हैल्लो फ्रेंड्स,
आज बहुत समय के बाद मैं आपके लिए एक कहानी लेकर आया हूँ जो हाल ही में मेरे साथ हुई घटना है. आशा करता हूँ आपको पसंद आएगी..
मेरे मामा कि लड़की जीना के बारे में तो आप लोगों ने पढ़ा ही होगा, बचपन से हम साथ साथ ही बड़े हुए है ओर हमारे घर भी पास पास ही है,..
जब हम स्कूल में पढ़ते थे उस समय मैंने ओर जीना ने कई बार जवानी के रस को चख लिया था, मेरा मतलब है कि मैंने जीना के जिस्म से बहुत खेला था, उस समय जीना कि छाती पर छोटे छोटे उभार ही आए हुए थे ओर उसकी चूत पर भी बाल आना शुरू ही हुए थे, जीना ने उस समय जवानी कि दहलीज पर अपना कदम रख दिया था..
मैं जीना से उम्र में 3 साल बड़ा हूँ इसलिए मुझे तो चुदाई के बारे में पता था, लेकिन जीना अभी अभी जवान हुई थी ओर उसको इसका कोई एक्सपीरियंस नहीं था…
अब तो उसकी शादी हो चुकी है और उसका जिस्म भी अच्छा खासा हो गया है, बड़े बड़े बूब्स मोटी ओर गदराई हुई गांड होंठ भी एक दम सेक्सी ओर मोटे मोटे.. उसका फिगर 32-30-32 तो डेफिनेटली होगा..
उसकी गदराई हुई मोटी गांड देखकर तो ऐसा लगता है जैसे जीजाजी उसकी गांड भी कई बार चोद चुके होंगे या फिर जीना को गांड मरवाने में ज्यादा मजा आता होगा..
खेर,, अब में कहानी पर आता हूँ..
हाल ही में कुछ दिनों के लिए जीना अपने पीहर आई हुई है.. 2 हफ्ते पहले कि ही बात है जब मेरे ओर जीना के घरवाले सभी लोग किसी फंक्शन में गए हुए थे.. घर पर सिर्फ जीना का भाई ओर उसकी दादी थी ओर मेरे घर पर मेरे भाई..
मैंने जीना को बोला कि आज तो पार्टी करने का टाइम है, घर पर कोई नहीं है तो मैं दारू पिऊंगा आज, तो जीना बोली कि भाई में भी पिऊँगी मेरे लिए भी लेकर आना…
मैं, जीना का भाई ओर जीना हम तीनो पीने वाले थे, मैं दारू लेकर आ गया ओर हम तीनो छत पर चले गए..
जीना के भाई का मंगलवार का व्रत था इसलिए उसने कहा ही वो 12 बजे बाद पियेगा तब तक आप दोनों एन्जॉय करो.. तो मैंने कहा कि ठीक है फिर तु नीचे जा ओर दादी को खाना खिला दे ओर उनको सुला देना..
जीना का भाई जीना से भी छोटा है, वो नीचे चला गया ओर हम दोनों ने एक एक पेग बनाया ओर पीने लगे..
मैंने जान बूझकर जीना का पेग स्ट्रांग बनाया था, क्यों बनाया था वो तो आपको बताने कि जरुरत नहीं होगी आप खुद ही समझ गए होंगे..
हम दोनों ने एक एक पेग ख़त्म कर दिया फिर मैंने सिगरेट जलाई ओर हम दोनों ने पी.. सिगरेट पीते ही शरीर में नशे कि लहर सी दौड़ गई ओर एक हल्का हल्का सुरूर आने लगा था..
फिर मैंने एक एक पेग ओर बनाये दोनों के लिए ओर छत पर घुमते घुमते वो पेग भी पीने लगे..
अब जीना के पैर लड़खड़ाने लगे थे ओर वो नशे हो गई थी..
मैंने उसको बैठ जाने को कहा ओर मैं भी उसके पास बैठ गया.. फिर मैंने एक सिगरेट ओर जलाई ओर दोनों वो भी फूँक दी ओर फिर एक एक पेग ओर बना लिए..
अब हम बैठे बैठे बाते करने लग गए.. ओर स्नैक्स के साथ दारू के पेग भी लगा रहे थे.. अभी मौसम भी बरसात को हो रही है तो रात को हवा भी ठंडी ठंडी चल रही थी.. पूरा माहौल जमा हुआ था..
अब मुझे भी नशा हो गया था ओर हम दोनों इधर उधर कि बाते कर रहे थे.. मेरे मन मैं तो चल रहा था कि हमको नशा हो जाए उसके बाद मैं नशे के बहाने से जीना के जिस्म से खेल सकता हूँ ओर शायद मना भी ना करे या बुरा ना माने, क्यों कि कई सालो पहले हम लोग हमबिस्तर हो चुके थे..
जीना अभी कई दिनों से यहाँ थी उसके पति से दूर तो उसको कई दिनों से चुदाई भी नहीं मिली थी.. तो में बस यही सोच रहा था कि मेरा तीर निशाने पर लग जाए..
बातों बातों में मैंने जीना को एक डायलॉग मारा – क्या आपके टूथपेस्ट मैं नमक है
जीना – नहीं
मैं – क्या आपके जीवन मैं रोमांस कि कमी है..
जीना ने हाँ में सर हिला दिया..
बस फिर क्या था, मैंने जीना का सिर पकड़ा ओर उसको लिपकिस कर दिया..
जीना एक बार तो रुक गई.. ओर बोली भाई क्या कर रहा है, मैं तेरी बहन हूँ..
मैंने फिर से उसको गर्दन से पकड़ा ओर उसके होंठो को चूम लिया, जीना को मेरा चुम्बन अच्छा लग रहा था तो उसने भी मुझे चूम लिया, लेकिन वो फिर से अलग हो गई ओर बोली कि भाई मैं तेरी बहन हूँ..
मैंने कहा – क्या ये हम पहली बार कर रहे है?
जीना – नहीं, लेकिन ये गलत है..
मैंने कहा – कुछ गलत नहीं है, सब सही है.. बस तेरा मन है या नहीं करने का..
उसने ना नाकारा करते हुए मेरे होंठ पर अपने होंठ रख दिए ओर उनको चूमने लगी…. में तो खुशम खुश हो गया.. जो में चाह रहा था वही होने जा रहा था..
जीना किस करते हुए भी यही बड़बड़ा रही थी कि भाई ये गलत तो नहीं है ना.. तु मेरा भाई है वगैरह वगैरह..
मैंने सोचा अब ये ऐसे बोलना चुप नहीं करेगी.. इसको शांत करना पड़ेगा.. ओर उसी वक़्त मैंने उसके बूब्स पर हाथ रख दिया ओर उसको आहिस्ते आहिस्ते सहलाने लगा…
जीना ओर भी ज्यादा चूमने लगी ओर मैं उसके बूब्स मसलने लग गया..
जीना ने एक टाइट टी शर्ट पहनी थी ओर नीचे एक फिटिंग का शॉर्ट्स पहना था जो एक दम उसके शरीर से चिपका हुआ था..
मैंने जीना के टीशर्ट मैं हाथ डाल दिया ओर उसकी ब्रा के ऊपर से बूब्स दबाने लगा.. जीना अब एक दम गरम हो गई थी ओर उसकी बड़बड़ अब आहों मैं बदल गई..
मैंने उसकी ब्रा को ऊपर खिसका दी ओर उसके बूब्स को बाहर निकाल दिया.. उसके नंगे बूब्स को छूते ही मेरा लंड खड़ा हो गया ओर जीना भी सिसकारियां लेने लगी..
कुछ देर उसके बूब्स दबाने के बाद मैंने उसकी जांघो को सहलाया ओर फिर सीधे उसकी चूत पर हाथ रख दिया…
जीना ने एक बार तो रोकना चाहा लेकिन जैसे ही मैंने चूत को सहलाना शुरू किया, जीना को मजे आने लगे ओर उसने अपने पैर फैला दिए…
मैंने मोके का फायदा उठा कर जीना के शॉर्ट्स मैं हाथ डाल दिया ओर उसकी पैंटी के ऊपर से ही उसकी चूत सहलाने लगा…
जीना मुझे चूमे जा रही था… मैंने उसका हाथ पकड़ा ओर मेरे लंड पर रख दिया…
जीना ने मेरे लंड को सहलाना शुरू किया.. ओर मेरे होंठो को चूमती रही.. तभी सीढ़ियों से किसी के पैरो कि आवाज आई ओर हम दोनों अलग हो गए..
ये उसका भाई था, वो ऊपर आ गया था, लेकिन 12 बजने मैं अभी बहुत समय था.. उसके ऊपर आ जाने से मुझे बहुत गुस्सा आया.. अच्छा खासा रोमांस चल रहा था, दखल डाल दिया..
खैर… उसने सिगरेट जलाई ओर फिर हम तीनो ने सिगरेट पी.. ओर हमारी आखरी सिगरेट थी..
उसको मैंने पैसे दिए ओर कहा कि ओर सिगरेट लेकर आ जाए..
वो वापस नीचे उतरा, ओर मैंने फिर से जीना के बोबे पकड़ लिए ओर उनको दबाने लगा… अब तो जीना भी मेरा विरोध नहीं कर रही थी.. वो भी बराबर मेरा साथ दे रही थी….
मैं उसकी चूत सहलाने लगा ओर वो मेरा लंड सहलाने लगी… मेरा मन तो कर रहा था कि उसको यही नंगी कर के चोद दूँ, लेकिन हम छत पर थे तो डर भी था कि कोई आस पड़ोस वाले छत से देख ना ले..
हम दोनों एक दूसरे के जिस्म में खोए हुए थे तभी उसका भाई आ गया.. ओर हम अलग हो गए..
हमारा दारु तो ख़त्म हो चूका था लेकिन उसके भाई के पास एक अद्धा पड़ा था.. अब हम बाते करने लगे ओर 12 बजने का इंतज़ार करने लगे…
ओर 12 बजते ही हम तीनो ने पेग बनाये ओर लेकर बैठ गए, पीते पीते बाते करने लगे..
तभी मेरे भाई ने मुझे कॉल किया ओर बोला कि तु घर आएगा या वही सोएगा?
मैंने कहा – तुम लोग सो जाओ, मैंने नीचे वाले रूम मैं ही सोऊंगा, वैसे भी बाहर से लॉक करके आया हूँ तो आऊंगा तब लॉक खोल कर आ जाऊँगा ओर अंदर से लॉक कर के सो जाऊँगा..
फिर हम बाते करने लगे ओर छत पर घूमने लगे ओर मोबाइल में गाने चला कर नाचने लगे..
अब नशे से जीना का सर घूमने लगा था तो उसको हमने रूम मैं ले जाकर सुला दिया..
उसके भाई ओर मुझे भी अच्छा खासा नशा हो गया था तो मैं भी जीना के सामने कुर्सी लगा कर बैठ गया ओर मोबाइल चलाने लगा.. ओर उसका भाई रसोई में जाकर खाना खाने लगा..
जीना सर पकड़ कर सोइ हुई थी.. ओर मैं उसको देख रहा था, उसको कोई होश नहीं था ओर मैं ट्यूबलाइट कि रौशनी मैं उसके जिस्म को निहार रहा था.. उसके टाइट टीशर्ट से उसकी ब्रा कि स्ट्रिप साफ़ दिखाई दे रही थी ओर उसका शॉर्ट्स भी एक दम टाइट था इससे उसकी पैंटी का शेप दिख रहा था ओर उसकी चूत पर एक दम चिपके हुए थे जिससे उसकी फूली हुई चूत का शेप भी दिख रहा था..
वैसे मैं मेरे घर जाने वाला था सोने के लिए, लेकिन ये नज़ारा देख कर तो मैंने सोच लिया कि आज तो इसकी चूत लेकर ही रहूँगा..
जीना रोज उसकी दादी के पास सबसे नीचे वाले रूम मैं सोती है लेकिन आज उसको हमने ऊपर वाले रूम मैं ही सुला दिया था क्यों कि वो नशे में थी..
मैं उठ कर रसोई में गया तो उसका भाई उसकी गिर्ल्फ्रैंड से कॉल पर बात कर रहा था.. उसने खाना भी खा लिया था..
मैंने उससे कहा कि जीना तो हो गई है सेट, इस हालत मैं उसको नीचे दादी के पास तो नहीं सुला सकते है.. रात को कही तबियत ख़राब हो गई तो यहाँ कोई तो है नई.. तु भी सेट है… तो आज तु नीचे सो जाना दादी के पास, जीना को यही सोने दे, ओर मैं भी यही सो रहा हूँ.. इसका ध्यान रखना पड़ेगा रात मैं..
उसने कहा ठीक है.. मैं नीचे सो जाऊँगा..
वो रूम मैं आया ओर उसके बिस्तर लेकर नीचे चला गया.. मैंने उससे कह दिया कि मैं अंदर से दरवाजा बंद कर रहा हूँ, कुछ काम हो तो कॉल कर देना.. वैसे तो मुझे पता था कि वो खुद नशे मैं है, सोते ही नींद आ जाएगी, कॉल तो घंटा ही ना करे..
वो नीचे चला गया ओर मैंने दरवाजा अंदर से बंद कर दिया.. एक तकिया ओर एक रजाई मेरे ओढ़ने के लिए ली ओर एक रजाई जीना के ओढ़ने के लिए ले ली.. ओर उसके बगल मैं ही तकिया लगा कर उसके पास लेट गया..
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जीना को मालूम नहीं था कि मैं उसके पास सोया हूँ…
मैं आँखें बंद कर के लेट गया.. तभी मेरा भी सर चकराने लगा ओर मैंने फिर से आँखे खोल दी, मैं बस हिम्मत जुटा रहा था जीना से फिजिकल होने कि ओर तभी जीना ने करवट बदली..
मैंने जीना से पूछा – तु ठीक है?
जीना बोली – अच्छा, तु ऊपर ही सो रहा है?
ओर ये बोलकर वो मेरी तरफ मुड़ने लगी तभी मैंने उसका सिर पकड़ लिया ओर उसको चूमने लगा..
जीना भी छत वाले रोमांस के बाद तो अपनी चूत मैं लंड घुसवाने को बेचैन थी ओर वो भी यही चाहती थी कि किसी तरह हमको मौका मिल जाए..
हम दोनों एक दूसरे को चूमने लगे ओर चूमते चूमते मैं जीना के बोबे दबाने लगा जिससे जीना मछली कि तरह मचल रही थी..
ओर फिर मैं जीना के ऊपर चढ़ कर लेट गया ओर उसको लिपकिस करते हुए उसके बोबे मसल रहा था ओर उसके गले मैं ओर छाती पर किस करने लगा.
फिर मैंने जीना का टीशर्ट ऊपर किया ओर उसके पेट पर चूमने लगा ओर मेरे दोनों हाथ अभी भी उसके बोबे पर ही थे..
फिर मैंने जीना को उठा कर उसका टीशर्ट खोल दिया.. मुझे लगा कि जब मैं जीना के कपडे उतारूंगा तो शायद वो मुझे रोके लेकिन उसने ऐसा कुछ नहीं किया, बल्कि उसने अपने हाथ ऊपर कर दिए जिससे टीशर्ट आसानी से खुल जाए..
उसकी टीशर्ट खुलते ही वो मेरे सीने से चिपक गई.. फिर मैंने भी उसे हग किया ओर उसके कंधो ओर गले मैं किस्स करते हुए मैंने उसकी ब्रा के हुक भी खोल दिए ओर फिर उसको अपने से अलग करते हुए उसकी ब्रा खोल दी…
जीना के बोबे पूरी तरह से नंगे हो चुके थे ओर मेरी आँखों के सामने थे.. उफ्फ,, क्या शेप है उसके बूब्स का, एक दम गोल गोल ओर बड़े बड़े जिन पर ब्रा का शेप बना हुआ था ओर गहरे भूरे रंग के निप्पल जो अभी एक दम कड़क हो चुके थे..
मैंने उसके दोनों बोबे पकडे ओर उनके बीच में मेरा मुँह फंसा दिया ओर उसके बोबों पर रगड़ने लगा..
फिर उसको लेटा दिया ओर मैंने मेरा बनियान खोल दिया ओर उसके ऊपर लेट गया.. जब आपका नंगा जिस्म किसी लड़की के नंगे जिस्म से टकराता है तो कैसा अनुभव होता है ये आप लोग अच्छे से जानते है.. बस मुझे भी कुछ उतना ही अच्छा फील हो रहा था.. उसके बोबे मेरे सीने पर गढ़ रहे थे ओर मेरे होंठ जीना के होंठ का रस पी रहे थे..
अब जीना एक दम गरम हो चुकी थी ओर अपनी चूत को मेरे शरीर से रगड़ रही थी.. मैंने भी जीना कि चूत पर अपने लंड को रगड़ना शुरू कर दिया.. मैं इतना गर्म हो चूका था कि कुछ ही देर मैं झड़ गया..
फिर मैं नार्मल हो गया ओर दूसरी बाते सोचने लगा ओर जीना के जिस्म को सहला रहा था.. ओर थोड़ी ही देर मैं मेरा लंड फिर से खड़ा होने लगा..
मुझे पता था कि अगर पहली ही बार मैं चूत मैं डाल दूंगा तो जल्दी ही झड़ जाऊँगा ओर चुदाई का मजा नहीं ले पाउँगा इसलिए एक बार मैं बाहर ही झड़ गया..
अब दूसरी बार जैसे ही मेरा लंड खड़ा हुआ, मैंने जीना कि शॉर्ट्स ओर पकड़ा ओर पैंटी के साथ ही शॉर्ट्स भी नीचे खींच लिया ओर जीना को नंगी कर दी..
OMG, जीना एक दम नंगी, मेरे सामने, ओर जीना कि चूत माशाल्ला,, कमाल कि खूबसूरत,, स्कूल टाइम मैं जो जीना कि चूत देखी थी ओर आज जो जीना कि चूत देख रहा हूँ, बहुत ही फर्क आ गया था, एक मेच्योर लड़की कि चूत बन गई थी.. कुछ सेकंड तक तो मैं उसकी चूत को निहारता रहा..
जिसको जीना ने अब तक छुपा कर रखा था ओर जिसको मैं देखने के लिए तरसता रहता था आज वो मेरे सामने एक दम निढाल सी पड़ी थी..
देख कर लगता है कि जीना ने कुछ ही दिनों पहले अपनी झांटे शेव कि थी, हलके हलके बाल फिर से आ चुके थे…
मैंने मेरा शॉर्ट्स ओर अंडरवियर खोल दिए ओर नंगा होकर जीना के ऊपर लेट गया.. उफ्फ क्या सीन था.. मुझे यकीन नहीं हो रहा था कि हम दोनों नंगे है ओर एक दूसरे से लिपटे हुए है.. मुझे बहुत ही मजा आ रहा था..
मैंने जीना को चूमना शुरू किया ओर चूमते चूमते मेरे लंड को हाथ में पकड़ कर जीना कि चूत पर रगड़ने लगा..
जीना ने दोनों हाथों से मेरा मुँह पकड़ लिया ओर मेरी जीभ को चूसने लगी.. तभी मैंने उसकी चूत के छेद पर लंड को दबाया ओर लंड को अंदर घुसाने लगा.. ओर थोड़ी कोशिश करने पर लंड उसकी चूत में घुस गया…
मैंने एक झटका मारा ओर मेरा पूरा लंड उसकी चूत मैं घुस गया.. ओर मैं एक मिनट के लिए रुक गया ओर उसके ऊपर लेट गया, मेरा लंड अभी भी उसकी चूत कि गहराइयों में था….
फिर मैंने उसको चोदना शुरू किया ओर अंदर बाहर अंदर बाहर करके चोदने लगा… रूम में डिम लाइट जल रही थी ओर खिड़की में कूलर पड़ा था इसलिए खिड़की भी पूरी बंद नहीं हो रही थी, तो मुझे डर भी था कि कही उसका भाई ऊपर ना आ जाए..
इसलिए मैंने हमारे ऊपर कम्बल ओढ़ ली थी..
मैं उसको चोद ही रहा था कि अचानक लाइट चली गई ओर रूम मैं अँधेरा हो गया.. अब मेरा डर भी निकल गया, क्यों कि खिड़की से कुछ दिखने वाला नहीं था..
मैंने जीना को उठाया ओर हम दोनों बेड से नीचे उतर गए… ओर फिर मैंने जीना को दिवार के सहारे खड़ी कर दी ओर उसके बोबे पकड़ कर चूसने लगा..
जीना मेरा सिर पकड़ पर उसके बोबे पर दबा रही थी.. उसकी निप्पल चाट चाट कर चूस रहा था ओर फिर उसकी चूत को सहलाने लगा.. उसकी चूत एक दम गीली हो गई थी ओर उसकी झांटे भी गीली हो रही थी..
मैंने उसकी जांघ से उसका एक पैर उठा कर फैलाया ओर उसकी चूत मैं लंड घुसा कर चोदने लगा….
जीना के मुँह से आह्हः आअह्ह्ह आआह्ह्ह भाई आह्हः आअह्ह्ह जैसी तेज आवाजे निकल रही थी.. तो मैंने उसके मुँह को दबा दिया ओर लगातार उसकी चूत मैं शॉट मार रहा था.. अब तक जीना झड़ चुकी थी ओर उसकी चूत का रस उसकी जाँघों पर बहने लगा था..
फिर मैंने अपना लंड बाहर निकाला, जीना बेड पर बैठ गई.. तो मैं उसके पास गया ओर उसका सिर पकड़ कर मेरे लंड कि तरफ दबाया.. तो उसने मेरे लंड को मुँह मैं ले लिया ओर चूसने लगी…
जीना का मुँह भी बहुत मजा दे रहा था…
कुछ देर तक उसने मेरे लंड को चूसा ओर फिर बेड पर लेट गई.. वो झड़ चुकी थी इसलिए थक गई थी तो लेट गई..
मैंने उसको पलट कर उल्टा किया ओर फिर से उसकी चूत मैं लंड घुसा दिया ओर चोदने लगा..
चोदते चोदते मैंने उसके बोबे पकड़ लिए जो हवा ने झूल रहे थे…
मेरा दूसरी बार था, एक बार पहले झड़ चूका था तो दूसरी बार तो झड़ने का नाम ही नहीं ले रहा था, में खुद भी थक चूका था, तो मैंने सोच लिया कि अब झड़ जाऊ ओर ख़त्म करू..
मैंने उसको फिर से सीधा लेटा दिया ओर तभी लाइट वापस आ गई..
मैं उसके पैरो के बीच घुटनो के बल बैठ गया ओर उसको खींच कर मेरे लंड के पास कर दिया ओर उसकी चूत मैं लंड गुसा दिया ओर उसको चोदने लगा ओर चोदते चोदते उसके ऊपर लेट गया ओर पूरा दम लगा कर उसको चोदने लगा..
अब जीना कि चूत मैं जलन होने लगी थी.. तो वो तड़पने लगी ओर मेरे कमर पर नाख़ून गड़ाने लगी.. लेकिन मैंने मेरा काम जारी रखा ओर पुरे जोश के साथ उसकी ले रहा था.. ओर लगभग 1 घंटे तक चूत लेने के बाद मुझे लगा कि अब में छूटने वाला हूँ, तभी मैंने लंड को बाहर निकाल दिया ओर उसकी चूत पर रगड़ रगड़ कर मुठ मरने लगा ओर 1 मिनट मैं ही मेरा माल जीना के पेट पर चूत गया.. मैंने हिला हिला कर पूरा माल निकाला, उसकी नाभि मेरे माल से भर गई ओर उसकी चूत से भी माल टपकने लगा..
फिर मैं उसके बगल मैं ही निढाल हो कर लेट गया..
कुछ मिनट के लिए हम दोनों ऐसे ही पड़े रहे, फिर जीना ने अपने कपडे उठाए ओर बाथरूम में जाने के लिए दरवाजा खोलने लगी, तभी मैंने उसकी पूरी तरह नंगे रूप मैं देखा ओर उसको देखता रहा..
वो बाथरूम चली गई ओर मैंने भी अपने कपडे पहन लिए..
जब वो वापस आई तब उसने अपने कपडे पहने हुए थे ओर मेरी तरफ बढ़ते हुए बोली – ये क्या कर दिया हमने? सेक्स तो कर लिया, कही कोई गड़बड़ ना हो जाए.. उसका मतलब प्रग्नेंट होने से था..
मैं मीना दीदी को एक बार पहले ही प्रग्नेंट कर चूका हूँ इसलिए अब मैं ध्यान रखता हूँ कि मेरा माल चूत मैं ना छूटे..
मैंने जीना को भी तसल्ली दे दी कि कुछ नहीं होगा टैंशन मत ले..
वो आकर मेरे पास लेट गई ओर मुझसे चिपक गई..
मैंने कहा – अब जाऊं मैं, मेरे घर, बाहर से लॉक करके आया हूँ, भाई सुबह जल्दी जाएगा, तो मैं इतना जल्दी नहीं उठने वाला, इसलिए घर जाकर ही सो जाता हूँ ताकि सुबह जल्दी उठने कि झंझट ही ख़तम..
फिर मैं मेरे घर पर आ गया ओर वो भी मेरे साथ मैं गेट तक आई ओर मेरे जाने के बाद दरवाजा बंद कर दिया.. ओर मैं भी घर आके खाना खाया, उस वक़्त 2.30 बज रहे थे.. बस फिर क्या.. खाते ही सोया ओर सीधे दूसरे दिन सुबह उठा..
वो दिन निकला ओर दूसरे दिन वापस सभी घरवालों को वही फंक्शन मैं जाना था, ओर मैंने फिर से वही सेम प्लान बनाया ओर हम तीनो भाई बहन ने वापस दारू पार्टी कि..
ओर पार्टी के बाद मैंने जीना कि जमकर चुदाई कि..
दूसरी रात वाली चुदाई कि कहानी मैं आपको मेरी अगली पोस्ट में बताऊंगा….
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