपूर शरीर सुख देती थी ” . तृप्ति हस्ते हुए ” तो कोनसी पवित्र स्त्री थी, वो तो रंडी थी आपके खानदान की ” फकरु चिढ़ते हुए ” घर के लोगों को सुख देना ये पाप है……… कल जाके तुम जैसी औरते बोलती है मर्द की जात ही ख़राब होती है। बहार मुँह मारते है। और किसी घर की औरत घर के मर्दोको अपना शारीरिक सुख दे तो दिक्कत क्या है ” . तृप्ति फकरु के नंगे सीने पे हाथ घूमते हुए और मुस्कुराते हुए ” तुम्हारे माँ के किस किस के साथ शारीरिक संबंध थे ससुर जी ” फकरु तृप्ति को पीठ पे हाथ घुमाते हुए ” तू भी तो मेरी माँ जैसी हो, पति से ज्यादा अपने देवर के साथ शारीरिक संबंद रखती थी ” तृप्ति अपने ब्रा में छुपे हुए बूब्स फकरु के सीने पे रगड़ते हुए ” तुम्हारी माँ बड़ी टॉप की रंडी रही होगी जो आप जैसा चुदकड़ बेटा पैदा किया ” फकरु हस्ते हुए तृप्ति के होठो को किस करता है ” तुम उसे रंडी समझती हो, लेकिन में उसे पवित्र समझता हु। बेचारी बिना हीच कीचाहट हमारे घर के सारे मर्दो से चुदी है ” . फकरु तृप्ति की निकर गांड पे से थोड़ी हटाके, गांड की दरार पे ऊँगली घुमाते हुए ” तृप्ती चलो अपनी बात करते है। में तुम्हे सीधा पुछतो हु क्या तुम मेरे लंड को अपनी चूत में जगह दोगी ” तृप्ति फकरु को स्मूच करते हुए ” लेकिन इस चूत ने अब्दुल के लंड को अपनाया है ” . फकरु तृप्ति के पीछे पिछेसे दोनों हाथो से बूब्स दबाते हुए तृप्ति आहे भरते हुए ” अह्ह्ह्हह्हह उफ्फ्फ्फ्स ” फकरु ” अब्दुल के लंड में भी मेरी परछाई है ” दोनों एक दूसरे के गले लगते हुए. तृप्ती फकरु के लंड हाथ घुमाते हुए. ” अगर मी आपसे चुदी तो बार बार चोदो गे तो नहीं ” . फकरु हस्ते हुए ” अरे बहुरानी ये तो मेरा लंड तय करेगा, देखो बहु का काम होता है अपने घर वालो का खयाल रखना ” फकरु पिछेसे आके तृप्ति के ब्रा का हुक निकालता है। तृप्ति ” उफ्फ़ ये क्या कर रहे हो, आप भी बाकि ससुरो जैसा व्यवहार कर रहे हो ” फकरु ” बाकी तुज जैसी बहुओ के साथ कैसा व्यवहार करते है उनके ससुर ” तृप्ति अपना ब्रा हटाके गोल मटोल बूब्स हाथोमे हिलाके ” क्या बताये ससुरजी, बिचारी कोई स्लीवलेस ब्लाऊज़ पहनके उप्पर के दो बटन, अपनी जांघ तक साड़ी लेके जिसे की उनकी अंदर की निकर दिख सके। ऐसी हालत में बिचारि काम घर के सारे काम करती है। कुछ तो पेटीकोट और ब्रा में घर के काम करती है ” . फकरु ” ये तो अछि बात है। अपने ससुर के सोये हुए लंड को जगाना ” . तृप्ति ” आप भी बड़े कमीने हो, बहुये क्या चुदने के लिए होती है? कभी भी उनके स्तन दबाना, कभी उनके दाये चूतड़ कभी बाए चूतड़ दबाना। बहु को नहाते वक्त नंगी देखना। उसकी चूत, उसके स्तन निप्पल्स और गांड देखना। नहाने के बाद उनकी बहुए छोटी से टॉवल में आती है। तो सिर्फ उनकी गांड का कुछ हिंसा, सिर्फ चूत और निप्पल्स ही ढके होते है बाकी जवान नंगा बदन अपने बूढ़े ससुर के सामने नुमाइश के लिए खुला होता है। उनके मादरचोद ससुर अपनी धोती में से लंड निकाल के खुले आम हिलाते बैठते है। कभी कभी उनकी बहु का छोटा टॉवल जानभूझकर गिराया जाता है। फिर उनका नंगा जवान बदन उनके ससुर के सामने होता है। ससुर उनके जिस्म से जी भर के खेलता है। उनके निप्पल्स चूसना, चूत चाटना, गांड में ऊँगली डालना। फिर हर आसान में अछे से उनकी चुदाई की जाती है। उनके पति घर आने तक सिसकिया, चिलाना शुरू रहता है। ” फकरु तना हुआ लंड हिलाते हुए ” आरी छिनाल लंड खड़ा किया तूने चल अब निचे बैठ और चूस मेरा लंड ” . फिर तृप्ति घुटनो पे बैठ के फकरु का लैंड चूसना शुरू करती है। १० मिनट बाद फकरु तृप्ति की बची हुई इज्जत मतलब उसके चूत पे जो छोटी सी निकर थी वो भी उत्तरता है और उसकी जवान रसभरी चूत चाटने लगता है। उसके चूत के दाने पे जीभ रगड़ते हुए ” क्या मस्त चूत है तेरी बिलकुल तेरी माँ जैसी ” तृप्ति ” अह्ह्ह्हह्ह्ह्हह, उईईईईई ओफ्फ्फ्फफ्फ्फ़ ” ५ मिनट बाद तृप्ति अपना पानी फकरु के मुँह पर चढ़ देती है। फकरु वापस तृप्ति के मुँह में लंड देके चूसने लगाता है। फिर उसे सीधा लिटा के अपना कड़क लंड पेल देता है और तृप्ति की जवान चूत चोदना शुरू करता है आज जवान औरत चोदने को मिलने के कारन आज फकरु लंड में ज्यादा जान आगयी थी। १० मिनट चोदने के बाद। तृप्ति को घोड़ी बनाके, उसकी गांड की छेद पर जीभ लगाके चाटना शुरू करता है तृप्ति ” अह्ह्ह्हहआ क्या मज़ा आ रहा है वाऊऊऊ, अरे ससुरजी एक सिगरेट तो पीला दो ” फकरु ” रुक साली रंडी, तेरी गांड में लंड पेलने दे ” फकरु अपने लंड पे थूक लगाके, मेज पे पड़ा हुआ सिगरेट का पैकेट और लाइटर फेकते हुए उसके गांड पे रपट मारता है. धीरे धीरे लंड तृप्ति के गांड के छेद में पेलने की कोशिश कर रहा था। वहा तृप्ति ” आउउउउउउउ बोहोत दर्द हो रहा है जरा धीरे धीरे करो आइआइइइइइइइ। ” फकरु ” सिगरेट सुलगाले थोड़ा दर्द कम होगा ” तृप्ति सिगरेट सुलगाके पिने लगती है। वहा फकरु अपना लंड गांड में पेलने लगता है। तृप्ति ” आईईईई फ़क वूऊऊऊ ” १० मिनट बाद फकरु तृप्ति को अपने उप्पर बिठा के निचे से लंड पेलना शुरू करता है। १०-१५ शॉट के बाद। तृप्ति को सीधा करके उसके छूट में वीर्य छोड़ता है। दोनों कपडे पहन के बहार आते है। में श्याम को घूमने जाने का मन बनाया। फकरु भी मेरे साथ आता है। दोनों खूब शॉपिंग करके आते है। घर के बाकी लोग भी खाना खा रहे थे में और फकरु भी हाथ मुँह धोके खाने बैठ गए। तृप्ति हमको खाना परोसती है। खाना परोसते वक़्त उसके टीशर्ट से उसके बूब्स फकरु को दीखते है और वो झटसे टीशर्ट उप्पर करती है। में ” अरे फकरु के लंड से चुद चुकी हो अब कैसा शर्माना ” . हम सब हसने लगते है। खाना खाने के बाद हम सब गप्पे मार रहे थे। तब फकरु ” सुनो, आज में एक घोषणा करने जा रहा हु, मेरा बेटा अब्दुल और तृप्ती ( बिच में ही रुक जाता है ) की माँ गंगादेवी का ब्याह मेने तय किया है ” हम हक्का बक्का हो जाते है। में ” फकरु क्या कह रहे हो? ” फकरु मुझे रोकते हुए ” आप सब लोग जानते है की मेरे और गंगादेवी के जिस्मानी रिस्ता है। में गंगा देवी को जभी मौका मिलता है तो चोदता हु, लेकिन में ये चाहता हु की सदा के लिए गंगा देवी मेरे पास रहे और आखरी साँस तक में उसे चोदता रहु ” . अब्दुल चिड़ते हुए ” तो आप उनसे सीधा शादी करो ” . फकरु ” अरे लोग आप बच्चो को ताने देके जीने नहीं देंगे, क्यों अपनी जिंदगी बर्बाद कर रहे हो। गंगादेवी मेरे लंड की भुकी है और में उसके चूत का प्यासा हु। गंगादेवी को मेरी बहु बनाके, उसे घरके अंदर रात दिन चोदने का मज़ा लूंगा ” अब्दुल ” अपनी बहु को चोदोगे तो लोग कुछ नहीं कहेंगे ” फकरु हस्ते हुए ” अरे बोलेंगे ससुर बेटे की कमी पूरी कर रहा है ” . अब्दुल ” आप तो महान हो ” . दूसरे दिन तृप्ति मुझे ब्यूटी पार्लर लेके जाके मेकअप करवाया। अच्छीसी साडी पहनी और तैयार हुई। फिर अब्दुल और मेंने एक दूसरे को हार पहनाया और सात फेरे लिए. हम दोनों फकरु के पैर छूते है। मुझे कंधो से उठाके गले लगाते हुए। फकरु ” जुग जुग जियो ” श्याम को हम सब ने खाना खाया। और सोने के लिए जाने लगे। में उप्पर के रूम के तरफ गयी तो देखा। अब्दुल तृप्ति को चोद रहा था। में निचे आयी फकरु सोफे पे बैठ के लंड पे हाथ घुमा रहा था। में निचे आके ” ससुरजी आपका बेटा तो मेरी बेटी को चोद रहा है. ” फकरु ” साला हरामखोर इतनी सुन्दर पत्नी को छोड के, दूसरी औरत के चूत में लंड डालके बैठा है। ” में ” चलो ससुरजी में आपके पैर दबाती हु ” फकरु मेरी गांड पे हाथ घूमाते हुए ” फिकर न करो बहुरानी तुम्हे कुछ भी दिक्कत नहीं आएगी ” . फकरु ” है चलो ” रघुवीर वहा आके ” चलो चचा कहानी बनाते है मजा आएगा ” . फकरु ” क्यों नहीं ” में फकरु छाती पे हाथ घुमाते हुए ” कोई कहानी नहीं, मुझे अपने ससुर की सेवा करनी है। चलिए ससुरजी आपके बदन पे तेल से अछेसे मालिश करती हु। ” फकरु ” हां बहु बोहोत जरुरत है। कमरे में आने के बाद फकरु अपना बनियान निकाल के लेट जाता है। अब वो लुंगी में लेटा था। में हाथो में तेल मल के उसके पीठ पे हलके हलके हाथ से मसल रही थी। फकरु ” अहाआआ मजा आ गया बहु तेरे हाथ में जादू है। ” फिर अपनी लुंगी उतार देता है ब वो लुंगी में चटाई पे लेटा था। में हाथो में तेल मल के उसके पीठ पे हलके हलके हाथ से मसल रही थी। फकरु ” अहाआआ मजा आ गया बहु तेरे हाथ में जादू है। ” में ” ससुर जी आप अपनी लुंगी उत्तर दीजिये तो में आपकी गांड रगड़ दूंगी। फकरु ” नहीं बहुरानी, तू जानती है की में लुंगी के अंदर अंडरवियर नहीं पहनता। अभी मेरा हतियार भी टाइट है। तेरा हाथ इधर उधर चला गया तो तेरी सुहागरात मेरे लंड से होगी ” . में ” ये पाप होगा ससुरजी, हलाकि में आपके लंड से कई बार चूद चुकी हु लेकिन अब में आपकी बहु हु ” . फकरु ” सही कहा ” . में फकरु का पैर अपने जांघो पे रख ते हुए फकरु ” ” अरे तेरा लेहंगा ख़राब होगा बहुरानी तेल से ” . में ” तो क्या करू ससुरजी अप्पकी सेवा नहीं करुँगी तो नरक में जाउंगी ” . फकरु ” एक काम करो बहुरानी ” अरे तेरा लेहंगा ख़राब होगा बहुरानी तेल से ” . में ” तो क्या करू ससुरजी अप्पकी सेवा नहीं करुँगी तो नरक में जाउंगी ” . फकरु ” एक काम करो बहुरानी अपना लेहंगा उत्तारके रख दो ” । में लेहंगा उतार देती हु अब में छोटी सी निकर में थी। फिर फिर धीरे धीरे अपना ब्लाऊज़ उत्तार देती हु अब में ब्रा और पेंटी में थी। में इतराते हुए ” ससुरजी अब आराम से अपना पैर मेरी नंगी जांघ पे रखिये और मेरे स्तनों की दरार को ताड़ते हुए मालिश का मजा लीजिये। ” फिर फकरु मुस्कुराते हुए अपनी लुंगी उत्तारता है। उसका ११ इंच का लंड मेरे सामने सलामी दे रहा था। में आँखे झुकाके फकरु के पैरोंको मालिश कर रही थी। फिर धीरे धीरे घुटने, जांघो तक तेल लगाके मालिश कर रही थी. फिर छाती, कंधे, पेट पे अच्छे से तेल मलके मालिश कर रही थी। फकरु ” अह्ह्ह्हह, बहुरानी मजा आ रहा है। जरा मेरे लंड और गोटों की भी मालिश होती तो बड़ा मज़ा आता ” . में ” लेकिन ससुरजी मेने आपके लंड को छुआ तो मेरी चूत को आपके लंड से चुदे बिना आप मानेंगे नहीं। मेरे चूत तो बस अब्दुल के नाम की रहेंगी। चूत की सैर तो तुम्हारा लंड करेगा। ” फकरु ” देखो बहुरानी मेरा लंड या अब्दुल एक ही खून से बने है। ” में अपनी टांग फकरु के पेट पे रख के बेठते हुए ” अरे बहुरानी, तुम्हारी निकर और ब्रा तेल से ख़राब होगी ” . में लंड पे हाथ घूमते हुए ” तो में आपके लंड को ब्लो जॉब मेरा मतलब मालिश कैसे दे पाऊँगी। अगर में अच्छेसे आपकी सेवा नहीं कर पायी तो सासु माँ।……. ” मेरी बात टोकते हुए ” वही तो में बोल रहा हु, अगर अपनी सास को खुश देखना चाहती हो तो उत्तारो अपनी चड्डी और चङो मेरे लंड पे। ” में ” तो आपकी बीवी खुश होगी? ” फकरु ” क्यों नहीं? तुम्हारी सास भी तो मेरे सामने कई लोगों से चुद चुकी है। ” नंगा फकरु उठ के मेरे स्तन दबाते हुए ” अरे बहुरानी तेरी सास चाहती है। में ” तो आपकी बीवी खुश होगी? ” फकरु ” क्यों नहीं? तुम्हारी सास भी तो मेरे सामने कई लोगों से चुद चुकी है। ” नंगा फकरु उठ के मेरे स्तन दबाते हुए ” अरे बहुरानी तेरी सास चाहती है। में भी अपनी बहु को खुश रखु अच्छे से। ” में मस्ती करते हुए ” मुझे अपने पति से इजाजत लेनी पड़ेगी, में एक पतिव्रता स्त्री हु ” . फकरु सर पे हाथ हुए ” तेरा पति तेरी बेटी के चूत में लंड डालके चोद रहा है, और तू उसे क्या इजाजत लेगी? ” फकरु ने मेरे ब्रा का हुक खोल दिया में ” उफ्फफ्फ्फ़ ” . फिर लंबा सा किस किया में उठ के खड़ी हुई तो मेरी निकर निचे खिंच ली। अब में पूरी नंगी फकरु के सामने थी। अपने पर्स से ५०० का नोट निकल के मेरी चूत के पंखुड़ियों में डालते हुए ” ये है तेरे चूत दिखाई का नजराना ” . में शर्मा के निचे बैठ गयी। फकरु हाथ में तेल लेके मेरे स्तन, चूत, पेट और सारे शरीर पे मल रहा था। हम दोनों के शरीर तेल से चमक रहे थे। में अपनी दोनों टांगे फकरु की जांघो के उप्पर डालके हम दोनों बेतहाशा किस और स्मूच कर रहे थे। फिर फकरु ने मुझे लिटा के चूत के दाने पे जीभ रगड़ना शुरू की मुझे ये हरकत पहलेसे पसंद है १० मिनट बाद में छूट जाती हु। में उठ के फकरु का लंड चूसना शुरू करती हु। फकरु मुझे घोड़ी बनाके मेरी चूतड़ों को चूमता है उसका ११ इंच का सुल्तान चूत की दीवारों पे दस्तक दे रहा था। फिर फकरु ने पूरा लंड मेरे चूत में पेल दिया। और चोदने लगा में ” अह्ह्ह्हह्हह ससुरजी धीरे धीरे करो में तो आपकीही हु कहा भागी जा रही हु। उफ्फ्फ्फफ्फ्फ़ अब तो कोई रोक टोक नहीं है आआआआ कभी भी मुझे कैसे भी कर सकते हो। ” चोदते चोदते रुक जाता है। फकरु आँख मारते हुए ” जा तेरे बेटे को बुलवाके लेके आ अपनी माँ को चुदता हुआ देखेगा तो मज़ा आएगा ” में ” पर में बाहर कैसे जाऊ ” . एक ओढ़नी दिख जाती है। में अपने चूत, गांड और बूब्स को लपेटे लेती हु। बाहर जाके रघुवीर को उठाते ” बेटा चलो रशीदजी के घर ” . आँखे मसलते हुए रघुवीर ” क्यों माँ? ” में अपनी जांघो पे हाथ घुमाते हुए ” रुखसार मायके गयी है। हम उनके पडोसी है तो उनका खयाल रखना चाहिए। ” रघुवीर ” तो माँ रात में आप क्या करोगे ” में ” अरे बेटा राशिदजी रात को मूठ मारके सोयेंगे, बेचारे का ११ इंच का लंड बिना चूत के कैसे शांत होगा? तो मेने सोचा तेरे पिता की ४ इंच की से चुदनेसे अच्छा राशिदजी का तगड़ा लंड अपनी चूत में लू. ” . रघुवीर ” लेकिन माँ पिताजी क्या सोचेंगे उनकी धरम पत्नी अपने पडोसी का लंड सेहला रही है। मुँह में लेके ओरल सेक्स दे रही है। पडोसी का लंड चूत में लेके भरपूर आनद ले रही है ” . रघुवीर को टोकते हुए ” और मेरी गांड भी तो चोड़ेंगे ” में ” फिर तुम रहने दो में अपने पति अशोक को लेके जाने को बोलती हु ” . रघुवीर को में आँख मारते हुए ” अच्छा तो अपनी माँ को चोदते हुए देख कर कोण मुठ मारता है ” रघुवीर ” लेकिन माँ आपका जिस्म जब रशीद जी कस कस के चोदते है ततो अबकी बार तेरा बाप देखेगा कैसे उसकी बीवी चूदती है ” रघुवीर बैडरूम की कुण्डी खटखटाता है ” राशिदजी, घर पे है क्या ” फकरु ( रशीद बनके ) नंगा ही आता है ” कोण है? ” रघुवीर ” में अशोक हु आपका पडोसी ” . फकरु एक छोटासा तौलिया लपेट के आता है मुझे देख ते हुए ” भाई साहब, भाभीजी इतनी रात को कैसे याद किया ” अशोक ” पता चला आपकी पत्नी रुखसार मायके गयी है तो आप अकेले होंगे। बिना औरत के आपको अकेले रहना मुश्किल होगा तो मेरी पत्नी को साथ लाया ” रशीद ” आदाब भाभीजी, वैसे तो ये चुनरी के अंदर से आपकी चूत, गांड और बूब्स बोहोत प्यारे लग रहे है ” . में शरमाते हुए ” क्या कह रहे हो भाई साहब, मेरे पति के सामने आप मेरा नंगा बदन ताड़ रहे हो ये गलत बात है ” अशोक ” क्या कह रही हो, में जब घर पे नहीं होता हु तो रशीदभाई साहब तुम्हारा खयाल रखते थे। कभी में दिन, महीनो बाहर रहता था तो तुम्हारा खयाल रखने रशीदसाहब ही आते थे। बिचारेने कभी कोई शिकायत नहीं की ” . में आँखे झुकाती हुए पैर पड़ते हुए निचे झुक जाती हु तो मेरा पल्लू निचे गिर जाता है। मेरे गोल मटोल मुम्मे सामने आजाते है। ो मरा हुआ लंड भी जिन्दा हो जाए ” . में अपनी चुत्तड़ो पे घुमाते हुए ” तो अबकी बार तेरा बाप देखेगा कैसे उसकी बीवी चूदती है ” रघुवीर बैडरूम की कुण्डी खटखटाता है ” राशिदजी, घर पे है क्या ” फकरु ( रशीद बनके ) नंगा ही आता है ” कोण है? ” रघुवीर ” में अशोक हु आपका पडोसी ” . फकरु एक छोटासा तौलिया लपेट के आता है मुझे देख ते हुए ” भाई साहब, भाभीजी इतनी रात को कैसे याद किया ” अशोक ” पता चला आपकी पत्नी रुखसार मायके गयी है तो आप अकेले होंगे। बिना औरत के आपको अकेले रहना मुश्किल होगा तो मेरी पत्नी को साथ लाया ” रशीद ” आदाब भाभीजी, वैसे तो ये चुनरी के अंदर से आपकी चूत, गांड और बूब्स बोहोत प्यारे लग रहे है ” . में शरमाते हुए ” क्या कह रहे हो भाई साहब, मेरे पति के सामने आप मेरा नंगा बदन ताड़ रहे हो ये गलत बात है ” अशोक ” क्या कह रही हो, में जब घर पे नहीं होता हु तो रशीदभाई साहब तुम्हारा खयाल रखते थे। कभी में दिन, महीनो बाहर रहता था तो तुम्हारा खयाल रखने रशीदसाहब ही आते थे। बिचारेने कभी कोई शिकायत नहीं की ” . में आँखे झुकाती हुए पैर पड़ते हुए निचे झुक जाती हु तो मेरा पल्लू निचे गिर जाता है। मेरे गोल मटोल मुम्मे सामने आजाते है। ो मरा हुआ लंड भी जिन्दा हो जाए ” . रशीद का हाथ अब मेरी गांड पे घूम रहा था। रहीम मुझे अपने पति के सामने अपनी और खींचते हुए ” अशोकजी एक काम अपने सही किया अपनी आधी नंगी बीवी मेरे पास ले आये। अब में बताता हु हम क्या क्या करते थे आपके पीठ पीछे ” . फिर हम दोनों लम्बा सा स्मूच करते है। रहीम का टोलिया खींचते हुए ” मेरे पति को अपना दमदार लंड तो दिखाव ” . रहीम अपना तना हुआ लंड अशोक को दिखाते हुए हिला रहा था। मेरी पीठ पे हाथ घूमाते हुए ” अरे भाभीजी आधी नंगी होही गयी हो, तो ये बचे हुए कपडे भी उतार दो ” में अपनी ओढ़नी उत्तार कर पूरी नंगी होके बेड पे लेट गयी रहीम। रघुवीर ( अशोक के रोल में था ) ” यार आप लोग नार्मल एक दूसरे को चोद लो, फोरप्ले और किसी दिन कर लेना ” . फकरु हस्ते हुए ” बहुरानी आज तुम्हारी सुहागरात है। वो भी पति के साथ नहीं ससुर के साथ ” . फकरु एक एक करके मेरे दोनों निप्पल्स चूस ने लगता है। फिर अपना लंड मेरे दोनों बूब्स के बिच में रगड़ने लागा. फिर अपना मेरे चूत के दाणे पे लंड रगड राहा था मे ” ये क्या लंड पे कंडोम तो लगाओ ” फकरू ” क्या है बिना कंडोम से चोदु तो क्या फरक पडता है ” मे लाथ मारते हुए ” चलो पहले कंडोम पेहनॆके आओ ” फकरु आपना तना हुआ लंड लंके रघुवीर पास गया ” बेटा जरा मेरे लंड पे कंडोम तो बिठादे ” रघुवीर ” मे नही करता ये काम ” . फकरु ” अरे भाई आज तेरी माँ सामान सासु माँ लंड के लिए तरस रही है ( आपने लंड को हिलाते हुए ) ये लंड तेरी माँ के चूत में जायेगा। जम के तेरी माँ की चुदाई होगी तो हम दोनों के साथ साथ तुम्हे भी तो मजा आएगा ” . रघुवीर फकरु के लंड पे कंडोम पहनाता है। फकरु मेरे चूत के दाने पे लंड रगड़ना शुरू करता है तो में ” ओह्ह्हह्ह उफ्फफफ्फ आह्हह्ह डाल दिजिये अंदर ” फकरु धीरे धीरे अंदर पेल के अपनी गांड हिलाने लगता है. झटकोका स्पीड बढाणे लगता है. तब मेरी भी हालत खराब होना सुरू होती है ” अह्ह्हह्ह क्या मस्त लंड है सासुरजी पिहले क्यू नही मिले उफ्फफफ्फ ” १० मिनट बाद। अपने उप्पर बिठा के निचे से लंड पेल रहा था। बिच बिच में मेरे निप्पल्स भी चूस रहा था। फिर घोड़ी बनाके पेलने लगा में ” उफ्फ्फ्फ़ फ़क फ़क।.. ओह्ह्ह्हह्ह करने लगी ” थोड़ी देर बाद फकरु ने अपनी पहली पिचकारी छोड़ दी। फिर कंडोम निकाल के खिड़की के बाहर फेक दिया। हम दोनों बेड पे किस और स्मूच करने लगे। फकरु मेरे गांड, चूत और बूब्स पे हाथ घूमने लगा। फिर में उसके सीने पे, गांड पे और लंड पे हाथ घूमने लगी। थोडी देर बाद लंड वापस तन गया। फिर मुझे बिना कंडोम के पेलने लगा। अलग अलग पोजीशन पेल रहा था। जिंदगी के इस पड़ाव में अद्भुत शरीर सुख मिल रहा था। सबेरे ४ बजे तक हमारी चुदाई चल रही थी। फिर थक के हम दोनों नंगे ही सो गए।
फिर उस दिन के बाद में १ महीना रही तो हर दिन मेरी चुदाई होती रही। फिर में घर वापस आयी. अब में और फकरु नहीं कुछ करपाते।

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